पवित्र भूमि पवित्र भूमि 

प्राधिधर्माध्यक्ष ने येरूसालेम में शांति एवं क्षमाशीलता का आह्वान किया

येरूसालेम के लातीनी प्राधिधर्माध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष पियेरबत्तिस्ता पित्साबाला ओ एफ एम ने पेंतेकोस्त रविवार को अपने उपदेश में एकता एवं क्षमाशीलता पर जोर दिया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिक सिटी

पवित्र भूमि, मंगलवार, 25 मई 2021 (वीएनएस)- पेंतेकोस्त महापर्व के अवसर पर, पवित्र भूमि के डोर्मिशन (कुँवारी मरिया का इस दुनिया से चला जाना) महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए महाधर्माध्यक्ष पियरबत्तिस्ता ने याद दिलाया कि "पवित्र आत्मा का कार्य एक एकजुट करना है" जो भाईचारा उत्पन्न करता, विविधता को एक साथ लाता और यही कलीसिया का उद्गम है।"

पवित्र आत्मा और क्षमाशीलता का वरदान

"पवित्र आत्मा प्रदत्त नया जीवन, एकाकी में जीते हुए सिर्फ अपनी पूर्णता की खोज करने का जीवन नहीं है बल्कि उन भाइयों से मुलाकात करना है जिनके साथ हम अपने जीवन को साझा कर सकें। यदि इसे न बांटा जाए, साझा न किया जाए, नहीं दिया जाए, तो इसे जीया नहीं जा सकता है, क्योंकि यह जीवन एक उपहार है।" यदि हम इसे केवल अपने लिए रखते हैं तो इसमें आत्मा नहीं रहेगी और हम मर जायेंगे। यही कारण है कि पवित्र आत्मा के वरदान से नजदीकी से जुड़े रहना है, जो पापों की क्षमाशीलता है, बुराई को मनुष्य पर हावी न होने देने की क्षमता है,  रिश्तों को नष्ट नहीं होने देता है।”   

कलीसिया एवं समाज में विभाजन

प्राधिधर्माध्यक्ष ने गौर किया कि मानवीय सच्चाई अलग है, ख्रीस्तीयता के केंद्र येरूसालेम में, कलीसियाओं में विविधता देखी जा सकती है वे एकजुट नहीं हैं। उन्होंने कहा, "हम हर तरह की विविधता देख सकते है˸ कलीसिया, समाज, राजनीति, परिवार में।" उन्होंने पवित्र भूमि में हाल में हुई हिंसा की भी याद की जहाँ 11 दिनों तक इस्राएल एवं फिलीस्तीन के हमास दल के बीच युद्ध लड़े गये। उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि पवित्र आत्मा येरूसालेम के लोगों में प्रवेश नहीं कर सकता।"  

एकता, साझा एवं आपसी प्रेम के कार्य अब भी हैं

प्राधिधर्माध्यक्ष ने दूसरी ओर अनेक सुन्दर वास्तविकताओं की ओर ध्यान खींचा जो पवित्र भूमि में अब भी पाया जाता है। कई लोग और  संस्थाएँ हैं जो एकता, साझा करने और आपसी प्रेम को देखने का कार्य करते हैं जो अभी भी हमारे बीच मौजूद हैं।"

पेंतेकोस्त हमसे एकता, बांटने, प्रेम और शांति का आह्वान करता है

उन्होंने जोर दिया कि "पेंतेकोस्त हमारा आह्वान करता है कि हम एकता, बांटने, प्रेम और शांति के निर्माता बनें। ये वरदान हैं जो ऊपर से आते हैं किन्तु हमें उन्हें अपने हाथों से निर्मित करना है, अपने समर्पण एवं सच्ची इच्छा द्वारा। पवित्र आत्मा एक ऊर्जा है जो हमें शक्ति प्रदान करता है किन्तु यह ईश्वर के बेटे-बेटियों के रूप में जीने के हमारे चुनाव की स्वतंत्रता को नहीं लेता।  

महाधर्माध्यक्ष पित्साबाला ने प्रार्थना की कि "प्रभु हमारी बेवफ़ाई को क्षमा करे, हमें आपस में एक-दूसरे को क्षमा देने की शक्ति प्रदान करे और पवित्र आत्मा के कार्यों के सहयोगी एवं दुनिया में एकता एवं शांति के निर्माता बनने की हमारी चाह को बल प्रदान करे।"

 

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25 May 2021, 15:33