संत पापा मापूतो अस्पताल में एक बच्चे को रोजरी देते हुए संत पापा मापूतो अस्पताल में एक बच्चे को रोजरी देते हुए 

महामारी के अंत के लिए बच्चों की रोज़री प्रार्थना की पहल

संत पापा फ्राँसिस के समर्थन से कोरोना वायरस महामारी के खात्मे के लिए प्रार्थना करने के लिए दुनिया भर के बच्चे इस रविवार को एक साथ आ रहे हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 17 अक्टूबर 2020 (वाटिकन न्यूज) : इस रविवार, 18 अक्टूबर, परमधर्मपीठीय संगठन, ‘एड टू द चर्च इन नीड’, दुनिया भर में "रोज़ी प्रार्थना करने वाले दस लाख बच्चों" की मेजबानी कर रहा है। सोलह सालों से कार्यरत यह संगठन बच्चों को कोविद -19 महामारी के अंत के लिए प्रार्थना करने हेतु आमंत्रित कर रही है।

पिछले रविवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में देवदूत प्रार्थना के बाद संत पापा फ्राँसिस इस संगठन द्वारा पहल करने के लिए अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा,"मैं इस खूबसूरत पहल को प्रोत्साहित करता हूँ जिसमें दुनिया भर के बच्चे शामिल हैं, वे विशेष रूप से महामारी की वजह से कठिन परिस्थितियों में पड़े लोगों के लिए प्रार्थना करेंगे।"

पहल और इसकी शुरुआत

 2005 में वेनेजुएला की राजधानी काराकस में "रोजरी प्रार्थना करते एक लाख बच्चे" शुरू हुई, जब बच्चों का एक समूह शांति के लिए रोजरी प्रार्थना करने हेतु एक साथ आये थे।

तीन साल बाद एसीएन प्रार्थना कार्यक्रम में शामिल हुआ और 2018 में इस संगठन को संभाला।

इस साल, 80 देशों और सभी महाद्वीपों के बच्चे हिस्सा लेंगे। इनमें घाना, सीरिया और पापुआ न्यू गिनी शामिल हैं।

कोरोना वायरस और प्रार्थना

पहल के बारे में बात करते हुए, एसीएन में प्रेस और सूचना के प्रमुख, जॉन पोंटिफेक्स, इस कठिन समय में रोज़री पर जोर देते हुए कहते हैं कि "जो लोग या तो बीमारी या आर्थिक रुप से पीड़ित हैं, ईश्वर उनकी दुर्दशा के निवारण के लिए उनकी विनय सुनेंगे और महामारी की इस अवधि को समाप्त करेंगे।"

एड टू द चर्च इन नीड कई देशों में परियोजना भागीदारों के साथ काम कर रहा है, जहां वायरस का प्रसार जारी है। श्री पोंटिफेक्स बताते हैं कि पाकिस्तान, इराक और सीरिया जैसे देशों में लोग महामारी से बुरी तरह सी पीड़ित हैं। चिकित्सा आपूर्ति की भारी मांग है।

एसीएन  की "रोजरी प्रार्थना करते एक लाख बच्चे" पहल युवाओं को रविवार, 18 अक्टूबर - या अगले दिन रोजरी की प्रार्थना करने के लिए आमंत्रित कर रही है, अगर उनके लिए स्कूल में एक साथ रोजरी प्रार्थना करना आसान हो।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

17 October 2020, 15:05