यूरोप में प्रवेश करने का इन्तजार करते हुए बोस्निया में प्रवासी यूरोप में प्रवेश करने का इन्तजार करते हुए बोस्निया में प्रवासी 

प्रवासन पर यूरोपीय संघ संधि उम्मीदों से कम, कारितास यूरोप

कारितास यूरोप ने शरण और प्रवासन पर लंबे समय से प्रतीक्षित यूरोपीय संघ संधि के प्रति निराशा व्यक्त की है। उनका कहता है इसमें मौलिक परिवर्तन का अभाव है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

ब्रसेल्स, गुरुवार 24 सितम्बर 2020 (वाटिकन न्यूज) : कारितास यूरोप ने यूरोपीय संघ मुख्यालय, ब्रसेल्स में शरण और प्रवासन पर यूरोपीय संघ के समझौते पर अपनी निराशा व्यक्त की है।

यूरोप में काथलिक कलीसिया के मानवीय नेटवर्क ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया था कि यह समझौता "यूरोपीय संघ की दिशा में अधिक संतुलित और मानवीय प्रवासन नीतियों को स्थानांतरित करने की उम्मीदों से कम है।"

लंबे समय से प्रतीक्षित प्रवासन समझौते की आवश्यकता नाटकीय रूप से उजागर हुई थी जब लेस्बोस के ग्रीक द्वीप पर मोरिया शिविर में रखे गए 12,000 से अधिक पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को असुरक्षित छोड़ दिया गया था, और इससे भी अधिक, जब 9 सितंबर को यह शिविर जल गई थी।

संधि

बुधवार 23 सितम्बर को संधि का अनावरण किया गया जिसका उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों के बीच शरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है। यूरोपीय संघ के सभी नेता स्वीकार करते हैं कि यह एक अप्रभावी और अन्यायपूर्ण प्रणाली थी।

यूरोपीय संघ आयोग के अध्यक्ष, उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि नया समझौता "लाभ" और "बोझ" साझा करने वाले सभी सदस्य राज्यों के साथ एक "उचित संतुलन" होगा। उन्होंने कहा कि यह "यूरोपीय संघ के राज्यों द्वारा योगदान देने का सवाल नहीं था परंतु "कैसे" योगदान दिया जाए।

स्थानांतरण के बजाय पुनर्वास

लेकिन कारितास यूरोप ने दावा किया, "संधि की शीर्ष प्राथमिकताएँ  यूरोपीय संघ में प्रवास को रोकना और मूल देशों के साथ सहयोग को तेज करना और अनियमित आंदोलनों और अपने मूल देशों में वापसी के बारे में पारगमन करना है।"

संगठन ने कहा कि उसे उम्मीद थी कि मोरिया की तबाही यूरोप के दरवाजे पर प्रवासियों को रखने की नीतियों को बदल देगी, लेकिन यूरोपीय संघ ने "अपने कार्यक्रम को मौलिक रूप से बदलने या ऐसी नीतियों का प्रस्ताव नहीं दिया है जो निश्चित रूप से मार्यादाहीन प्रवासी शिविर में परिवर्तन लायेंगे।"

उचित और न्यायसंगत साझा तंत्र के लिए अपील

कारितास यूरोप के महासचिव मारिया निमन ने चिंता व्यक्त की कि नई प्रणाली "कानूनी सुरक्षा उपायों को कमजोर करेगी और संभावित 'वापसी' तथा हिरासतों में और वृद्धि होगी।"

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के अनुसार, गैर-वापसी सिद्धांत इस बात की गारंटी देता है कि किसी को भी ऐसे देश में नहीं लौटाया जाना चाहिए जहां वे यातना, क्रूर, अमानवीय या अपमानजनक या सजा और अन्य अपूरणीय क्षति का सामना किये थे।

निमन ने यह भी कहा कि यह एक खतरा है कि "मोरिया में लागू हॉटस्पॉट मॉडल को दोहराएगा, जो कि अत्यधिक भीड़भाड़ वाले और मार्यादाहीन स्वागत सुविधाओं और लोगों की भागीदारी में प्रवेश कर चुका है तथा प्रवासियों और स्थानीय आबादी के लिए पूरी तरह से विफल साबित हुआ है।"

उसने कहा कि यह अस्वीकार्य है कि डबलिन नियम को बदलने के लिए प्रस्तावित संधि, यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों को प्रवासियों और शरणार्थियों के पुनर्वास से बचने की सुविधा प्रदान करेगा।

कारितास यूरोप के महासचिव ने अंत में "यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के बीच एक निष्पक्ष, पूर्वानुमेय और टिकाऊ जिम्मेदारी-साझाकरण तंत्र" का आह्वान किया, जिसमें कहा गया कि "पूरे यूरोप में शरण चाहने वालों को वितरित करने के लिए एक समान प्रणाली के बिना, लोगों के परिवार और व्यक्तिगत संबंधों को ध्यान में रखते हुए स्थानांतरित किया जाए।"

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24 September 2020, 15:08