महाधर्माध्यक्ष रोमुलो वाल्लेस बीच में महाधर्माध्यक्ष रोमुलो वाल्लेस बीच में 

फिलीपीन कलीसिया द्वारा 2021 को मिशनरी नवीकरण हेतु समर्पित

2021 में, फिलीपीन कलीसिया अपने देश में सुसमाचार आगमन के 500 साल पूरे होने का संकेत देती है। फिलीपीन धर्माध्यक्षों ने प्रेरितिक वर्ष 2021 का विषय "मिसियो एद जेंतेस" (राष्ट्रों के लिए मिशन) चुना है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

दावाओ, शनिवार 28 नवम्बर 2020 (वाटिकन न्यूज) : फिलीपीन्स की धरती पर 31 मार्च 1521 को लियटे के दक्षिण में लिमासावा द्वीप पर पहली बार युखरिस्तीय समारोह मनाया गया था।, फिलीपींस में काथलिक कलीसिया 2021, 5वीं शताब्दी के लिए 2012 से ही 9 साल की तैयारी पर है, प्रत्येक वर्ष कलीसिया और विश्वास जीवन के एक विशिष्ट विषय और पहलू पर ध्यान केंद्रित करता है।

इसे ध्यान में रखते हुए, फिलीपींस के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीपी) ने वर्ष 2021 को "राष्ट्रों के लिए मिशन" वर्ष के रूप में समर्पित किया है। सीबीसीपी अध्यक्ष दावाओ के महाधर्माध्यक्ष रोमुलो वाल्लेस ने प्रेरितिक वर्ष के उद्घाटन के लिए शनिवार, 28अक्टूबर को एक प्ररितिक पत्र जारी किया।

"देने के लिए उपहार"

"येसु के मिशनरी शिष्य बनें" शीर्षक प्रेरितिक पत्र में महाधर्माध्यक्ष रोमुलो ने लिखा, "ख्रीस्तीय धर्म का आगमन हुआ और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से हजारों मिशनरी पुरुषों और महिलाओं के समर्पण और वीर बलिदान के माध्यम से हमारी भूमि समृद्ध हुआ। "उन्हें विश्वास का उपहार मिला और वे इस उपहार को दूसरों के साथ साझा करना चाहते थे।"

 5 वीं शताब्दी के उत्सव के लिए तैयारी के 9 वर्षों के समग्र विषय पर ध्यान आकर्षित कराते हुए महाधर्माध्यक्ष रोमुलो ने कहा कि सभी ख्रीस्तीयों को उपहार मिला है और यह उपहार दूसरों के साथ बांटने के लिए है। यह "उपहार"  सदियों से उदार मिशनरियों को प्रेरित किया। यह "आज हम सभी के दिलों में घर और अन्य देशों में मिशन में संलग्न होने के लिए (मिसियो एद जेंतेस)" होना चाहिए। यह येसु के जनादेश को याद दिलाता है: “जो तुम्हें उपहार के रूप में मिला है, उसे उपहार के रूप में दो।” (मत्ती 10: 8)। "हम 500 साल के हमारे उत्सव के दौरान हम अपनी कलीसिया और अपनी सीमाओं से परे हमार कलीसियाओं के मिशनरी नवीकरण के लिए प्रार्थना करें!"

आनंद

प्रेरितिक वर्ष के दौरान मिशनरी नवीकरण के कार्य को ध्यान में रखते हुए, महाधऱ्माध्यक्ष रोमुलो ने आनंद और दया के गुणों पर ध्यान केंद्रित किया। संत पापा फ्राँसिस के 2013 के प्रेरितिक विश्व पत्र इवांजेली गौदियुम का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा, “मुक्ति इतिहास "आनंद का एक बड़ा प्रवाह" है। विश्वास के आनंद को पुनर्जीवित होने दें क्योंकि ईश्वर की दया कभी खत्म नहीं होती है। दुर्भाग्य से, कुछ ऐसे ख्रीस्तीय हैं, जिनका जीवन पास्का के बिना चालीसा की तरह लगता है’। एक सुसमाचार प्रचारक को कभी किसी ऐसे व्यक्ति की तरह नहीं देखना चाहिए जो अभी-अभी अंतिम संस्कार से वापस आया हो। हम सभी को यहाँ और अन्य भूमि में मिशन के आनंद को समाप्त नहीं करना चाहिए! ”

वर्ष 2021 के लिए फिलीपीन्स के धर्माध्यक्षों का प्रेरितिक संदेश संत पापा फ्राँसिस द्वारा दिये गये दो परामर्श से समाप्त होता है : "आइए, हम अपने आप से मिशनरी जोश को खतम होने न दें", और "हम अपने अंदर के मिशनरी उत्साह को खतम होने न दें।"

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28 November 2020, 14:15