64 वर्षीय बेघर रोबेर्तो मंतोवानी 64 वर्षीय बेघर रोबेर्तो मंतोवानी  

कार्डिनल क्रेजवस्की ने की इटालियन बेघर व्यक्ति का अंतिम संस्कार

संत पापा की ओर से परमधर्मपीठीय कोष के दानदाता कार्डिनल कोनराड क्रेजवस्की ने 64 वर्षीय बेघर रोबेर्तो मंतोवानी का अंतिम संस्कार दिया, जो अपनी कठिनाइयों के बावजूद, सड़क पर हमेशा मुस्कुराते हुए दूसरों के साथ मिलता था।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

रोम, सोमवार 25 जनवरी 2021 (वाटिकन न्यूज) :  आज सड़क पर पैदा हुए कई भाई-बहनों के समुदाय ने "रोबेर्तो," को विलाप किया। सौभाग्य से, वह ठंड से नहीं मरा। हाल के दिनों में, उन्होंने स्वयंसेवकों की सलाह सुनी और टर्मिनी ट्रेन स्टेशन पर "बिनारियो 95" आश्रय में रहने चले गए। वे निमोनिया से ग्रसित थे यहीं पर उनका निधन हो गया।

एक बंद दरवाजा

जो लोग उनके करीब थे – संत इजीदियो के समुदाय से, "नताले 365" के स्वयंसेवक, पुलिस निरीक्षक, जिनका कार्यालय चौराहे में है, जहां रोबेर्तो ने अपने जीवन का कुछ हिस्सा बिताया था, सोमवार सुबह बलद्वीना में संत पियुस दसवें पल्ली के गिरजाघर में उसकी अंतिम बिदाई के लिए मौजूद थे। कार्डिनल कोनराड क्रजेवस्की ने अंतिम संस्कार की अध्यक्षता की। उनके साथ  कार्डिनल जॉर्ज पेल,दिव्य भक्ति, दिव्य और संस्कार संबंधी धर्मसंघ के सचिव महाधर्माध्यक्ष आर्थर रोचे और एक दर्जन पुरोहितों ने रोबेर्तों के अंतिम विदाई समारोह में भाग लिया।

कार्डिनल क्रेजवस्की ने संत लूकस के सुसमाचार के उस पाठ को चुना, जहाँ येसु लाजरुस और अमीर आदमी के दृष्टांत को याद करते हैं, क्योंकि "रॉबेर्तो हमेशा एक बंद दरवाजे के सामने सोता था।"

 हंसमुख रोबेर्तो

कार्डिनल क्रेजवस्की ने कहा "रोबेर्तो एक हंसमुख और गर्मजोशी व्यक्ति था,  दोपहर के भोजन में उसने हम सबको हँसाया था।" इस वजह से, जो उन्हें जानते थे, सभी उसे प्यार करते थे।" कुछ ने तो उसकी सहजता के लिए उसे धन्यवाद देने हेतु, वाटिकन के पास एक रात के लिए बिस्तर और नाश्ते के लिए खर्च का भुगतान भी किया था।" संत इजीदियो समुदाय के एक स्वंय सेवक ने कहा कि  रोबेर्तो ने फुटबॉल टीमों की कुछ जर्सी जिसे उसने अपने सूटकेस में रखा था, उन्हें दान दिया।  सॉसर खेल उसका जुनून था।"

रोबेर्तो वेरोना प्रांत के ओपेरानो शहर का निवासी था, उसे अपने माता-पिता की बगल में दफनाया जाएगा। वह "हेल्लास वेरोना" फुटबॉल क्लब का सदस्य के रुप में खेला करता था, लेकिन एक चोट ने उसे अपना करियर जारी रखने से रोक दिया। रॉबर्टिनो के जीवन में कई मुश्किल क्षण आये। उसे सड़कों पर रहना पसंद नहीं था।  स्वयंसेवक हमें बताते हैं," कभी-कभी वह दुखी और गुस्से में रहता था। "आज उसे यह जानकर खुशी होगी कि इतने सारे लोग कोविद के प्रतिबंधों के बावजूद अंतिम विदाई देने के लिए एकत्रित हैं। उसे यह जानकर खुशी होगी कि वह एक बेकार व्यक्ति नहीं माना गया, बल्कि उसकी गरिमा, उसकी सुंदरता और जीवन से आहत दिल भी प्यार उत्पन्न कर सकता है।

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25 January 2021, 16:04