बेरुत में विस्फोट से धराशायी मकान बेरुत में विस्फोट से धराशायी मकान 

बेरूत के पुनर्निर्माण हेतु यूके एसीएस द्वारा 5 मिलियन यूरो आवंटन

लेबनान की राजधानी में इमारतों और गिरजाघरों के पुनर्निर्माण के लिए ‘एड टू द चर्च इन नीड यूके’ ने अपनी वेबसाइट पर 5 मिलियन यूरो की सहायता पैकेज की घोषणा की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

बेरुत, शनिवार 14 नवम्बर 2020 (वाटिकन न्यूज) : बेरुत के गिरजाघरों की घंटियाँ फिर बजेंगी। 4 अगस्त लेबनान की राजधानी में विस्फोट के एक सौ दिन बाद इमारतों और गिरजाघरों के पुनर्निर्माण के लिए ‘एड टू द चर्च इन नीड यूनाईटेड किंगडम’ ने अपनी वेबसाइट पर 5 मिलियन यूरो की सहायता पैकेज की घोषणा की। 4 अगस्त को बेरुत में 750 टन अमोनियम नाइट्रेट के विस्फोट से 200 से अधिक मौतें हुईं, 6,500 घायल हुए और 300,000 विस्थापित हुए। विस्फोट के बाद से अबतक एड टू द चर्च इन नीड एजेंसी ने 5,880 बेघर परिवारों की आर्थिक सहायता दे रही है।

मुक्तिदाता गिरजाघर

एसीएस द्वारा 7 परियोजनाओं पुष्टि की गई। 19 परियोजनाओं पर अध्ययन किया जा रहा है, उनमें से एक मेलकाइट ग्रीक-काथलिक मुक्तिदाता गिरजाघर भी है, विस्फोट में इसकी छत उड़ गई। पल्ली पुरोहित फादर निकोलस रिआची ने एसीएस को बताया कि कठोर से पहले छत की मरम्मत करना बहुत जरुरी है।

उन्होंने बताया कि विस्फोट में उनकी पल्ली के विश्वासियों के घरों के दरवाजे और खिड़कियाँ टूट गई हैं और इन सबसे ऊपर आर्थिक संकट यह है कि बैंकों से ये लोग अपने जमा रुपये निकाल नहीं सकते हैं, इसलिए अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है।"

कलीसिया की प्रतिबद्धता

फादर रिआची ने विश्वासियों को आशा देने की कोशिश में कलीसिया की प्रतिबद्धता की बात की।  उन्होंने कहा, "हम उन लोगों को आशा देना चाहते हैं जो अभी भी यहां रहना चाहते हैं," "हमारा मिशन उनके अंधकारमय जीवन में प्रकाश लाना है। क्रूस के बिना कोई ख्रीस्तीय धर्म नहीं है। मसीह हमारे उदाहरण हैं। ख्रीस्तीय होना आसान नहीं है, लेकिन हमारे अधिकांश लोग अभी भी जागरूक हैं। यह पवित्र भूमि है और हम इसे त्याग नहीं सकते।”

फादर रिआची ने कहा कि इस उपनगर की आबादी का लगभग 10 प्रतिशत लोग यहाँ से चले गये है और संत पापा फ्राँसिस ने हमें बताया कि ख्रीस्तियों के बिना एक मध्य पूर्व अकल्पनीय है, अगर ख्रीस्तीय इस देश में रहना चाहते हैं, तो हमें, आप में से प्रत्येक की जरूरत है, ताकि यह कलीसिया प्रभु के वचन का सुंदर साक्षी दे सके।"

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14 November 2020, 13:30