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पटना के 84 पुरोहितों की गरीबों के प्रति उदारता

पटना महाधर्मप्रांत के 84 पुरोहितों ने गरीबों की मदद, उनके प्रति सामीप्य एवं एकात्मता के ठोस चिन्ह स्वरूप अपने मासिक वेतन का त्याग किया है। कोरोना वायरस के कारण लम्बे समय तक तालाबंदी के दौरान पुरोहितों ने गरीबों और बेरोजगारों की मदद हेतु अपने मासिक वेतन के कुछ हिस्से का त्याग किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

भारत, बृहस्पतिवार, 3 सितम्बर 20 (वीएन)- महाधर्माप्रांत के सामाजिक सेवा केंद्र के निदेशक फादर अमल राज ने कहा, "उनकी उदारता के लिए धन्यवाद।" काथलिक कलीसिया ने जरूरतमंद लोगों की सहायता की है, मास्क बनाकर लोगों के बीच बांटा है, उन्हें सेनेटाइजर भी दिया है। कोरोना वायरस जागरूकता कार्यक्रम चलाई है।

फादर अमल ने कहा कि बिहार की राजधानी पटना में करीब 33 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करते हैं और पूरे क्षेत्र में दस लाख से अधिक आंतरिक प्रवासी श्रमिक हैं जो महामारी के कारण बेरोजगार हो गए हैं।

लेकिन पुरोहितों की उदारता इस मुश्किल दौर का एकमात्र सकारात्मक कार्य नहीं है, वास्तव में, पटना की काथलिक कलीसिया ने 2014 से ही एक अंतर धर्मप्रांतीय मंच तैयार किया है जिसका नाम है सेवा केंद्र। जिसके द्वारा काथलिक कई परोपकारी कार्य सम्पन्न करते हैं। उदाहरण के लिए, विस्थापित परिवार जो काम से निकाल दिये गये हैं उन्हें पशुपालन (भेड़, मुर्गियां, बत्तख और हंस) के द्वारा मदद दी जा रही है। साथ ही उसने स्थानीय लोगों के सामाजिक – आर्थिक विकास हेतु उन्हें मंच प्रदान किया है, गाँवों में बच्चों के लिए शिक्षा की सुविधा मुहैया करायी जा रही है ताकि उन्हें अशिक्षा से ऊपर उठने में मदद दी जा सके।  

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03 September 2020, 16:13