उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
यूरोप, मंगलवार, 23 फरवरी 2021 (रेई)- कारितास यूरोप एवं यूरोपीय संघ के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने एक साथ मिलकर कोविड-19 वैक्सिन का समान वितरण सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।
यूरोपीय संघ दूसरे समृद्ध देशों की तुलना में टीकाकरण कार्यक्रम देर से शुरू किया है। यूरोपीय संघ के केवल 5 प्रतिशत लोगों ने अब तक पहला डोज प्राप्त किया है जबकि ग्रेट ब्रिटेन ने 21 और अमरीका ने 14 प्रतिशत टीका ले लिया है।
यूरोपीय संघ की अध्यक्षा उर्सुला वॉन डेर लायेन ने इस माह के शुरू में स्वीकार किया था कि इस स्कीम में समस्या है।
धर्माध्यक्षों की प्रतिक्रिया
अपने वक्तव्य में काथलिक धर्मगुरूओं ने कार्यक्रम पर कई सवाल उठाये हैं। "यूरोपीय संघ एवं दवा कम्पनियों के साथ किस तरह का समझौता किया गया था"?...और क्यों सार्वजनिक संस्थाएँ इतनी तैयारी नहीं थीं?
हालांकि, यूरोपीय धर्माध्यक्षों एवं यूरोपीय कारितास ने एकात्मता के सिद्धांत पर यूरोपीय संघ की प्रतिबद्धता की सराहना की है जिन्होंने एक देश के रूप में नहीं बल्कि एक साथ डोज प्राप्त करने का निश्चय किया है।
वैक्सिन न्याय सुनिश्चित करना
धर्मगुरूओं ने यूरोपीय संघ से अपील की है कि वह सभी की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए वृहद स्तर पर टीकाकरण को बढ़ावा दे, उन लोगों के लिए भी जो गरीब देशों में हैं।
उन्होंने कहा, "यह अति आवश्यक है कि एक साथ टीकाकरण अभियान को जल्दी लागू किया जाए, सभी के लिए सस्ती वैक्सिन प्राप्ति सुनिश्चित करते हुए जो कि एक वैश्विक नैतिक तात्कालिकता है।”
उन्होंने यूरोपीय संघ की वैक्सीन रणनीति की त्वरित परिभाषा का आह्वान किया है और उत्पादन बाधाओं को खत्म करने के प्रयासों की प्रशंसा की है।
कहा है कि "सामूहिक टीकाकरण की मांग को पूरा करने के लिए संगठनात्मक और तार्किक क्षमता विकसित की जानी चाहिए।"
शोचनीय असमानता
यूरोपीय काथलिक धर्माध्यक्षों ने विश्व स्तर पर कोविड-19 वैक्सिन के असमान एवं बेइंसाफी वितरण पर खेद प्रकट किया है।
उन्होंने कहा है, "वैक्सिन होड़ और वैक्सिन राष्ट्रवाद ने निर्यात प्रतिबंध और अन्य संरक्षणवादी उपायों के माध्यम से गरीब देशों को चोट पहुँचाया है।" गरीब देशों को अधिक अलग और कमजोर किया गया है जो उन्हें मानव विकास के लिए अधिक खतरे में डाल रहा है।
नई शुरूआत
अंततः काथलिक धर्माध्यक्षों ने यूरोपीय संघ का निमंत्रण दिया है कि वे वैक्सिन न्याय के लिए उठ रही आवाज पर ध्यान दें। यूरोप अपना कोविड-19 वैक्सिन नीति न केवल महामारी के संकट को समाप्त करने के लिए करे, बल्कि यह सार्वजनिक भलाई एवं एकात्मता के लिए नवीकृत नीति की नई शुरूआत का शुभारम्भ हो।