फादर स्टैन की रिहाई की मांग पर राँची में मौन मानव श्रृंखला
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
राँची, शनिवार, 17 अक्तूबर 2020 (मैटर्स इंडिया) – राँची के महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो ने 16 अक्टूबर को, पुरोहितों, धर्मबहनों और लोकधर्मियों के साथ राँची में 5 किलोमीटर तक फैले एक मौन मानव श्रृंखला में भाग लेकर, 83 साल के बुजूर्ग जेस्विट फादर स्टैन स्वामी की कथित माओवादी लिंक के आरोप में गिरफ्तार किये जाने का विरोध किया।
झारखंड की राजधानी रांची में 16 अक्टूबर को 1,000 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने फादर स्टैन स्वामी जैसे बुद्धिजीवी और मानव अधिकार कार्यकर्ता को चुप करने के प्रयास के खिलाफ आशा के प्रतीक स्वरूप मोमबत्ती लेकर प्रदर्शन में भाग लिया।
फादर स्टैन स्वामी को 8 अक्टूबर को राँची के निकट उनके आवास से राष्ट्रीय अनुसंधान एजेंसी (एन आई ए) द्वारा गिरफ्तार किया गया था और दूसरे दिन उन्हें मुम्बई ले जाया गया था। उन्हें मुम्बई की एक अदालत के सामने पेश किया गया था जिसने उन्हें 23 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
फादर स्टैन जो पार्किंसंस और अन्य बीमारियों पीड़ित हैं उन्हें जेल के अंदर अस्पताल में रखा गया है। पुलिस का आरोप हैं कि उनका संबंध पूणे के निकट भीमा कोरेगाँव में 1 जनवरी 2018 को हुई हिंसा जुड़ा है।
मौन मानव श्रृंखला
राँची में मौन मानव श्रृंखला की शुरूआत शाम 4.30 बजे की गई जो शहर में अल्बर्ट एक्का चौक, काटां टोली, सरजना चौक और डंगरा टोली तक फैली थी।
मानव श्रृंखला देश के विभिन्न हिस्सों में अनेक दलों द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन का हिस्सा था जिसको कोविड-19 नवाचार का ध्यान में रखकर किया गया।
प्रदर्शन में प्रतिभागी अपने हाथों में बैनर लिये हुए थे। महाधर्माध्यक्ष टोप्पो के बैनर में लिखा था, "हम न्याय की मांग करते हैं" अन्य पोस्टरों में लिखे थे, "स्टैन स्वामी नक्सली नहीं", "समाज सेवी हैं, उन्हें जेल में बंद मत करो", "भीमा कोरेगाँव साजिश में गिरफ्तार स्टैन स्वामी को रिहा करो", "स्टैन स्वामी और उनके साथियों को अविलम्ब रिहा करो", "सच्चाई और न्याय के लिए स्टैन स्वामी के साथ" आदि।
धर्माध्यक्ष मस्करेनहास ने कहा कि बुजूर्ग येसु समाजी को एनआईए द्वारा रात में गलत आरोप लगाकर गिरफ्तार किया जाना अत्यन्त निंदनीय है। हम उनकी रिहाई की मांग करते हैं।
आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा, "आदिवासियों के हित के लिए स्टैन का कार्य अच्छी तरह से प्रलेखित है। उनके खिलाफ हालिया कार्रवाई ऐसी सभी आवाज़ों को चुप कराने की एक रणनीतिक प्रयास है जो हाशिए के लोगों के लिए उठी हैं।”
फादर स्टैन की गिरफ्तारी पर कलीसिया के सवाल
राँची जेस्विट सोसाईटी के पूर्व प्रोविंशल फादर मरियानुस कुजूर ने मौन मानव श्रृंखला के दौरान बुजूर्ग और बीमार फादर स्टैन स्वामी की गिरफ्तारी पर कलीसिया के सवालों को रखते हुए कहा, "कलीसिया छानबीन से नहीं भाग रही है लेकिन एक प्रश्न आवश्य उठा रही है कि ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर ले जाना किस तरह की इंसानियत हैं, जिस व्यक्ति ने झारखंड में 50 वर्षों से भी ज्यादा काम किया है, एक शोधकर्ता के रूप में, एक प्रशिक्षक के रूप में और एक गुरू के रूप में। इतने वर्षों तक किसी ने एक अंगुली तक नहीं उठायी, कैसे वे पिछले दो वर्षों में अपने बुजूर्ग अवस्था में, बीमारी की आवस्था में एक आतंकवादी हो जाते हैं।"...हमें भारत के संविधान पर पूरी निष्ठा है, श्रद्धा है जैसा स्टैन स्वामी को भी है। इसलिए हम विश्वास करते हैं कि वे जल्द ही मुम्बई से राँची लौट आयेंगे, जो भी आरोप उनपर लगाये गये हैं उनसे बइज्जत बरी होकर।" उन्होंने कहा, "जो व्यक्ति अपनी सारी जिंदगी गरीबों, लाचारों और हाशिये के लोगों के लिए समर्पित कर दे, वह व्यक्ति, भला एक अपराधी, देशद्रोही, षडयंत्रकारी और आतंकवादी कैसे हो सकता है?"
मौन मानव श्रृंखला के अंत में राँची स्थित संत मेरी कैथिड्रल में शाम 5.40 बजे फादर स्टैन स्वामी के लिए विशेष प्रार्थना की गई।
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी की प्रतिक्रिया
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने कलीसिया और इसके सहयोगियों पर संविधान और न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने का आरोप लगाया। पार्टी प्रवक्ता प्रातुल शहदेव ने एक बयान में कहा है कि "जिस तरह से मिशनरी और कलीसिया, लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार की आलोचना कर रहे हैं, इस बात की गवाही देता है कि उन्हें न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास नहीं है। वे एनआईए द्वारा आयोजित एक स्वतंत्र जांच में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं।"
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेंन ने भी फादर स्टैन स्वामी की गिरफ्तारी पर केंद्र सरकार से सवाल किया था और अपना विरोध जताया था।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here