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गरीबों हेतु जान देने वाली इतालवी सिस्टर को ईरान ने निकाला

पचहत्तर वर्षीय बहन जुसेपीना बर्टी को वीज़ा नवीनीकरण से वंचित कर दिया गया है। वे इटली लौटने के लिए मजबूर हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-टिकन सिटी

तेहरान, शनिवार,12 जून 2021 (वाटिकन न्यूज) :  पचहत्तर वर्षीय सिस्टर जुसेपीना बर्टी, जो 26 साल तक ईरान के तबरीज़ के कोढ़ केंद्र में काम कर चुकी हैं और अब डॉटर्स ऑफ चारिटी ऑफ संत विंसेंट डी पॉल धर्मसमाज के एक कॉन्वेंट इस्फ़हान में रहती हैं, उन्हें आने वाले दिनों में ईरान छोड़ना होगा। दरअसल, उनके वीजा का नवीनीकरण नहीं हुआ है और उन्हें वापस लौटने का आदेश मिला है। उनके जाने से उनकी साथी, 77 वर्षीय ऑस्ट्रियाई धर्मबहन फबियोला वीस के लिए मुश्किल हो जाएगा, जिन्होंने कुष्ठ अस्पताल में गरीबों और बीमारों को 38 साल समर्पित किए हैं और जिनके निवास परमिट को एक और वर्ष के लिए नवीनीकृत किया गया है।

दो धर्मबहनें, जिन्होंने धार्मिक या जातीय भेद के बिना देश के बीमारों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है, उन्हें 1937 में बने धर्मसमाज के घर को छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस्फ़हान में, संत विंसेंट डी पॉल की धर्मबहनों ने खुद को युवाओं की शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए वर्षों तक समर्पित किया था। 1942 के वसंत में ईरान पहुंचे सैकड़ों पोलिश बच्चों, शरणार्थियों और युद्ध अनाथों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी याद किया जाना चाहिए। दरअसल, बहनों ने शहर में एक बड़ा स्कूल चलाया, जिसे 1979 की क्रांति के बाद जब्त कर लिया गया था। हाल के वर्षों में, दोनों बहनों ने धर्मांतरण के आरोप से बचने के लिए कोई बाहरी गतिविधियाँ नहीं की।

धर्मबहनों का वर्तमान में इस्फहान में लैटिन काथलिक कलीसिया की एकमात्र घर है और 1939 में निर्मित उनका प्रार्थनालय, "पावरफुल वर्जिन" पल्ली के रूप में कार्य करता है, जिसे कभी-कभी आगंतुकों के लिए के पवित्र मिस्सा समारोह के लिए उपलब्ध कराया जाता है।

यह ईरान में काथलिक कलीसिया की वर्तमान वास्तविकता है: तेहरान-अहवाज़ और उर्मिया-सलमास के दो असीरियन-खलदेई महाधर्मप्रांत, जिनमें एक धर्माध्यक्ष और चार पुरोहित हैं (2019 की गर्मियों में, तेहरान के प्रशासक, प्राधिधर्माध्यक्ष रामज़ी गार्मौ, को भी वीज़ा नवीनीकरण से वंचित कर दिया गया था और वे अब देश नहीं लौट सकता थे), एक अर्मेनियाई धर्मप्रांत जिसमें केवल एक धर्माध्यक्ष है और वर्तमान में लैटिन महाधर्मप्रांत में कोई पुरोहित नहीं है और नए नियुक्त महाधर्माध्यक्ष दोमिनिक मैथ्यू के आगमन की प्रतीक्षा कर रहा है।  देश में संत विंसेंट डी पॉल की धर्मबहनें काम करती हैं, जिसमें तेहरान में तीन धर्मबहनें और इस्फ़हान में दो धर्मबहनें हैं। दो समर्पित महिलाएँ भी हैं। देश में विश्वासियों की संख्या लगभग 3,000 है।

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12 June 2021, 13:15