"ब्रूनो कॉफ़ी": धरती की देखभाल में एकजुटता की सुगंध

थाईलैंड में एक गैर-लाभकारी "लौदातो सी 'सामाजिक उद्यम" द्वारा, इतालवी मिशनरियों का एक समूह यह सुनिश्चित कर रहा है कि स्थानीय मजदूरों के अधिकारों की गारंटी हो और उनके बच्चों की शिक्षा तक पहुंच हो।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

थाईलैंड,बुधवार 28 अप्रैल 2021 (वाटिकन न्यूज) : थाईलैंड के उत्तर में स्थित चाई होम के मरिया शांति की महारानी पल्ली में इटली के फ़िदेई डोनम मिशनरियों के एक समूह ने कॉफी की खेती और बिक्री के लिए एक परियोजना बनाई। यह परियोजना न केवल उत्पादन की गुणवत्ता के संदर्भ में विशेष है,  बल्कि इसलिए भी कि सभी लाभ बच्चों की छात्रवृत्ति प्रदान करने, स्थानीय ग्रामीणों को स्थानीय फसलों की खेती करने और उनके रहने की स्थिति के सामान्य सुधार की दिशा में प्रशिक्षित करने के लिए जाते हैं। दस साल से अधिक समय से स्थापित, इस पल्ली के प्रेरितिक कार्यों ने पहले विश्वपत्र लॉडाटो सी में संत पापा फ्राँसिस द्वारा व्यक्त बुनियादी मूल्यों को अपनाया।

मिशन की शुरुआत

चियांग माई धर्मप्रांत का मिशन उत्तर इटली "त्रिवेनेतो" धर्मप्रांत के बीच एक मिशनरी सहयोग बनाने की इच्छा से चाई होम में शुरू हुआ। यह इच्छा पहली बार अप्रैल 1990 में एक्विलिया (उदीने) में एक बैठक के दौरान व्यक्त की गई थी। कुछ महीने बाद उसी साल के दिसंबर में, संत पापा जॉन पॉल द्विताय के प्रेरितिक उद्बोधन ‘रिडेम्टोरिस मिसियो’ के प्रकाशन के माध्यम से उस अंतर्ज्ञान की पुष्टि हुई। इसमें संत पापा ने संकेत दिया कि मिशन के लिए चुने जाने वाले क्षेत्रों में एशिया महाद्वीप को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

सात साल बाद, इटली के विचेन्ज़ा धर्मप्रांत के फादर पिएत्रो मेलोत्तो और फादर गाब्रिएल गैस्टालडेलो ने चाई होम में अपनी प्रेरितिक सेवा शुरू की। पादुआ के धर्माध्यक्ष  अंतोनियो मटियाज़ो ने उनका साथ दिया। बाद में 1999 में पादुआ धर्मप्रांत के फादर ब्रूनो रॉसी और फादर लोरेंजो बियसिओन, उनके साथ शामिल हो गए। चार साल बाद, वेरोना धर्मप्रांत के फादर जुसेप्पे बेर्टी उनके साथ शामिल हुए। त्रिवेनेतो का समूह ज़वेरियन सिस्टर्स (सिस्टर्स ऑफ़ चैरिटी ऑफ़ सेंट जीन-एंटाइड थाउरेट) और 2008 से 2010 के बीच, पादुआ धर्मप्रांत से फादर एत्तिलियो डे बत्तिस्ती और फादर रफाएले सांदोना और बेलुनो धर्मप्रांत से फादर ब्रूनो सोपेल्सा के आगमन के साथ पूरा हो गया था।

चाई होम में 1 मई 2000 को मरिया शांति की महारानी पल्ली को आधिकारिक तौर पर स्थापित किया गया। इस पल्ली के अधीन पर्वतीय क्षेत्र में फैले 40 गाँव हैं जो 3,000 किमी से अधिक क्षेत्र में फैले हुए हैं। उनकी प्रेरितिक देखभाल में वे लोग शामिल हैं जो कई प्रकार के जातीय समूहों से संबंधित हैं: अखा, लहु, करेन, मियां, इसान, लिसु, हमोंग, जिनमें से प्रत्येक की अपनी संस्कृति, भाषा और परंपराएँ हैं।

पल्ली को एक पूर्व-मौजूदा संरचना पर बनाया गया था, भौतिक भवन के साथ-साथ इसके प्रेरितिक मंत्रालय के रूप में, जो शुरुआत में पीमे मिशनरियों के हाथों में था, जिनका ध्यान मूल रूप से चीन, म्यांमार और लाओस से आए छोटे समुदायों की आध्यात्मिक और भौतिक सहायता देना था। देश की 120,000 आबादी में ख्रीस्तीय लगभग 1% हैं।

