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न्यूजीलैंड में शरणार्थियों के लिए प्रार्थना दिवस,21 जून

न्यूजीलैंड के धर्माध्यक्षों का कहना है कि विश्वासियों का फर्ज बनता है कि वे प्रवासियों और शरणार्थियों के शोषण को दूर करने के लिए प्रयास करें।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

न्यूजीलैंड, सोमवार 15 जून 2020 ( वाटिकन न्यूज) : न्यूजीलैंड के काथलिक धर्माध्यक्ष संत पापा फ्राँसिस से प्रेरित विषय पर 21 जून को शरणार्थियों और प्रवासियों के लिए वार्षिक प्रार्थना दिवस आयोजित कर रहे हैं।

आपका भाई या बहन कहाँ है?

इस दिन का विषय है, "आपका भाई या बहन कहाँ है?", यह संत पापा फ्राँसिस के 2013  के प्रेरितिक विश्व पत्र "एवांजेली गौदियुम" (सुसमाचार की खुशी) से लिया गया है । संत पापा का कहना है कि उनके पास "हमेशा उन लोगों की व्यथा थी जो विभिन्न प्रकार के मानव तस्करी के शिकार थे।"

न्यूजीलैंड काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (एनजेडसीबीसी) प्रत्येक वर्ष ‘विश्व शरणार्थी दिवस’ रविवार के बाद के दिनों में शरणार्थियों और प्रवासियों के लिए प्रार्थना का दिन निश्चित करते हैं, इस वर्ष 20 जून को तय किया गया है। एनजेडसीबीसी की ओर से न्यूजीलैंड कारितास इस दिन के लिए प्रार्थना सामग्री तैयार करता है। ।

एवांजेली गौदियुम में,संत पापा ने बाइबल की पहली किताब उत्पत्ति ग्रंथ को उद्धृत किया है और हमें चुनौती देते हैं कि हम प्रवासी भाइयों और बहनों को गैरों की नजरों से न देखें बल्कि उन्हें पहचानें जो शोषण का सामना कर रहे हैं। प्रवासी और शरणार्थी हमारे समुदाय का हिस्सा हैं, बहुधा उनकी ओर कोई ध्यान नहीं देता। उनकी कोई नहीं सुनता है।  

प्रवासियों, शरणार्थियों को याद किया

न्यूजीलैंड के संदर्भ में, काथलिक समुदायों को कोविद -19 आर्थिक कठिनाइयों, नौकरी के नुकसान और मानवीय शोषण पर विचार करने के लिए आमंत्रित किया गया है, जहाँ प्रवासी समुदाय सबसे कमजोर स्थिति में हैं।

कोविद-19 महामारी से दुनिया भर में अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। धर्माध्यक्षों ने बताया कि न्यूजीलैंड में, सरकार ने न्यूजीलैंड के लोगों को आपातकालीन लाभ प्रदान करना शुरु किया है। "हालांकि," "कार्यबल का एक बड़ा हिस्सा जो लापता हैं वे प्रवासी श्रमिक हैं।"

वे बताते हैं कि महामारी से पहले भी, प्रवासी श्रमिकों का शोषण एक गंभीर समस्या थी, जिसे न्यूजीलैंड सरकार ने भी समीक्षा करके स्वीकार किया है।

संत पापा की पहुँच

न्यूजीलैंड के धर्माध्यक्षों ने विशेष रूप से संत पापा फ्राँसिस की प्रवासियों और शरणार्थियों के लिए चिंता और ठोस समर्थन को याद किया, जब उन्होंने समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने के लिए बने परमधर्मपीठ से संलग्न प्रवासियों और शरणार्थियों के लिए नये विभाग की स्थापना की। यह विभाग मानव तस्करी के साथ-साथ प्रवासियों और शरणार्थियों के बेहतरी के लिए काम करता है।

संत पापा फ्राँसिस स्वीकार करते हैं कि मानव शोषण पर काबू पाने के लिए बड़े ही "साहस, धैर्य और दृढ़ता" की आवश्यकता है, लेकिन यह एक ऐसा कार्य है जिसे हम सभी को करना चाहिए। संत पापा हमें चुनौती देते हैं कि "हम अपनी आँखें खोलें, उन लोगों के दुख को देखें और अनुभव करें र अनभव औजो पूरी तरह से अपनी गरिमा और स्वतंत्रता से वंचित हैं और मदद की गुहार कर रहे हैं। हम उनके क्रंदन को सुनें और उनकी मदद में आगे आयें।”

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15 June 2020, 14:53