विश्व पत्र फ्रातेल्ली तूत्ती की प्रकाशना करता वाटिकन समाचार पत्र लोस्सरवातोरे रोमानो विश्व पत्र फ्रातेल्ली तूत्ती की प्रकाशना करता वाटिकन समाचार पत्र लोस्सरवातोरे रोमानो  

"फ्रातेल्ली तूती" यूरोपीय संघ की नीतियों के आकलन हेतु एक उपकरण

यूरोप के काथलिक धर्माध्यक्षों ने सन्त पापा फ्राँसिस के तीसरे विश्व पत्र "फ्रातेल्ली तूत्ती" का स्वागत किया तथा इसे भाईचारे और सामाजिक मित्रता पर एक नए मापदण्ड के रूप में, राजनैतिक स्तर पर भी, यूरोपीय संघ के नीति निर्धारण में मार्गदर्शन हेतु उपयोगी निरूपित किया है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

ब्रसल्स, शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2020 (वाटिकन न्यूज़): यूरोप के काथलिक धर्माध्यक्षों ने सन्त पापा फ्राँसिस के तीसरे विश्व पत्र "फ्रातेल्ली तूत्ती" का स्वागत किया तथा इसे भाईचारे और सामाजिक मित्रता पर एक नए मापदण्ड के रूप में, राजनैतिक स्तर पर भी, यूरोपीय संघ के नीति निर्धारण में मार्गदर्शन हेतु उपयोगी निरूपित किया है।

मंगलवार को जारी एक वकतव्य के साथ-साथ धर्माध्यक्षों का एक लेख भी प्रकाशित किया गया जिसमें कहा गया कि "फ्रातेल्ली तूत्ती" विश्व पत्र, हमारी आर्थिक और राजनीतिक प्रणालियों को बदलने की आवश्यकता पर बल देता तथा उन्हें उदारता, सम्वाद, एकजुटता, निष्पक्षता, हमारे सामान्य धाम की सुरक्षा, न्याय, आम आदमी की भलाई तथा हाशिये पर जीवन यापन करनेवालों की मदद का मार्ग सुझाता है।   

राजनीति का लक्ष्य सेवा हो

यूरोपीय संघ के धर्माध्यक्षों ने अपने मंगलवार के बयान में "फ्रातेल्ली तूत्ती" के मुख्य विषयों पर प्रकाश डाला, जिसमें सामाजिक-आर्थिक मामले, मानवाधिकार, शिक्षा, नैतिकता, पारिस्थितिकी और प्रवास शामिल हैं। उन्होंने "फेंक देनेवाली संस्कृति" के खिलाफ सन्त पापा फ्राँसिस की अपील को दुहराया तथा यूरोप के राजनीतिज्ञों को स्मरण दिलाया कि राजनीति का लक्ष्य मानव गरिमा को केन्द्र में रखते हुए जन कल्याण की सेवा होनी चाहिये।  

एकात्मता और सहयोग शान्ति का आधार   

विश्व में व्याप्त असंख्य युद्धों के प्रति ध्यान आकर्षित कराते हुए यूरोपीय धर्माध्यक्षों ने कहा कि "एकात्मता और सहयोग की वैश्विक नैतिकता" के आधार पर ही स्थायी शान्ति हासिल की जा सकेगी। अन्तरराष्ट्रीय संगठनों एवं वित्तीय संस्थाओं में सुधार का उन्होंने आह्वान किया ताकि वे विश्व के निर्धनों पर अधिकाधिक ध्यान केन्द्रित करें।  

धर्माध्यक्षों ने कहा कि "फ्रातेल्ली तूत्ती" विश्व पत्र "साक्षात्कार की संस्कृति" और "समाज के सभी सांस्कृतिक घटकों के बीच समावेशी और रचनात्मक संवाद" की दिशा में कार्रवाई करने का आह्वान करता है। यह व्यक्तियों और देशों के बीच असमानताओं से निपटने के लिए "अंतरराष्ट्रीय संबंधों में नैतिकता" की वकालत करता है, तथा सत्ता की होड़ में संलग्न राजनीति एवं प्रेम को आशा के साथ जोड़नेवाली राजनीति के बीच व्याप्त अन्तर को दर्शाता है।

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23 October 2020, 11:21