कॉफी बीज जमा करते हुए लोग
कॉफी बीज जमा करते हुए लोग

मिशन गतिविधियाँ

मरिया शांति की महारानी पल्ली के मिशनरियों का पहला प्रेरितिक कार्य था पल्ली के चारों ओर बनाए गए केंद्रों में गांवों के बच्चों और युवाओं को स्कूली शिक्षा प्रदान करना। पहाड़ी क्षेत्रों और निचले प्रदेश को जोड़ने वाले टूटे सकरे रास्ते, बारिश का मौसम और शिक्षकों की अनुपस्थिति ने युवाओं को किसी भी प्रकार की शिक्षा पाने से लंबे समय तक वंचित रखा था। इस प्रकार, 4 शैक्षिक केंद्रों को स्थापित किया गया, जहाँ 40 से अधिक गाँवों और 7 विभिन्न जनजातियों के सैकड़ों बच्चों को शिक्षा और रहने का स्थान मिला।

फादर ब्रूनो रॉसी बताते हैं कि अभी भी 4 में से 2 केंद्र सक्रिय हैं। यह एक संकेत है कि खुद से स्कूलों तक पहुंचने की स्थितियों में सुधार हुआ है।" पल्ली की गतिविधियों में गांवों में आध्यात्मिक सहायता प्रदान करने और स्थानीय प्रचारकों का प्रशिक्षण भी शामिल है, जिससे मिशनरियों को विभिन्न जनजातियों, संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं से आने वाले लोगों तक पहुंचने में सहायता मिलती है।

थाईलैंड की जनसंख्या का केवल .5% काथलिक है। अधिकांश लोग बौद्ध हैं। यह वास्तविकता इन स्थानीय जनजातियों में और भी खंडित है। फादर ब्रूनो ने कहा, “हमारा पल्ली शैक्षिक केंद्रों में नाबालिगों को दी जाने वाली सेवाओं से जुड़ा हुआ है। जब कोई हमारे पास आता है, तो हम उसकी जरुरत पर ध्यान देते हैं चाहे वह किसी धर्म या जाति का हो। हम सभी ईश्वर के बच्चे हैं। इसलिए, हमारी दैनिक बातचीत में, हम बिना किसी शर्त के सभी की मदद करने और प्यार करने की कोशिश करते हैं। हमारे सुसमाचार प्रचार के प्रयासों में एक स्पष्ट प्रस्ताव शामिल है, जिसे हर कोई देख सकता है। जो लोग ख्रीस्तीय बनना चाहते हैं वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

मरियम शांति की महारानी पल्ली छात्रावास के छात्र
मरियम शांति की महारानी पल्ली छात्रावास के छात्र

प्रदूषण की प्रतिक्रिया

2019 में प्रकाशित शिकागो स्थित एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स की एक रिपोर्ट से पता चला है कि वायुमंडलीय प्रदूषण के कारण जीवन-प्रत्याशा में कुछ वर्षों से कमी आई है। यह भी पता चला कि निगरानी अवधि के दौरान कुछ दिनों के लिए, चियांग माई दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर था, जो प्रदूषण के अधिकतम स्तरों के लिए निर्धारित अंतरराष्ट्रीय मानकों से कहीं अधिक था।

ऊंचे स्तरों के प्रदूषण के मुख्य कारकों में से एक है पराली जलाने का अभ्यास - उपज को बढ़ाने और अगले सीजन के लिए मिट्टी तैयार करने के लिए कृषि अवशेषों को जलाना - मुख्य रूप से मकई की खेती में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, कीटनाशकों का उपयोग और भी प्रदूषण में योगदान देता है विशेष रूप से बरसात के मौसम के दौरान जब ये रसायन स्थानीय जलमार्ग में प्रवाहित होते हैं।

चाई होम में मरिया शांति की महारानी पल्ली आने वालों को इन प्रथाओं का परिणाम भुगतना पड़ता है। फादर ब्रूनो रॉसी बताते हैं, "जब विश्वासी पवित्र मिस्सा समारोह में पवित्र युखरीस्त को ग्रहण करने अपने हाथ सामने करते हैं तो हमने देखा कि उनके हाथ, कीटनाशकों के अवशेष लाल धूल से ढंके हुए हैं। यह हमारे लिए महत्वपूर्ण मोड़ था: हमें एहसास हुआ कि मसीह के शरीर को घायल हाथों में रखा गया था, एक वास्तविक और सच्ची जीवन देने वाली कार्रवाई जिससे मौत के संकेत मिले।

