प्रार्थना करते हुए बांग्लादेश के ख्रीस्तीय प्रार्थना करते हुए बांग्लादेश के ख्रीस्तीय 

बांग्लादेशी ख्रीस्तीय ‘सृष्टि की देखभाल’ हेतु प्रतिबद्ध

बांग्लादेश में काथलिक और अन्य ख्रीस्तीय समुदायों ने जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पर्यावरण की रक्षा के एक साझा प्रयास में अपना पूरा सहयोग देने का वादा किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

ढाका, शनिवार 19 सितम्बर 2020 (वाटिकन न्यूज) : बांग्लादेश के ख्रीस्तियों ने बुधवार को एक वेबिनार के दौरान सृष्टि की देखभाल हेतु एक साथ काम करने का संकल्प लिया। वेबिनार का आयोजन  बांग्लादेश के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के न्याय एवं शांति विभाग (इसीजेपी) और एक ख्रीस्तीय उदार संगठन ‘विश्व दृष्टि बांग्लादेश’ ने मिलकर किया था।

सृष्टि की देखभाल

विभिन्न ईसाई संप्रदायों के करीब 80 धार्मिक और उदार संगठन के नेताओं ने "सृष्टि का मौसम - जलवायु परिवर्तन और आपदा को रोकने हेतु अंतर-कलीसियाई वार्ता" विषय पर दो घंटे से अधिक समय तक आभासी चर्चा में भाग लिया।

यह पहल "सृष्टि के मौसम" का हिस्सा है, जो  1 सितंबर से 4 अक्टूबर तक, सभी कलीसियाओं द्वारा प्रार्थना और ठोस कार्रवाई का एक अभियान दुनिया भर में सृष्टि को सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए शुरु किया गया है।

वेबिनार प्रतिभागियों ने ख्रीस्तीय संप्रदायों, संगठनों और समुदायों के बीच प्रार्थना और भाईचारे को बढ़ावा देने का वादा किया, ताकि पर्यावरण की देखभाल और जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न हानिकारक परिणामों से निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई शुरू की जा सके।

अपनी प्रस्तुति में, इसीजेपी के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष जेर्वास रोज़ारियो ने कहा कि ईश्वर ने दुनिया को बनाया और इसकी देखभाल की जिम्मेदारी मनुष्य को दी, लेकिन मनुष्य ने इसका कई तरह से दुरुपयोग किया है, यही वजह है कि इतनी सारी आपदाएं हम सबको प्रभावित कर रही हैं। धर्माध्यक्ष रोजारियो ने कहा, "अब हम और अधिक नुकसान नहीं कर सकते। समय आ गया है कि हम अपने हृदय और आत्मा से ईश्वर की रचना को प्यार करें।" “हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अच्छी धरती छोड़ जाएँ। यदि हम विफल होते हैं, तो वे हमें ईश्वर की रचना को बर्बाद करने के लिए दोषी ठहराएंगे।"

बांग्लादेश बैप्टिस्ट चर्च संघ के सहायक महासचिव रेवरेंड जॉन एस. करमोकर ने कहा कि भले ही देश में ख्रीस्तीय समुदाय छोटा है, लेकिन हम "पर्यावरण के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।" उन्होंने कहा, "अगर हम एक साथ काम करते हैं और अपने विचारों को साझा करते हैं, तो हमारे कार्यक्रम और क्रियाएं अधिक मजबूत और प्रभावी होंगी।"

400,000 पेड़ लगाने की योजना

1 सितंबर को, बांग्लादेश के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीपी) ने संत पापा फ्राँसिस के विश्व पत्र  "लौदातो सी" की 5वीं वर्षगांठ के अवसर पर आमघर की विशेष देखभाल हेतु एक वर्ष के दौरान देश भर में 400,000 पेड़ लगाने का अभियान चलाया।

यह अभियान अगले साल देश की स्वतंत्रता के 50 वर्षों के साथ-साथ राष्ट्र के संस्थापक पिता शेख मुजीबुर रहमान के जन्म शताब्दी वर्ष के रूप में चिह्नित करता है।

जलवायु परिवर्तन

जलवायु परिवर्तन, बाढ़, नदी के कटाव, चक्रवात और अन्य संबंधित घटनाएं निम्न-स्तरीय बांग्लादेश के लिए संवेदनशील मुद्दे हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी नदियाँ इस देश से होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती और समूद्र में समा जाती है।

जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के अन्य प्रभावों के परिणामस्वरूप ध्रुवीय हिमखंडों के पिघलने के कारण समुद्र के स्तर में वृद्धि के कारण 160 मिलियन से अधिक आबादी वाला बांग्लादेश दुनिया के सबसे जोखिम वाले देशों में से एक है।

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19 September 2020, 13:59