फादर स्टेन स्वामी येसु समाजी फादर स्टेन स्वामी येसु समाजी 

भारत सरकार से फादर स्वामी के रिहाई की अपील:ब्रिटिश धर्माध्यक्ष

ब्रिटेन के धर्माध्यक्षों और ग्रेट ब्रिटेन में जेसुइट समाजियों ने भारत सरकार से फादर स्टेन स्वामी की रिहाई की अपील की है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वेस्टमिंस्टर, बुधवार 27 जनवरी 2021 (रेई) : वेस्टमिंस्टर के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल विंसेंट निकोल्स और ग्रेट ब्रिटेन के जेसुइट प्रांताध्यक्ष फादर डामिन हावर्ड ने भारत सरकार से येसु धर्मसमाज के सदस्य और झारखंड राज्य में आदिवासी लोगों के अधिकारों के कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की रिहाई के लिए अपील की है। 83 साल के बुजुर्ग फादर स्टेन स्वामी पार्किंसंस रोग से पीड़ित  हैं। फादर स्वामी को आतंकवाद और राजद्रोह के आरोप में 8 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और वे 100 दिनों से अधिक समय से जेल में हैं।

नई दिल्ली के कार्यकारी को खुला पत्र

कार्डिनल निकोल्स और फादर हॉवर्ड ने नई दिल्ली के कार्यकारी को लिखे एक खुले पत्र में लिखा है कि "संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों ने फादर स्वामी की मनमानी गिरफ्तारी और भारतीय सरकार जिस तरह से मानवाधिकारों के लिए उनके शांतिपूर्ण काम को रोकने की कोशिश कर रही है, उस पर चिंता व्यक्त की है।" फादर स्वामी के साथ एकजुटता में, हम आवाज़ मिलाते हैं और अधिकारियों से उन्हें मानवीय आधार पर ज़मानत पर रिहा करने का आग्रह करते हैं, ताकि उन्हें अपनी ज़रूरत का चिकित्सकीय उपचार प्राप्त हो सके और उन पर लगे आरोपों को चुनौती दी जा सके।” "फादर स्वामी ने भारत के सबसे गरीब और सबसे अधिक हाशिए के लोगों के संवैधानिक अधिकारों के लिए काम करने हेतु अपने जीवन को प्रतिबद्ध किया है", जिसके लिए "कई जेसुइट धर्मसमाजियों ने पहले ही अपना जीवन दे दिया है।"

इंग्लैंड और वेल्स के काथलिकों की एकजुटता

इस तरह इंग्लैंड और वेल्स के काथलिक कलीसिया की आवाज़ भारत के कई धार्मिक नेताओं की आवाजों में शामिल हो जाती है, जिन्होंने फादर स्वामी के रिहाई के लिए मांग की है।  भारतीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के सदस्यों ने हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में फादर स्टेन स्वामी की गिरफतारी पर सवाल उठाया था। भारत के धार्मिक सम्मेलन (सीआरआई) और एशिया के धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संध (एफएबीसी) ने हाल के महीनों के एक नोट में लिखा है: "फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी और निर्मम कैद, हमें महात्मा गांधी द्वारा लड़े गए संघर्ष की याद दिलाती है जब उन्होंने भारतीय लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया था।”

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27 January 2021, 15:12