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कनाडा के आदिवासी कनाडा के आदिवासी  

कनाडा की कलीसिया आदिवासियों के साथ

कनाडा की कलीसिया आदिवासियों के साथ एकात्मता व्यक्त करते हुए 12 दिसम्बर को राष्ट्रीय प्रार्थना दिवस मनायेगी। इसकी विषयवस्तु है "पृथ्वी की चंगाई" जो संत पापा के प्रेरितिक विश्व पत्र "लौदातो सी" की 5वीं सालगिरह से प्रेरित है। इस दिवस को 12 दिसम्बर 2002 से ही मनाया जाता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

कनाडा, बृहस्पतिवार, 10 दिसम्बर 20 (वीएनएस)- कनाडा के काथलिक आदिवासी समिति ने इस अवसर के लिए दिये गये संदेश में याद दिलाया है कि मानव अधिकार के सम्मान एवं आमघर की देखभाल के बीच गहरा संबंध है अतः विश्वासियों का आह्वान किया गया है कि वे सभी लोगों के साथ सहानुभूति रखते हुए जीयें तथा ईश्वर की सृष्टि को सम्मान, सुरक्षा एवं हिफ़ाज़त करें।

संदेश में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि आदिवासी किस तरह हमें पृथ्वी, ईश्वर एवं एक-दूसरे के बीच संबंध रखने की सीख दे सकते हैं। पृथ्वी के लोगों के रूप में हम एक-दूसरे से जुड़े हैं। ईश्वर हम सभी को एक स्थान में रखते हैं। इस प्रकार यह हमें स्मरण दिलाता है कि संबंध का अर्थ चंगाई भी है। ईश्वर ने अपने एकलौते पुत्र येसु ख्रीस्त को भेजा कि वे हमें चंगाई के रास्ते पर ले सकें तथा ईश्वर, एक-दूसरे एवं सृष्टि के साथ हमारे संबंध को ठीक करें। इसके साथ ही हम ईश्वर की संतान के साथ प्रेम संबंध में हैं। हम सभी उनकी छवि एवं स्वरूप में सृष्ट किये गये हैं।   

संत पापा का हवाला देते हुए समिति ने जोर दिया है कि पारिस्थितिक बदलाव के लिए व्यक्तिगत एवं सामूहिक मानव अधिकार को प्रोत्साहन एवं सम्मान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि विश्वास के लोगों को उन लोगों की मदद करनी है जिनका जीवन भूमि पर निर्भर करता है तथा उन लोगों की रक्षा करना है जो शोषण के शिकार बनते हैं। जैसा कि सच्चाई और मेल-मिलाप आयोग की 2015 की रिपोर्ट अनुसार, कनाडा में आवासीय स्कूलों में आदिवासी बच्चों के खिलाफ दुर्व्यवहार किया गया था।

संदेश के अंत में संत पापा के आह्वान की याद की गयी है जिसमें वे सभी लोगों को एक मानव परिवार के रूप में आने का निमंत्रण देते हैं, जब विश्व पारिस्थितिकी के सच्चे खतरे का सामना कर रहा है जिसको हम कोविड-19 के रूप में बहुत अधिक महसूस कर रहे हैं।

अंत में प्रभु से प्रार्थना की गई है कि वे वचन और कर्म से यह घोषित करने की शक्ति प्रदान करें कि पृथ्वी सभी लोगों के लिए एक आशीर्वाद है तथा लाभ एवं सत्ता के नाम पर शोषण की बुराई से बचा जा सके।

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10 December 2020, 15:15