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मानागुआ महागिरजाघर में पूरा तरह से जला हुआ क्रूस मानागुआ महागिरजाघर में पूरा तरह से जला हुआ क्रूस 

मानागुआ के महागिरजाघर पर हमला: "काथलिक चर्च से नफरत है"

एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा मानागुआ के महागिरजाघर में आग लगाये जाने के कारण एक प्राचीन क्रूस जल गया। कार्डिनल ब्रेनस के लिए यह एक आतंकवादी कार्य है। निकारागुआ की काथलिक कलीसिया बहुत दुखित है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

मानागुआ,शनिवार 01 अगस्त 2020 : "एक आतंकवादी हमला" इस प्रकार  मानागुआ के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल लियोपोल्ड जोस ब्रेनस ने निकारागुआ की राजधानी के महागिरजाघर के खिलाफ कल किए गए हमले को परिभाषित किया।

क्रूस पूरी तरह से नष्ट

कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अपने चेहरे को ढंके हुए एक व्यक्ति ने महागिरजाघर के अंदर ख्रीस्त के पवित्र लहू प्रार्थनालय में एक मोलोटोव कॉकटेल फेंक दिया, जिससे आग लग गई, जिससे अन्य मूल्यवान चीजों के साथ, लगभग चार शताब्दियों का एक क्रूस भी जल गया। आग पर जल्दी ही काबू पा लिया गया। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन इस हमले से वहाँ के काथलिक समुदाय को गहरा दुख पहुंचा है।

महाधर्मप्रांत की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह "एक पूर्व नियोजित कार्य है, जो एक विशेषज्ञ व्यक्ति द्वारा किया गया है"। क्रूस को "एक अज्ञात उपकरण द्वारा पूरी तरह से जला दिया गया।" जैसा कि कुछ ने कहा है, क्योंकि घटना के क्षेत्र में मोमबत्तियां नहीं थी, इसलिए एक आकस्मिक आग की परिकल्पना को खारिज कर दिया गया है। महाधर्माध्यक्ष ने इसे  एक "निंदनीय कार्य" कहा है इससे सभी काथलिकों को "गहरा अपमान और दुख पहुँचा है।" क्योंकि निकारागुवा के सभी ख्रीस्तीय इस क्रूस की श्रद्धा और सम्मान करते थे।

काथलिक विरोधी हिंसा में वृद्धि

विज्ञप्ति में कहा गया कि यह निंदनीय कार्य गिरजाघऱ के अपवित्रीकरण, गिरजाघरों के संपति की तोड़फोड़, गिरजाघरों की घेराबंदी की घटनाओं की श्रृंखला में जुड़ता है, जो काथलिक कलीसिया के प्रति घृणा और उनके सुसमाचार प्रचार के प्रति घृणा को दर्शाता है।" काथलिक लोगों के विश्वास पर किये गये हमलों पर एक गहन अध्ययन और विश्लेषण की आवश्यकता है।

विज्ञप्ति के अंत में, विश्वासियों को "आने वाले दिनों में महाधर्माध्यक्ष के संकेतों के प्रति "चौकस" रहने और विश्वास के साथ जवाब देने के लिए आमंत्रित किया गया।

संत जॉन पॉल द्वितीय का संदेश

अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान संत जॉन पॉल द्वितीय ने फरवरी 1996 में महागिरजाघर में "ख्रीस्त के पवित्र लहू" प्रार्थनालय में क्रूस का दर्शन कर कुछ देर प्रार्थना की थी और वहाँ उपस्थित विश्वासियों से कहा, "आप मानागुआ महाधर्मप्रांत के केंद्र में इस प्रार्थनालय को चाहते थे जहाँ तीन शताब्दियों से पहले स्पेन से लाये गये क्रूस को रखा जाए। आप प्रभु येसु के क्रूस और उसपर बहाये गये पवित्र लहू की भक्ति के साथ श्रद्धा करते है। इसी क्रूस पर असहाय संकट के साथ प्रभु ने मौत को स्वीकार किया। पाप और मृत्यु पर विजय पाई। पुनर्जीवित होकर हममें खुशी और आशा का संचार किया। मृत्यु और पुनरुत्थान के इस रहस्य को मत भूलें, दूसरों की थकान, अकेलापन या नासमझी आपके उत्साह को कम कर सकती है। लड़खड़ायें। परंतु संदेह न करें कि आप ईश्वर से प्यार करते हैं और उनका प्यार हमेशा आप के साथ रहता है : उनकी जीत हमारी गारंटी है!”

हाल के महीनों में और हाल ही में, निकारागुआ में गिरजाघरों में कई बर्बरतापूर्ण हमले हुए हैं। गिरजाघरों के संदूक से पवित्र साक्रामेंट को जमीन पर फेंक दिया गया, गिरजाघरों की दान पेटियाँ चुराए गए,  कीमती वस्तुओं, एम्पलीफायरों, मूर्तियों को नष्ट कर दिया गया, बेंच और अन्य फर्नीचर और वस्तुओं को नुकसान पहुंचाया गया है। मध्य अमेरिकी देश की सामान्य स्थिति के एक नाजुक चरण में काथलिकों के खिलाफ हिंसा बढ़ती जा रही हैं।

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01 August 2020, 13:38