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ईस्टर को निर्धारित चुनाव तारीख बदलने हेतु ख्रीस्तियों की अपील

त्रिपुरा के ख्रीस्तियों ने ईस्टर रविवार में होने वाले चुनावों की तिथि को बदलने की मांग की है क्योंकि ख्रीस्तियों के महत्वपूर्ण धर्मविधियों में उनकी सहभागिता में बाधा आयेगी।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

त्रिपुरा, सोमवार 8 मार्च 2021 (रेई) :  भारत के पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में जिला चुनाव, 4 अप्रैल, ईस्टर रविवार को निर्धारित है। इस तारीख ने ख्रीस्तियों की निराशा को बढ़ा दिया है क्योंकि मतदान के दिन ही ख्रीस्तियों का सबसे बड़ा महापर्व ईस्टर है। त्रिपुरा के राज्य को कवर करने वाले अगरतल्ला धर्मप्रांत के प्रवक्ता फादर जोसेफ पुलिन्थनाथ ने एक नोट में कहा, "ईस्टर पवित्र सप्ताह का सबसे महत्वपूर्ण समारोह है, जिसमें सभी ख्रीस्तीय भाग लेना चाहते हैं और इस चुनावी प्रक्रिया के कारण उनकी भागीदारी में बाधा आयेगी।"  इसके अलावा, चुनाव आयोग को लिखे पत्र में, स्थानीय धर्माध्यक्ष लुमेन मोंटेरो ने ख्रीस्तीय समुदाय के लिए अपनी चिंताओं को व्यक्त किया: "ईस्टर रविवार को आयोजित चुनाव काथलिक विश्वासियों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाएगा। मतदान करने के लिए लोगों को अपने अधिकार का उपयोग करने और उन्हें ईस्टर की धर्मविधि को पूरा करने के लिए धर्माध्यक्ष ने  राज्य के ख्रीस्तीय मतदाताओं के हित में मतदान की तारीख फिर से निर्धारित करने की मांग की है।

धर्माध्यक्ष लुमेन के पत्र की प्रतियां राष्ट्रीय चुनाव आयोग, त्रिपुरा सरकार और स्थानीय जिला मतदान के निर्वाचन अधिकारी को भी भेजी गईं। क्रिश्चियन फोरम फॉर ह्यूमन राइट्स भी चर्च की अपील में शामिल हो गया है। बांग्लादेश के साथ सीमा पर स्थित, त्रिपुरा राज्य भारत में सबसे छोटा है। भौगोलिक रूप से पर्वत श्रृंखलाओं के कारण देश से अलग-थलग पड़ा है। मुख्य रूप से कृषि आर्थिक आय का आधार है। यहाँ गरीबी और बेरोजगारी है साथ ही बुनियादी ढाँचे की कमी है। 3 मिलियन से अधिक निवासियों का निवास, त्रिपुरा राज्य में मुख्य रूप से हिंदू हैं, जिसका 83% आबादी में ख्रीस्तीय सिर्फ 4 प्रतिशत हैं। 8.6 प्रतिशत मुसलमानों की आबादी है। शेष प्रतिशत सिखों और स्थानीय पंथों के बीच विभाजित है।

विदित हो कि बंगाल और असम के राज्यों में ख्रीस्तियों द्वारा चुनाव स्थगित करने के अनुरोध भी प्रस्तुत किए गए थे, जहां 1 अप्रैल, पवित्र गुरुवार को मतदान होना है। हालांकि, इन याचिकाओं को अधिकारियों ने इस आधार पर खारिज कर दिया था कि "आवश्यक प्रावधान पहले ही शुरू किए गये हैं और पूरे हो चुके हैं।"

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08 March 2021, 16:02