लीपा के जले शिविर में  ठंड से बचने के लिएआग तापते लोग लीपा के जले शिविर में ठंड से बचने के लिएआग तापते लोग 

कारितास द्वारा बोस्निया में प्रवासियों के मानवीय संकट की चेतावनी

बोस्निया-हर्ज़ेगोविना में राजनीतिक सहमति की कमी के बीच खराब मौसम में सैकड़ों प्रवासी और शरणार्थी अपर्याप्त आश्रयों और गंभीर जोखिमों का सामना कर रहे हैं।

माग्रेट सुनिता मिंज-वाटिकन सिटी

बोस्निया-हर्ज़ेगोविना, बुधवार 6 जनवरी 2021(वाटिकन न्यूज) : इटली कारितास शाखा बोस्निया-हर्जेगोविना में ठंड के मौसम में आवास के बिना फंसे प्रवासियों और शरणार्थियों के लिए एक खतरनाक मानवीय तबाही की चेतावनी दे रही है।

इटली कारितास का कहना है कि प्रवासियों और शरणार्थियों का शिविर 23 दिसंबर को जल गया था, सर्दियों के मौसम में एक शिविर से दूसरे शिविर में लगातार स्थानांतरण के कारण उनकी स्थिति और भी खराब हो सकती है।

क्रोएशिया के साथ सीमा पर जला हुआ, लीपा शिविर, लगभग 1,000 प्रवासियों का घर था, उनमें से कई सीरिया और अफगानिस्तान में हिंसा के कारण भाग कर यहाँ आये थे और यूरोप में प्रवेश करने की मांग कर रहे थे। शिविर में पानी, बिजली या हीटिंग व्यवस्था का अभाव था।

राजनीतिक समस्या

बोस्निया-हर्ज़ेगोविना की विभाजित सरकार के भीतर सर्वसम्मति की कमी, इसके विकेंद्रीकृत राज्य शासन संरचनओं और स्थानीय  निवासियों द्वारा विरोध के कारण, प्रवासियों को फिर से बसों में स्थानांतरित कर लीपा शिविर में वापस ले जाया गया है जहां सेना ने नए टेंट डाल दिये हैं, लेकिन ये बर्फीले मैदान पर बिस्तर के बिना, सीधे फर्श में रखे गये हैं।

आशंका है कि तनाव और अमानवीय स्थिति हिंसा का कारण बन सकती है जो पहले से ही लड़ाई की घटनाओं से साबित हो गई है और एक व्यक्ति को छुरा मारा गया है। यूरोपीय आयोग और मानवीय एजेंसियां ​​अधिकारियों से तत्काल संस्थागत पहल करने और अपने स्वास्थ्य और उनके जीवन को खतरे में डाल रहे लोगों के लिए पर्याप्त स्वागत सुविधाएँ प्रदान करने का आह्वान कर रही हैं।

संत पापा फ्राँसिस द्वारा दान

हाल के हफ्तों में, इतालवी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन और संत पापा फ्राँसिस द्वारा दिये गये दान से इटली कारितास और बोस्निया-हर्जेगोविना कारितास ने मिलकर बिहक और सारायेवो के क्षेत्र में ट्रांजिट शिविरों में नई सेवाएं देने में सक्षम हुए, साथ ही 1,500 से अधिक प्रवासियों को सर्दियों के कपड़े वितरित किये गये।

लेकिन इटली कारितास का कहना है कि राष्ट्रीय संस्थानों को व्यापक पहल की तत्काल आवश्यकता है।

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06 January 2021, 15:06