पानी पर निजीकरण कानून के विरोध में पर्यावरण संगठन ओर विश्वविद्यालय के छात्र पानी पर निजीकरण कानून के विरोध में पर्यावरण संगठन ओर विश्वविद्यालय के छात्र 

एल साल्वाडोर में पानी पर कानून निजीकरण नहीं, कलीसिया की अपील

जल संसाधनों और पीने के पानी की समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने सभी राजनीतिक दलों के बीच चर्चा और संवाद को बढ़ावा दिया। कार्डिनल ग्रेगोरियो की आशा है कि जल संसाधनों पर कानून को बहुत गंभीरता से और पूरी चर्चा के साथ लागू किया जाएगा ताकि आबादी के लिए सबसे अच्छा समाधान खोजा जा सके।

माग्रेट सुनीता मिंज- वाटिकन सिटी

एल सालवाडोर, बुधवार 23 जून 2021 (वीएनएस) : "सभी राजनीतिक क्षेत्रों के बीच चर्चा और संवाद हो", ये पानी पर एक नए कानून के एक अध्ययन के शुभारंभ के लिए एल सल्वाडोर में सैन सल्वाडोर के सहायक धर्माध्यक्ष, कार्डिनल ग्रेगोरियो रोजा चावेज़ की अपील है। दरअसल, 18 जून को विधान सभा के अध्यक्ष डिप्टी अर्नेस्टो कास्त्रो ने पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन आयोग के विधायकों के साथ मिलकर सरकार द्वारा तैयार पानी पर विधायी परियोजना प्राप्त की। ग्रेगोरियो कार्डिनल ने कहा, "मुझे आशा है कि जल संसाधनों पर कानून को बहुत गंभीरता से और पूरी चर्चा के साथ लागू किया जाएगा ताकि आबादी के लिए सबसे अच्छा समाधान खोजा जा सके।"। उन्होंने कहा, "मैं वास्तव में खुली बहस और टकराव की उम्मीद करता हूँ, क्योंकि देश में यह एक गंभीर समस्या है और लोग अब नहीं जानते कि पीने का पानी कहां से लाएं।"

कलीसिया द्वारा जल संसाधन के निजीकरण  पर विरोध

कहा जाता है कि "पानी और स्वच्छता पर कानून", विधायी परियोजना "नुओवे आइडिया" द्वारा समर्थित है, जिस पार्टी से अर्नेस्टो कास्त्रो संबंधित है, साथ में वामपंथी "फराबुंडो मार्टी फ्रंट फॉर नेशनल लिबरेशन" और रूढ़िवादी पार्टी "राष्ट्रवादी रिपब्लिकन एलेयांस" पार्टियों द्वारा भी समर्थित है। विशेष रूप से, यह सल्वाडोरन जल प्राधिकरण (एएसए) के निर्माण का प्रस्ताव करता है, जो विशेष रूप से राष्ट्रपति द्वारा चुने गए सरकारी प्रतिनिधियों से बना है। एएसए निजी व्यक्तियों को अधिकतम 15 वर्षों की अवधि के लिए, पानी का उपयोग या दोहन करने के लिए अधिकृत करने में सक्षम होगा और यह नवीकरणीय होगा। लेकिन पर्यावरण संगठनों के लिए, यह कुल निजीकरण की ओर एक कदम से ज्यादा कुछ नहीं है, जिसके खिलाफ कलीसिया ने कई बार कदम भी ले चुका है।

यह याद रखना चाहिए कि अप्रैल 2015 में, एल साल्वाडोर सरकार ने जलवायु परिवर्तन के कारण लंबे समय तक सूखे, मुख्य रूप से देश के मध्य क्षेत्र में पानी की कमी के कारण राष्ट्रीय आपातकाल का फैसला किया। वर्षों से, जल क्षेत्र को विनियमित करने के लिए विशेष रूप से पीने के पानी के नियंत्रण और उपयोग के लिए एक विनियमन तैयार करने के लिए कई विधायी प्रस्ताव आए हैं, कई मौकों पर, धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने निजीकरण के लिए अपनी ना को दोहराया, उदाहरण के लिए 2018 में नोट किया कि "पानी बाजार के नियमों के अधीन होने वाली वस्तु नहीं है।"

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23 June 2021, 14:53