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इराक का मोसुल शहर इराक का मोसुल शहर 

संत पापा से इराक समस्याओं के हल की अपेक्षा करना गलत है

बगदाद के खलदेई काथलिक कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष ने संत पापा फ्राँसिस की इराक यात्रा के बारे में सोशल मीडिया पर लोगों से आग्रह किया कि वे इसे सफल बनाने के लिए अधिक सकारात्मक और हर चीज का समर्थन करें।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

बगदाद, शनिवार 20 फरवरी 2021 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस "देश की सभी समस्याओं को हल करने के लिए इराक नहीं आ रहे हैं और न ही प्रवासी ख्रीस्तियों को वापस लाने या उनकी जब्त संपत्ति को वापस पाने के लिए कार्य करना उनका कर्तव्य है।" यह इराकी सरकार की जिम्मेदारियों में से एक है कि वे उनकी वापसी के लिए उपयुक्त परिस्थितियां बनाएं।” बगदाद के खलदेई काथलिक प्राधिधर्माध्यक्ष, कार्डिनल लुइस राफेल साको ने धर्मप्रांत की वेबसाइट पर एक आधिकारिक बयान में यह बात कही। वे सोशल मीडिया पर संत पापा की यात्रा की आलोचना करने वालों को जवाब दे रहे थे।

वाटिकन ने 7 दिसंबर 2020 को घोषणा की कि संत पापा फ्राँसिस 5 से 8. मार्च तक इराक की प्रेरितिक यात्रा करेंगे। मध्य-पूर्वी देश में संत पापा की यह पहली यात्रा होगी। संत पापा बगदाद, उर, मोसुल और क़ाराकोश के मैदानी इलाकों का दौरा करेंगे।

कोविद -19 महामारी के कारण 15 महीने के अंतराल के बाद यह संत पापा की पहली विदेश यात्रा होगी। संत पापा फ्राँसिस ने इटली के बाहर अंतिम बार नवंबर 2019 में थाईलैंड और जापान की यात्रा की थी।

संत पापा जॉन पॉल द्वितीय का अधूरा सपना

1999 में, संत पापा जॉन पॉल द्वितीय जुबली वर्ष 2000 के अवसर पर प्राचीन इराक, पवित्र भूमि और मिस्र की यात्रा करना चाहते थे। परंपरागत रूप से, उर तीन एकेश्वरवादी धर्म - ईसाई धर्म, यहूदी धर्म और इस्लाम धर्म- के पिता अब्राहम के जन्मस्थान के रूप में माना जाता है, लेकिन सद्दाम हुसैन के शासन काल में सुरक्षा चिंताओं सहित कई  अन्य कारणों से इराक की यात्रा का सपना कभी भी सफल नहीं हुआ। संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने 2000 में पवित्र भूमि और मिस्र का दौरा किया। संत पापा फ्राँसिस अब अपने पूर्ववर्ती के सपने को साकार करने के लिए तैयार हैं।

2003 में अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण और 2014 में इस्लामिक स्टेट द्वारा एक तिहाई देश का सफाया करने के बाद इराक में ख्रीस्तियों की संख्या बहुत कम हो गई है।

एक वरदान

अपने संक्षिप्त बयान में, प्राधिध्माध्यक्ष साको ने उल्लेख किया कि यह यात्रा "एक ऐतिहासिक और असाधारण यात्रा है, जिस परिवेश में यह देश जी रहा है, हम संत पापा की यात्रा को एक आशीर्वाद मानते हैं। इस यात्रा से हम आशा करते हैं कि देश को पुनर्जीवित करने के लिए सुलह और एकीकरण के कदम लिये जाएंगे।"

उन्होंने कहा कि "संत पापा इराक के सभी ख्रीस्तीय शहरों और सभी तीर्थ स्थानों का दौरा नहीं कर सकते।" हालाँकि, ख्रीस्तीय इस बात के लिए आभारी हैं कि संत पापा बगदाद, एरबिल, रामज़िया, नजफ़, उर, मोसुल, क़ारकोश और ग़दीदा जैसे आधिकारिक शहरों का दौरा कर रहे हैं।

प्राधिध्माध्यक्ष साको ने जोर देकर कहा कि संत पापा "सभी समस्याओं को हल करने के लिए नहीं आ रहे हैं, बल्कि अपनी एकजुटता व्यक्त करने और इराकियों के साथ खड़े होने और प्रेम, भाईचारे, मेल-मिलाप, सहिष्णुता, शांति, जीवन का सम्मान, विविधता और बहुलवाद का संदेश देने के लिए आ रहे हैं।”

एक सफल और सुरक्षित यात्रा

प्राधिधर्माध्यक्ष साको ने सोशल मीडिया पर संत पापा की यात्रा के बारे में लिखने वालों को "इस यात्रा को सफल बनाने के लिए" अधिक सकारात्मक और हर चीज का समर्थन करने के लिए कहा। इसमें कहा गया है कि "इराकी सरकार आभारी है और इसे ऐतिहासिक और इराक एवं इराकियों के सुयोग्य बनाने के सभी आवश्यक उपाय किए हैं।" प्राधिधर्माध्यक्ष ने सभी को संत पापा फ्राँसिस की सुरक्षा और यात्रा की सफलता के लिए और देश के लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना करने हेतु आमंत्रित किया।

जब संत पापा की प्रेरितिक यात्रा की घोषणा की गई थी, तो इराकी सरकार ने इसे एक "ऐतिहासिक घटना" बताया। विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह इराक और पूरे क्षेत्र में शांति के संदेश का प्रतीक है।" इराकी राष्ट्रपति, बरहम सलीह ने जुलाई 2019 में संत पापा फ्राँसिस को आधिकारिक तौर पर इराक की यात्रा के लिए आमंत्रित किया था, उम्मीद है कि यह संघर्ष भरे वर्षों के बाद देश को चंगा करने में मदद करेगा।

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20 February 2021, 10:53