इंडोनेशियाई कार्डिनल द्वारा चालीसा में 'सही विकल्प' का आग्रह
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
जकार्ता, बुधवार 17 फरवरी 2021 (वाटिकन न्यूज) : जकार्ता के कार्डिनल इग्नासियुस सुहैरो ने प्रेरितिक पत्र में लिखा है, '' कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम किस तरह जीवन की सच्चाई का सामना कर रहे हैं, हमें विश्वास रखना चाहिए कि ईश्वर प्रेम है। "पिछले साल की तरह, हम कोरोनावायरस के कारण एक कठिन समय के दौरान चालीसा काल में प्रवेश करते हैं जिसने जीवन के सभी क्षेत्रों को हिला दिया है।" रविवार को महाधर्मप्रांत के गिरजाघरों में कार्डिनल इग्नासियुस को प्रेरितिक पत्र को पढ़ा गया।
राख बुधवार चालीसा (रविवार को छोड़कर) के 40 दिनों में से पहला दिन है, इन दिनों में ख्रीस्तीय प्रार्थना, तपस्या, उपवास, संयम और उदार कार्यों द्वारा सबसे महान पर्व ‘पास्का’ की तैयारी करते हैं। पास्का येसु द्वारा मृत्यु से गौरवशाली पुनरुत्थान की याद दिलाता है। राख बुधवार के दिन पुरोहित सभी ख्रीस्तियों के माथे या सिर पर राख डालते हैं जो ख्रीस्तियों को मौत की याद दिलाता है और पश्चाताप की आवश्यकता है। राख बुधवार, इस साल 17 फरवरी को पड़ता है।
विश्वास का परिप्रेक्ष्य
अपने संदेश में, जकार्ता के महाधर्माध्यक्ष ने अपने विश्वासियों को याद दिलाया कि महामारी "हमारे पापों के कारण ईश्वर द्वारा दी गई सजा नहीं है, लेकिन समय के भयानक संकेतों में से एक है, जिनमें से हमें अपने विश्वास के परिप्रेक्ष्य से अर्थ ढूंढना होगा।”
उन्होंने प्रार्थना का स्मरण किया कि संत पापा फ्राँसिस ने प्रार्थना के एक विशेष क्षण के दौरान की थी कि उन्होंने पिछले साल 27 मार्च को रोम के संत पेत्रुस प्रांगण में प्रार्थना की अध्यक्षता की थी, क्योंकि कोरोनावायरस के प्रसार से लड़ने के लिए इटली में राष्ट्रव्यापी तालाबंदी हो गई थी।
सही चुनाव करना
संत पापा ने प्रार्थना की, "आप परीक्षण के इस समय में हमें सही चुनाव करने के लिए कह रहे हैं, यह आपके फैसले का समय नहीं है, बल्कि हमारे फैसले का है: यह चुनने का समय है जो हमारे लिए मायने रखता है । यह समय जो जरुरी है उसका चुनाव करने का समय है। यह समय है कि आप, ईश्वर और दूसरों के संबंध में अपने जीवन को पटरी पर लाएं।”
कार्डिनल सुहैरो ने स्वीकार किया कि "जो सही में मायने रखता है और अर्थ पूर्ण नहीं है" के बीच चुनाव करना आसान नहीं है, क्योंकि कई लोग मौज-मस्ती के आसान रास्ते अपनाते हैं। उन्होंने कहा, चालीसा "सही चुनाव करने और कलीसिया द्वारा हम सभी को खुद को प्रशिक्षित करने के लिए दिया गया एक विशेष समय है।" "कुष्ठ रोग से ग्रस्त एक व्यक्ति की तरह जिसने अपनी लाचारी को छोड़ देने से इंकार किया था उसने ईश्वर को अपने जीवन में लाने का फैसला किया।" उन्होंने कहा कि जकार्ता महाधर्मप्रांत में काथलिकों को "इस मुश्किल समय में सही रास्ता का चुनाव करना है।"
चालीसा नारा
70 वर्षीय कार्डिनल, जो इंडोनेशिया धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष भी हैं, ने चालिसा के लिए एक नारा तैयार किया: ‘लव मोर, इंवोल्व मोर, बी ब्लेसिंग मोर’। (ज्यादा प्रेम करो, ज्यादा शामिल हो, अधिक आशीर्वाद बनो) उन्हें उम्मीद है कि“ यह केवल एक अच्छा नारा नहीं होगा, बल्कि हम सभी के लिए मसीह के अनुयायियों के रुप में आगे बढ़ने के लिए एक मार्गदर्शक होगा।” उन्होंने कहा कि काथलिक इस नारे को स्वास्थ्य और सामाजिक दूरी करने वाले प्रोटोकॉल को तोड़े बिना और पिछले महीने आधिकारिक तौर पर लॉन्च किए गए सरकार के कोविद -19 टीकाकरण अभियान में शामिल हो सकते हैं।
इंडोनेशिया कोविद -19 महामारी की चपेट में आ गया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 16 फरवरी को संक्रमण के 10,029 नए मामलों की सूचना दी, जिससे कुल मामलों की संख्या 1,233,959 हो गई। मरने वालों की कुल संख्या 33,596 हो गई है।
चालीसा का समापन पवित्र सप्ताह के साथ होता है, इस सप्ताह में येसु का दुखभोग, मृत्यु और पुनरुत्थान का समारोह मनाया जाता है । इस वर्ष पास्का महोत्सव 4 अप्रैल को पड़ता है।
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