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मानव जीवन और सम्मान की सुरक्षा हेतु ठोस कदम की मांग

महाधर्माध्यक्ष इभान जुरकोविक संयुक्त राष्ट्र संघ हेतु वाटिकन के प्रवेक्षक ने जीवन और मानव सम्मान की सुरक्षा हेतु ठोस कदम उठाने की मांग की।

दिलीप संजय एक्का-वाटिनक सिटी

वाटिकन रेडियो, 09 जुलाई 2020 (रेई) वाटिकन ने प्रवासियों और शरणार्थियों के संबंध में इस बात हेतु अपने प्रतिबद्धता को दुहराया है कि मानव जीवन की सुरक्षा और उनके सम्मान हेतु ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। उक्त बातें महाधर्माध्यक्ष इभान जुरकोविक ने मंगलवार को जेनेवा में शरणार्थियों हेतु उच्चायोग समिति द्वारा अयोजित एक बैठक के दौरान दस्तावेज “पुनर्वास और पूरक रास्ते” के संबंध में कही।

पूरक रास्ते सुरक्षित और विनियमित हैं जिनके द्वारा शरणार्थियों को किसी देश में प्रवेश दिया जा सकता है और उनकी अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की जरूरतें पूरी की जा सकती हैं, जबकि वे संभावित और स्थायी समाधान तक पहुंचने के लिए खुद को सुयोग्य बनाने में सक्षम होते हैं। दस्तावेज़ पुनर्वास और पूरक मार्गों को “बोझ और जिम्मेदारी साझा करने हेतु अधिक न्यायसंगत” का एक स्वरुप प्रदान करता है।

तीसरा देश समाधान

महाधर्माध्यक्ष जुरकोविच ने उच्चायोग द्वारा शरणार्थियों के संबंध में तीसरे देश समाधान के प्रयासों को स्वारीकार किया जैसा कि ग्लोबल कॉम्पैक्ट में शरणार्थियों में जिक्र किया गया है। उन्होंने विश्व शरणार्थी फोरम 2019 के संदर्भ में इस रणनीति को हासिल करने हेतु किए गए पहलों का भी स्वागत किया। इस संदर्भ में उन्होंने संत पापा फ्रांसिस के विचारों को व्यक्त किया कि उम्मीद है कि अधिक संख्या में देश व्यक्तिगत और सामुदायिक प्रायोजन के कार्यक्रमों को अपनाते हुए शरणार्थियों के लिए मानवता के मार्ग में आगे बढ़ेंगे।

लाभ साझा करना

महाधर्माध्यक्ष जुरकोविच ने कहा कि शरणार्थियों का स्वागत करने वाले देश “लाभ साझेदारी” में भी भाग लेते हैं। उन्होंने कहा कि शरणार्थियों के “सामाजिक और व्यावसायिक समावेश” को बढ़ावा मिलना चाहिए और उनकी क्षमताओं को उचित रूप से स्वीकार किया जाना चाहिए जिससे वे देश के “रोजगार, भाषा निर्देश और सक्रिय नागरिकता” में मददगार होते हुए देश के विकास में अपनी सहभागिता दे सकें।

मानवीय गलियारे

वाटिकन राजयानिक ने शरणार्थियों को लीबिया से निकालने हेतु किए गए उपायों की सराहना की, जहां वे अति जोखिम भरी स्थिति में थे। उत्तरी अफ्रीकी राष्ट्र की स्थिति के बारे में, संत पापा ने मनोभावओं को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मानवतावादी गलियारों के माध्यम से “लीबिया में अवरोधक शिविरों को खाली करने हेतु गंभीर प्रयास की जरुरत है जहाँ खासकर महिलाएं, बच्चों और बीमारों की स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि इन उपायों के माध्यम से करीब 1,200 शरणार्थियों को और कहीं पनाह मुहैया कराया गया है।

ठोस समाधान

धर्माध्यक्ष जुरकोविक ने शरणार्थियों के लिए स्थायी समाधान खोजने के लिए उच्चायोग और कई मेजबान सरकार के प्रयासों की सराहना की, जिसमें तीसरे देश के पुनर्वास कार्यक्रम और अन्य पूरक रास्ते शामिल हैं, विशेष रूप से कमजोर परिस्थितियों में जीवन जीने वालों के लिए जो अपने देशों में वापस नहीं आ सकते हैं या देशों में नगरिकता प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि ये प्रयास अक्सर विश्वास आधारित संगठनों और स्थानीय समुदायों में सकारात्मक समावेश और एकीकरण सुनिश्चित करने के हेतु नागरिक समाज के प्रयासों द्वारा समर्थित हैं।

शरणार्थियों की अनिश्चित

महाधर्माध्य ने खेद व्यक्त किया कि अधिकांश शरणार्थी और परिवार अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हैं। वे अपने दैनिक जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हैं। कईएक को अवरोधक केंद्रों तक सीमित कर दिया जाता है, जहां वे शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सम्मानजनक रोजगार के अवसरों से वंचित होते हैं, इस तरह वे मानव तस्करी और आधुनिक समय की गुलामी के शिकार हो जाते हैं।

उन्होंने शरणार्थियों के जीवन और मानवीय गरिमा की रक्षा हेतु वाटिकन का दूसरे सगठनों और संस्थानों से प्रतिबद्धता को नवीकृत किया।

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09 July 2020, 14:22