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परमाणु बम द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी के विनाश की 75 वीं वर्षगांठ परमाणु बम द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी के विनाश की 75 वीं वर्षगांठ  

जापानी धर्माध्यक्षों द्वारा परमाणु हथियारों के उन्मूलन को बढ़ावा

जैसा कि जापान में काथलिक परमाणु बम द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी के विनाश की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, उनके धर्माध्यक्ष शांति को बढ़ावा देने और परमाणु हथियारों को खत्म करने का बीड़ा उठाया है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

नागासाकी, सोमवार 10 अगस्त,2020 (वाटिकन न्यूज) : 1981 में संत पापा जॉन पॉल द्वितीय और 2019 में संत पापा फ्राँसिस के हिरोशिमा और नागासाकी के प्रेरितिक दौरे, शांति को बढ़ावा देने और परमाणु निरस्त्रीकरण में निर्णायक रहे हैं।

जापान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष और नागासाकी के वर्तमान धर्माध्यक्ष मित्सुकी ताकामी ने बताया कि "हिरोशिमा और नागासाकी विनाश की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं" विषय पर प्री-रिकॉर्डेड वेबकास्ट" का रिकॉर्ड किया गया था, जो 3 अगस्त को जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी बर्कले सेंटर फॉर रिलीजन, पीस एंड वर्ल्ड अफेयर्स द्वारा पोस्ट किया गया था।

हिरोशिमा और नागासाकी: परमाणु संहार के 75 साल बाद हमें क्यों याद रखना चाहिए।

धर्माध्यक्ष ताकामी ने कहा कि संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने 25 फरवरी 1981 को हिरोशिमा के पीस मेमोरियल में जापानी भाषा में कहा, “युद्ध मनुष्य का काम है। युद्ध मानव जीवन का विनाश है। युद्ध मृत्यु है। अतीत को याद रखना अपने आप को भविष्य के लिए प्रतिबद्ध करना है ... हिरोशिमा के परमाणु युद्ध को खत्म करना है ... याद रखें कि हिरोशिमा को शांति के लिए खुद को प्रतिबद्ध करना है ... आइए, हम सभी मानव जाति से वादा करें कि हम निरस्त्रीकरण और परमाणु हथियारों को खत्म करने के लिए अनवरत काम करते रहेंगे।”

शांति हेतु दस दिवसीय प्रार्थना की पहल

पोप जॉन पॉल द्वितीय  के शब्दों के जवाब में, धर्माध्यक्ष ताकामी ने कहा कि धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने 6 अगस्त से 15 अगस्त तक 'दस दिनों की शांति प्रार्थना' करने का निर्णय लिया। 6 अगस्त को हिरोशिमा पर बमबारी की गई थी  और 15 अगस्त को युद्ध समाप्त हुआ था। 1982 में इस प्रार्थना को शुरू किया गया और आज भी जारी है।

संत पापा फ्राँसिस एक और कदम उठाते हैं

पिछले साल संत पापा फ्राँसिस ने नवंबर 2019 में अपनी प्रेरितिक यात्रा पर दोनों शहरों का दौरा किया।

धर्माध्यक्ष ताकामी ने कहा कि  "संत पापा फ्राँसिस अपने पूर्ववर्ती की तुलना में एक कदम आगे निकल गए।"। "उन्होंने घोषणा की कि परमाणु हथियारों का संचय और उपयोग  अनैतिक है।" उन्होंने एकता की आवश्यकता पर बल दिया और परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया की ओर एक साथ काम करने और लक्ष्य के लिए कलीसिया को प्रतिबद्ध किया।

सभी जीवों की रक्षा का महीना

अंत में, धर्माध्यक्ष ताकामी ने कहा कि जापानी धर्माध्यक्षों ने 1 सितंबर से 4 अक्टूबर तक की अवधि को "सभी जीवों की रक्षा का महीना" के रूप में निर्दिष्ट किया है।

यह अवधि निर्माण के मौसम से मेल खाती है और संत पापा फ्राँसिस के प्रेरितिक यात्रा के आदर्श वाक्य- ‘सभी जीवन की रक्षा करें’- की याद दिलाते हैं।

यह महीना जापानी काथलिकों को पर्यावरण को बेहतर बनाने और पृथ्वी की सुरक्षा के लिए "ठोस कार्य" करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

धर्माध्यक्ष ताकामी ने कहा, "मेरा दृढ़ विश्वास है कि पर्यावरण की रक्षा करने और पूर्ण मानव विकास को बढ़ावा देने से शांति को बढ़ावा मिलेगा।"

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10 August 2020, 14:50