लेबनान के प्रति एकात्मता में पूरी कलीसिया, कार्डिनल परोलिन
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
लेबनान, शनिवार, 5 सितम्बर 20 (वीएन)- संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार को आमदर्शन समारोह के दौरान शुक्रवार 4 सितम्बर को लेबनान के लिए विश्व प्रार्थना एवं उपवास दिवस घोषित किया था।
संत पापा ने यह भी कहा था कि वे वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन को अपने प्रतिनिधि के रूप में लेबनान भेजेंगे, कि वे लोगों के बीच उपस्थित हो सकें और उन्हें एकात्मता एवं आध्यात्मिक सामीप्य प्रदान कर सकें।
प्रार्थना दिवस के पूर्व बृहस्पतिवार को कार्डिनल परोलिन ने बेरूत में संत जॉर्ज मारोनाईट महागिरजाघर में, लेबनान के धर्माध्यक्षों, विभिन्न धार्मिक समुदायों के प्रतिनिधियों और मानवीय संगठन के सदस्यों से मुलाकात की।
लेबनान के प्रति एकात्मता
मुलाकात के दौरान धर्मगुरूओं को सम्बोधित करते हुए कार्डिनल परोलिन ने बतलाया कि उनका यह दौरा विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया की ओर से सामीप्य व्यक्त करने के लिए है। उन्होंने गौर किया कि प्रार्थना दिवस के लिए संत पापा की अपील विश्व भर से तत्काल जवाब द्वारा प्रेरित थी। उन्होंने लेबनान के नेताओं को आश्वासन देते हुए कहा, "आप अकेले नहीं हैं।"
उन्होंने देश के राजनीतिक नेताओं से अपील की कि वे शांति एवं बेहतर भविष्य हेतु युवाओं की क्षमताओं एवं उनकी आकांक्षाओं को बढ़ावा दें क्योंकि मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य के प्रति सम्मान पर आधारित समावेशी नागरिकता के द्वारा ही एक साथ मिलकर हर तरह के अधिकारवाद पर विजय पाया जा सकता है।
"हमारी पीड़ा हमें अपने मतलब को शुद्ध करने में मदद करता है और हमें शांति एवं सम्मान से एक साथ जीने की शक्ति देता है, एक बेहतर प्रशासन के लिए प्रेरित करता है जो जिम्मेदार, पारदर्शी और जवाबदेह हो।"
लेबनान के पवित्र भूमि का हिस्सा होने के अनुठे मूल्य की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यहाँ येसु ने विचरण किया है, प्रेरित और माता मरियम ने दौरा किया है अतः उनका पहला मिशन है कि वे पीड़ित जनता को आशा प्रदान करें तथा सबसे कमजोर लोगों से शुरू करते हुए, मानवता में भाई-बहनों की सेवा करें।
कार्डिनल ने एकात्मता के कार्यों के लिए प्रोत्साहन देते हुए कहा कि बेरूत में पहले से ही एकात्मता के कई कार्य हो रहे हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे लेबनान को न छोड़ें क्योंकि संसार को बहुवाद के अनूठे प्रयोग की आवश्यकता है तथा एकजुटता और स्वतंत्रता में एक साथ रहना है जिसकी मिसाल लेबनान है।
पुनः बाहर निकलने के लिए शक्ति की खोज
हरिस्सा में माता मरियम तीर्थस्थल पर ख्रीस्तयाग में कार्डिनल परोलिन ने लेबनान वासियों को प्रोत्साहन दिया कि आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक संकट के बावजूद वे आशा बनाये रखें तथा बाहर निकलने के लिए शक्ति और ऊर्जा की खोज करें।
संत पापा के शब्दों का हवाला देते हुए वाटिकन राज्य सचिव ने उपदेश में कहा कि "और अब मैं आप सभी की चिंता एवं आशा को हरिस्सा की माता मरियम को अर्पित करता हूँ। वे उन सभी को सांत्वना प्रदान करें जो अपने प्रियजनों के लिए शोक मना रहे हैं, जिन्होंने अपने घरों को खो दिया है। वे येसु ख्रीस्त से हमारे लिए अर्जी करें कि देवदार की यह भूमि फिर खिल उठे और समस्त मध्यपूर्व में एक साथ जीने की खुशबू बिखेरे।"
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