सेना के तख्तापलट के विरोध में शिक्षकों एवं छात्रों की राष्ट्रीय हड़ताल, 05.02.2021 सेना के तख्तापलट के विरोध में शिक्षकों एवं छात्रों की राष्ट्रीय हड़ताल, 05.02.2021 

वार्ता और शांति म्यानमार के विकास का एकमात्र मार्ग, कार्डिनल बो

म्यानमार के काथलिक धर्माधिपति याँगून के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल चार्ल्स बो ने राष्ट्र में तख्तापलट पर अपनी प्रतिक्रिया दर्शाते हुए एक वकतव्य जारी कर अहिंसा, वार्ता और शांति की अपील की है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

म्यानमार, शुक्रवार, 5 फरवरी 2021 (वाटिकन न्यूज़): म्यानमार के काथलिक धर्माधिपति याँगून के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल चार्ल्स बो ने राष्ट्र में तख्तापलट पर अपनी प्रतिक्रिया दर्शाते हुए एक वकतव्य जारी कर अहिंसा, वार्ता और शांति की अपील की है। उन्होंने कहा कि केवल आपसी समझदारी के वातावरण में की गई वार्ताएँ ही देश को विकास की ओर अग्रसर कर सकती हैं।

इस सप्ताह के शुरू में म्यानमार की सेना ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार और आंग सान सूकी सहित कई सरकारी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था जिसकी सम्पूर्ण विश्व में आलोचनात्मक प्रतिक्रियाएँ हुई थी।

प्रकाश हेतु प्रार्थना

बुधवार को जारी एक बयान में म्यांमार सेना, नागरिकों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को संबोधित करते हुए, कार्डिनल ने कहा कि देश अपने इतिहास के सबसे चुनौतीपूर्ण समय से गुज़र रहा है।

म्यानमार पर समय-समय पर आच्छादित अँधेरे के उठ जाने हेतु बुधवार को जारी एक बयान में और म्यांमार सेना, नागरिक आबादी और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को संबोधित करते हुए, कार्डिनल ने कहा कि देश अपने इतिहास के सबसे चुनौतीपूर्ण समय में से एक के माध्यम से यात्रा कर रहा था।

उन्होंने एक स्थायी समाधान मिलने की प्रार्थना की। म्यानमार की जनता से उन्होंने अपील की इस संवेदनशील क्षण में वे शांति से काम लें तथा कभी भी हिंसा के प्रलोभन में न पड़ें। उन्होंने कहा, "म्यानमार के लोग पर्याप्त रक्त बहा चुके हैं।"

कार्डिनल बो ने कहा कि हाल की घटनाएँ वार्ताओं के अभाव तथा विविध विचारों में मतभेदों का परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि सम्मान और सच्चाई के लिए संघर्ष करते समय, हम घृणा को जारी नहीं रखें। 

इन घटनाओं के शांतिपूर्ण समाधान के लिये उन्होंने सभी समुदायों के नेताओं और धर्मगुरुओं से आग्रह किया कि वे अपने-अपने समुदाय के लोगों को प्रार्थना और शांति क्रियाओं के लिये अनुप्राणित करें।

कोविद महामारी की पृष्ठभूमि में, स्वास्थ्य कर्मियों से भी कार्डिनल ने अनुरोध किया कि वे इन  घटनाओं के कारण अपने कार्यस्थलों का परित्याग न करें। 

अहिंसा का मार्ग अपनायें

म्यानमार की सेना को सम्बोधित कर कार्डिनल बो ने सेना का आह्वान किया कि वह, शांति को सर्वोपरि रखकर, नागरिकों की प्रतिष्ठा का ख्याल रखे। उन्होंने कहा, "म्यांमार के हमारे प्रिय लोगों के खिलाफ किसी प्रकार की हिंसा नहीं होनी चाहिये।"

कार्डिनल ने उन निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधिकारों के सम्मान का भी आग्रह किया, जो इस समय गिरफ्तार कर लिये गये हैं। उन्होंने बल दिया कि, उन्होंने उन निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधिकारों का सम्मान करने का भी आग्रह किया, जो वर्तमान में गिरफ्तार हैं।

उन्होंने कहा, "वे युद्ध के कैदी नहीं हैं वे एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के क़ैदी हैं।

सेना से उन्होंने कहा, ""वे युद्ध के कैदी नहीं हैं," उन्होंने जोर दिया, "वे एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के कैदी हैं। आप लोकतंत्र का वादा करते हैं;  उन्हें रिहाई से अपना वादा पूरा करें।" आपसी वार्ताओं का आह्वान कर उन्होंने कहा, "शांति संभव है। शांति ही एकमात्र रास्ता है और लोकतंत्र उस रास्ते का एकमात्र प्रकाश है।" 

 

 

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05 February 2021, 11:50