कार्डिनल लेओनार्दो सांद्री धर्मविधि में भाग लेते हुए कार्डिनल लेओनार्दो सांद्री धर्मविधि में भाग लेते हुए 

अर्मेनिया में नरसंहार की 106वीं बरसी मनायी गई

अर्मेनिया में नरसंहार की 106वीं बरसी पर 24 अप्रैल को रोम के परमधर्मपीठीय अर्मेनिया कॉलेज में पवित्र धर्मविधि सम्पन्न कर शहीदों की याद की गई।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

रोम, शनिवार, 24 अप्रैल 2021 (रेई)- इस अवसर पर पूर्वी यूरोप में अर्मेनियाई विश्वासियों के महाधर्माध्यक्ष रफाएल मिनास्सियन तथा कॉलेज के रेक्टर फादर नारेग नामोयान, रोम में अर्मेनियाई प्रेरितिक कलीसिया के प्रतिनिधि महाधर्माध्यक्ष खजाग बरसामियन, वाटिकन एवं इटली के लिए अर्मेनिया के राजदूत फादर हेयाचिंके देसतिवेल्ले उपस्थित थे।

24 अप्रैल को हर साल अर्मेनियाई नरसंहार की यादगारी मनायी जाती है जिसको मेत्ज़ येग्हेर्न कहा जाता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे "20वीं सदी के पहले नरसंहार" के रूप में जानती है। इस दिन विश्वभर के अर्मेनियाई समुदाय प्रार्थना के लिए एकत्रित होते एवं अपने लाखों शहीदों की याद करते हैं।

कार्डिनल सांद्री ने पवित्र धर्मविधि के दौरान उपदेश में कहा, "106 साल पहले की दुखद घटना पूरे मानव इतिहास में एक कलंक है किन्तु अर्मेनियाई पीड़ितों ने योजनाबद्ध तरीके से दी गई इस पीड़ा में अपने विश्वास के खजाने को नहीं खोया और उन्होंने ईश्वर की सांत्वना को प्रकट किया। यह उन लाखों पुरूषों, महिलाओं, बुजूर्गों और बच्चों की यादगारी है जिन्हें मेत्ज़ येग्हेर्न "बड़ी बुराई" के समय मार डाला गया था जो पिछली शताब्दी (1915-16) के दौरान हुआ। धर्मविधि का अनुष्ठान महाधर्माध्यक्ष रफायएल मिनास्सियन ने किया।

कार्डिनल सांद्री ने लोगों की पीड़ा की याद की जिन्होंने 301 में बपतिस्मा लेकर इतिहास में प्रवेश किया और बहुत अधिक हिंसा का सामना किया किन्तु फिर उठे। उन्होंने कहा कि वे कठिन परिश्रमी, बुद्धिमान, कला एवं संस्कृति में निपुण लोग हैं।  

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24 April 2021, 14:11