बेल्जियन जेस्विट मिशनरी फादर लुईस फ्रैंकन की अंतिम विदाई पर ख्रीस्तयाग बेल्जियन जेस्विट मिशनरी फादर लुईस फ्रैंकन की अंतिम विदाई पर ख्रीस्तयाग 

झारखंड के बेल्जियन मिशनरी फा. फ्रैंकन का निधन

झारखंड में गरीब आदिवासी बच्चों के लिए समर्पित बेल्जियन जेस्विट मिशनरी फादर लुईस फ्रैंकन का निधन 5 अक्टूबर को राँची में हुआ। वे 82 साल के थे।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

राँची, मंगलवार, 6 अक्तूबर 2020 (मैटर्स इंडिया)- राँची जेस्विट प्रोविंस के सचिव फादर रेमंड केरकेट्टा ने एक संदेश जारी कर उनके निधन की खबर दी। उन्होंने लिखा, "बड़े दुःख के साथ हम, आप सभी को सूचित करते हैं कि फादर लुईस फ्रैंकेन येसु समाजी ने 5 अक्टूबर 2020 को रात 11.00 बजे, माण्डर के कॉन्सटंट लीबंस अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र में अंतिम सांस ली।" माण्डर, झारखंड की राजधानी राँची के पश्चिम में 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

सचिव फादर केरकेट्टा द्वारा जारी सूचना में बतलाया गया है कि उनकी दफन क्रिया 6 अक्टूबर को दोपहर 2.30 बजे किशोर नगर नामकुम में सम्पन्न होगा, जो राँची के दक्षिण पूर्व में 10 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है।  

कहा गया है कि "जैसा कि हमें कोविड-19 नवाचार का पालन करना है, सिर्फ कुछ जेस्विट्स पवित्र मिस्सा एवं दफन क्रिया में भाग ले पायेंगे।"  

फादर फ्रैंकन ने राँची के संत जेवियर कॉलेज में कई सालों तक अर्थशास्त्र विभाग में प्राध्यापक का काम किया और 1982 से 1986 तक संत जेवियर कॉलेज के प्रिंसिपल रहे।

वे जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (XISS) के निर्देशक भी रहे जो झारखंड राज्य के लोगों के लिए उच्च शिक्षा प्रदान करता है। उन्होंने सामाजिक सेवा केंद्र किशोर नगर के निदेशक के रूप में भी कई सालों तक अपनी निःस्वार्थ सेवा दी।  

फादर फ्रैंकन का जन्म 28 जुलाई 1938 को बेलजियम में हुआ था। उन्होंने 1957 को येसु समाज में प्रवेश किया था और 1964 में भारत आये था। उनका पुरोहिताभिषेक 1970 को हुआ था।

उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ ईकोनोमिक्स से स्नातक की पढ़ाई की थी। उन्हें समाज के कमजोर वर्गों के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए जाना जाता था।

राँची जेस्विट प्रोविंस के बेल्जियन मिशनरी फादर एरिक ब्रे का निधन कुछ ही दिनों पहले 18 सितम्बर 2020 को राँची में हुआ। वे 79 साल के थे। झारखंड के उत्थान में  बेल्जियम के जेस्विट मिशनरियों का बहुत बड़ा योगदान है। इनके निधन के बाद राँची प्रोविंस में दो ही बेल्जियन मिशनरी रह गये हैं जो राँची और गुमला क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण सेवाएँ दे रहे हैं।    

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06 October 2020, 15:59