आयरिश धर्माध्यक्षों द्वारा धर्मों व संस्कृतियों के बीच वार्ता को प्रोत्साहन
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
आयरलैंड, बृहस्पतिवार, 4 फरवरी 2021 (वीएनएस)- आज 4 फरवरी, मानव भ्रातृत्व पर अंतरराष्ट्रीय दिवस को पहली बार मनाया जा रहा है। इस दिवस की घोषणा संयुक्त राष्ट्रसंघ ने की है। समारोह में वर्चुवल रूप से संत पापा फ्रांसिस भी भाग ले रहे हैं।
इसी दिन 4 फरवरी 2019 को संत पापा फ्राँसिस एवं अल अजहर के ग्रैंड ईमाम अहमद अल ताय्येब ने संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में, "मानव बंधुत्व पर दस्तावेज" में हस्ताक्षर की थी।
आयरिश काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने मानव भ्रातृत्व पर अंतरराष्ट्रीय दिवस का समर्थन किया है। सम्मेलन के न्याय एवं शांति विभाग के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष एलेन मैकगुकैन ने एक बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है, "मानव प्राणी और ईश्वर पर विश्वास करनेवालों के रूप में हमें जो एक साथ लाता है वह उससे बढ़कर है जो विभाजन के कारण आसानी से दिखाई पड़ता है।”
उन्होंने कहा, "मानव भ्रातृत्व पर दस्तावेज" अन्याय, गरीबी, चरमपंथ और पर्यावरणीय पतन जैसी चुनौतियों को रेखांकित करता है जिनका सामना हम विश्वभर में कर रहे हैं।" अतः उन्होंने आयरिश काथलिक कलीसिया को निमंत्रण दिया है कि वे भले समारी के उदाहरण को देखें जिसको प्रेरितिक पत्र "फ्रातेल्ली तूत्ती" में चिन्हित किया गया है। हम यों ही पार न हो जाएँ बल्कि सभी सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक घेरों से बाहर निकलकर अपने पड़ोसी की देखभाल करें।
डबलिन के धर्माध्यक्षों की आशा
अतः डबलिन के धर्माध्यक्षों की आशा है कि "विश्वासी इसपर चिंतन करेंगे एवं अंतरधार्मिक वार्ता एवं अंतर-सांस्कृतिक वार्ता के हित में अपने प्रयासों को बढ़ायेंगे, सहिष्णुता की संस्कृति को प्रोत्साहित करेंगे, दूसरों को स्वीकार करेंगे एवं शांति पूर्व एक साथ जी सकेंगे, ताकि आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और पर्यावर्णीय समस्या जो मानवता के एक बड़े हिस्से पर भारी पड़ रहा है उसको कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकेगा।"
अंततः, मानव भ्रातृत्व पर दस्तावेज का हवाला देते हुए मोनसिन्योर मैकगुकैन ने कहा है, "विश्वास, एक विश्वासी को, दूसरे व्यक्ति को भाई के रूप में देखने के लिए प्रेरित करता है जिसको सहारा एवं प्यार दिया जाना चाहिए। ईश्वर जिन्होंने विश्व, जीव-जन्तुओं एवं मानव प्राणी की सृष्टि की है उनपर विश्वास द्वारा हम जानते हैं कि उनकी दया में हम एक समान हैं। विश्वासी इसी मानव भ्रातृत्व को प्रकट करने, सृष्टि की रक्षा करने एवं पूरे विश्व तथा हरेक व्यक्ति को सहयोग देने के लिए बुलाये गये हैं, खासकर, सबसे जरूतमंद एवं गरीब लोगों को।"
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