इसलिए, मिशनरियों ने सुझाव दिया कि कॉफी बागानों को पहाड़ी क्षेत्रों से नीचे समतल क्षेत्र की ओर बढ़ाया जाए। फादर ब्रूनो ने माना कि जैविक खेती की शुरुआत करने का विचार तब आया जब पल्ली में रहने वाले छात्रों के परिवारों द्वारा उगाई गई कॉफी की कुछ फलियों का स्वाद चखा गया। उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाला था, लेकिन क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली भुनने की प्रक्रियाएं वैसी सुगंध पैदा नहीं करती थीं, जैसा कि उनके मूल देश में मिशनरियों द्वारा किया जाता था। इस प्रकार, 2012 में पहली रोस्टिंग मशीन के आगमन के साथ और फिर अन्य सुधार करते हुए, उन्होंने कॉफी के जैविक उत्पादन और बिक्री प्रक्रिया दोनों को शुरू किया। ये उत्पाद की गुणवत्ता और क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता दोनों को बढ़ाते हैं। प्रतिस्पर्धी कीमतों पर कॉफी की बिक्री ने चाई होम के गांवों में रहने वाले किसानों की गरिमा को बहाल किया, साथ ही छात्रों के लिए छात्रवृत्ति का निर्माण किया। इसके अलावा, गतिविधि को गैर-लाभकारी "लोदातो सी 'सामाजिक उद्यम" द्वारा विनियमित किया जाता है, जो कानून और राज्य के नियमों के पूर्ण अनुपालन में, साथ ही संत पापा फ्राँसिस के 2015 के विश्वपत्र लौदातो सी द्वारा प्रेरित मूल्यों के साथ, सामान्य भलाई में योगदान करने के उद्देश्य से बनाया गया है।

एक कॉफी बागान को निरीक्षण करते फादर ब्रूनो रॉसी
एक कॉफी बागान को निरीक्षण करते फादर ब्रूनो रॉसी

लॉडाटो सी 'अग्रदूत

"ब्रूनो कॉफ़ी" का उत्पादन दस साल से भी पहले शुरू हुआ था, लौदातो सी के प्रकाशन से भी पहले। हालाँकि, मिशनरी के कार्यों और उनके सहयोगियों को प्रेरित करने वाले सिद्धांत संत पापा फ्राँसिस के शब्दों के साथ पूर्ण सामंजस्य रखते हैं, जो हमारे सामान्य घर की देखभाल के दस्तावेज़ में पाए गए हैं। "हमने काम और आराम दोनों को ध्यान में रखने की कोशिश की", फादर रॉसी बताते हैं, "साथ ही एक सुरक्षित वातावरण में स्वस्थ रहने की समुदाय की इच्छा भी।" हमने अपने सामान्य घर की देखभाल करने की कोशिश की, प्रकृति का सम्मान किया और इसके साथ अपने काम में सामंजस्य बैठाया। यह एक ऐसी आवश्यकता है जो अंतःकरण से आती है, एक अभिप्रेरणा जो इसे उन मूल्यों के साथ लाती है जो पूरी तरह से एशियाई संस्कृति में भी साझा किए जाते हैं। हमें यह अभिविन्यास संत पापा फ्राँसिस के विश्वपत्र से मिला। उन्होंने हमारे काम के लिए प्रेरणा प्रदान की। हम ख्रीस्तियों के लिए, प्रकृति ईश्वर के समीप जाने का भी एक महत्वपूर्ण वाहन बन सकती है, जैसा कि असीसी के संत फ्रांसिस ने हमें सिखाया था। प्रकृति हमें जीविका प्रदान करती है और हमें एक पुण्य चक्र को सुविधाजनक बनाने के लिए इसका सम्मान करना सीखना चाहिए।

मजाक करते हुए, फादर ब्रूनो अपने पल्लीवासियों की तुलना कॉफी बीजों से करते हैं - हर एक दूसरों से अलग है, प्रत्येक की अपनी अनूठी और अप्राप्य कहानी है। यह रोस्टिंग है जो फर्क करता है। यानी, सभी में सर्वश्रेष्ठ लाने की क्षमता, ठीक वैसे ही जैसे अच्छे शिक्षक अपने छात्रों के साथ करते हैं। “हम पूरे थाईलैंड में प्रति माह लगभग 800 किलो भुनी हुई कॉफी का उत्पादन, पैकेज और निर्यात करते हैं। सबसे बड़े ऑर्डर आमतौर पर होटल और उत्सुक पर्यटकों से आते हैं जो इतालवी-भुनी हुई कॉफी का स्वाद लेना चाहते हैं। “महामारी ने पर्यटकों की कमी से जुड़ी बहुत सारी कठिनाइयाँ पैदा की हैं। लेकिन इससे परियोजना रुकी नहीं है। इसके बजाय, हम चाई की मूल फसलों की खेती को प्रोत्साहित कर रहे हैं और काकाओ की खेती और प्रसंस्करण से जुड़े एक हालिया प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, जो कि मैदानी इलाकों में भी आसानी से उगाया जाता है, इस प्रकार वहां रहने वाले श्रमिकों को जीविका दी जाती है जो कॉफी की खेती कर सकते हैं।”

कॉफी का उत्पादन
कॉफी का उत्पादन

* क्यूब रेडियो - सलेसियन यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ वेनिस और वेरोना

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28 April 2021, 15:30