राष्ट्रपति पॉल बया द्वारा अक्टूबर 2019 में एक प्रमुख राष्ट्रीय वार्ता आयोजित राष्ट्रपति पॉल बया द्वारा अक्टूबर 2019 में एक प्रमुख राष्ट्रीय वार्ता आयोजित  

ख्रीस्तीय नेताओं द्वारा कैमरून में हिंसा को रोकने की अपील

क्लिफ्टन के धर्माध्यक्ष डेकन लैंग और पोर्ट्समाउथ के धर्माध्यक्ष फिलिप एगन ब्रिटेन के अन्य चार ख्रीस्तीय नेताओं के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा कैमरून में हिंसा को समाप्त करने और "मजबूत राजनयिक कार्रवाई" का आह्वान किया है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

लंदन, बुधवार 30 सितम्बर 2020 : ब्रिटेन में अन्य ईसाई नेताओं के साथ दो धर्माध्यक्षों ने कैमरून में हिंसा की मौजूदा स्थिति पर प्रतिक्रिया देने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और यूके सरकार से मांग की।

"हम कैमरून के एंग्लोफोन क्षेत्र में अपनी बहनों और भाइयों के रोने की आवाज़ सुनते हैं, जो अपनी मानवीय गरिमा के दैनिक उल्लंघनों का सामना कर रहे हैं।" क्लिफ्टन के धर्माध्यक्ष डेकन लैंग और पोर्ट्समाउथ के धर्माध्यक्ष फिलिप एगन, साथ ही चार अन्य धार्मिक नेताओं ने सह-हस्ताक्षरित बयान को पढ़ा।

सोमवार को इंग्लैंड एवं वेल्स के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीईडब्ल्यू) की वेबसाइट पर प्रकाशित बयान में धार्मिक नेताओं ने कहा, "नागरिकों की असाधारण हत्या, मनमाने ढंग से हिरासत और हमलों की हालिया रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्रतिक्रिया मांगती है।"

सीबीसीईडब्ल्यू के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विभाग के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष लैंग हैं, जबकि धर्माध्यक्ष इगन का धर्मप्रांत कैमरून के उत्तर-पश्चिम में स्थित बामेंडा के महाधर्मप्रांत के साथ जुड़ गया है।

अपील

हिंसक झड़पों के मद्देनजर, धर्मगुरुओं ने यूके सरकार को अन्य यूरोपीय देशों के साथ हिंसा को रोकने के लिए मजबूत राजनयिक कार्रवाई और सभी कैमरून लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए एक समझौता कराने में मदद करने के लिए कहा।

उन्होंने "स्थानीय समुदायों के साथ काम करते हुए" हिंसा को अस्वीकार करने और बातचीत का रास्ता अपनाने के लिए कलीसियाओं से अपनी निकटता व्यक्त की और उन्हें आश्वस्त किया कि "उन्हें भुलाया नहीं गया है।"

कैमरून में स्थिति

कैमरून 2016 के बाद से हिंसा के एक चक्र में उलझा हुआ है, जब फ्रैंकोफोन-वर्चस्व वाली सरकार ने फ्रेंच बोलने वाले वकीलों और शिक्षकों को अंग्रेजी बोलने वाले अदालतों और स्कूलों में लगाया। अंग्रेजी बोलने वाले अल्पसंख्यक जो बीस प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं,विरोध करना शुरु किया और अपने लिए एक अलग राज्य के निर्माण की मांग करने लगे। अलगाववादियों और सरकारी बलों के बीच संघर्ष में कम से कम 3000 लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों हजारों लोग विस्थापित हो गये, जिनमें से कुछ पड़ोसी देश नाइजीरिया चले गए हैं। सरकारी बलों द्वारा देश में विरोध प्रदर्शनों पर हिंसक कार्रवाई से स्थिति और भी बिगड़ गई है।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के दबाव में राष्ट्रपति पॉल बया ने अक्टूबर 2019 में एक प्रमुख राष्ट्रीय वार्ता आयोजित की। जिसमें सरकार को देश के दो एंग्लोफोन क्षेत्रों को विशेष दर्जा देने के लिए कहा गया। फरवरी 2020 में, दुनिया भर के सोलह धर्माध्यक्षो ने राष्ट्रपति बया को एक पत्र प्रषित किया जिसमें उन्होंने अलगाववादियों के साथ शांति वार्ता आयोजित करने का आग्रह किया।

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30 September 2020, 15:50