खोज

कैलिफोर्निया में प्रदर्शन करते लोग कैलिफोर्निया में प्रदर्शन करते लोग 

काथलिक शिक्षा द्वारा पीढ़ी को विश्वास का हस्तांतरण, धर्माध्यक्ष

ओकलैंड, कैलिफ़ोर्निया के धर्माध्यक्ष माइकेल बार्बर ने संयुक्त राज्य में काथलिक शिक्षा पर कोविद -19 महामारी के नाटकीय प्रभाव के बारे में बात की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

कैलिफोर्निया, शनिवार 4 जुलाई 2020 (वाटिकन न्यूज) : पिछले हफ्ते निजी विद्यालयों में कम आय वाले छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए अमेरिकी कांग्रेस को "तत्काल संघीय सहायता" का आह्वान करने वाली याचिका भेजी गई। इस याचिका में 150 से अधिक अंतर-धार्मिक भागीदारों के साथ यूएस धर्मध्यक्षीय सम्मेलन के लिए काथलिक शिक्षा समिति के अध्यक्ष, धर्माध्यक्ष माइकेल बार्बर एस.जे. भी शामिल हुए।

याचिका में कहा गया कि "यदि निजी स्कूल के छात्र सार्वजनिक स्कूलों में बड़ी संख्या में स्थानांतरित होते हैं, तो राज्यों और जिलों को एक असहनीय वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ेगा।"

उन्होंने "निजी स्कूल के मध्यम-आय वाले परिवारों के लिए कम समय के लिए एक बार का आपातकालीन ट्यूशन अनुदान" और छात्रवृत्ति कार्यक्रमों में दान करने वाले लोगों के लिए फेडरल टैक्स क्रेडिट का भी अनुरोध किया।

कोविद महामारी के प्रभाव

वाटिकन न्यूज के क्रिस्टोफर वेल्स के साथ एक साक्षात्कार में, धर्माध्यक्ष बार्बर ने कोविद महामारी नाटकीय प्रभावों के बारे में बताया कि देश में काथलिक शिक्षा पर महामारी चल रही है।

उन्होंने बताया कि उन अभिभावकों के लिए जो एक गैर-पब्लिक स्कूल में ट्यूशन फीस दे रहे हैं, सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं दी जाती है।

"उन्हें पहले मेज पर खाना रखने या अपनी दवा के लिए भुगतान करना होता है। इसलिए हम अभी अनुमान लगाते हैं कि सौ से अधिक काथलिक स्कूलों ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे फिर से स्कूल खोलने नहीं जा रहे हैं क्योंकि उनके स्कूल में नामांकन नहीं हुआ है।”

जैसा कि महामारी के कारण कई लोगों को काम से निकाल दिया है। इसका प्रभाव पल्लियों को दिये गये फंडिंग पर भी पड़ा है। इस फंड से बहुत सारे काथलिक पल्लियों के स्कूलों को समर्थन दिया जाता था, पर अब पवित्र मिस्सा समारोह न होने की वजह से चंदा जमा नहीं हो सका। धर्माध्यक्ष ने बताया कि पल्लियों के पास अब गिरजाघरों के बिजली बिल का भुगतान करने के लिए भी पैसे नहीं हैं ऐसे में पल्ली स्कूलों की आर्थिक मदद करना संभव नहीं हो सकेगा।

अल्पसंख्यक और काथलिक स्कूल

धर्माध्यक्ष बार्बर ने बताया कि काथलिक स्कूलों में पढ़ने वाले 20% से अधिक बच्चे अल्पसंख्यक समुदायों से हैं और "माता-पिता को काथलिक स्कूलों से बहुत लगाव है क्योंकि उनके बच्चों को पब्लिक स्कूल मदद नहीं करता है।"

यह पूछे जाने पर कि कलीसिया उन स्कूलों के बारे क्या कहती है, जिन्होंने पहले ही स्कूल बंद करने की घोषणा की है, बाल्टीमोर के धर्माध्यक्ष ने कहा, "हम क्या कर सकते हैं? मुझे लगता है कि हमारे कुछ टैक्स के पैसे जो बच्चों की शिक्षा के लिए जाते हैं, उन्हें परिवारों के साथ साझा किया जाए और उन्हें अपने पसंद के स्कूलों का चुनाव करने का विकल्प दें।”

धर्माध्यक्ष ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि काथलिक शिक्षा, "अगली पीढ़ी के लिए हमारे अपने विश्वास को सौंपने सबसे अच्छा तरीका है।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

04 July 2020, 14:12