खोज

गिरजाघर में प्रार्थना करते लोग गिरजाघर में प्रार्थना करते लोग 

मिस्सा के लिए गिरजाघरों को खोलने में हड़बड़ी न करें, कार्डिनल ग्रेसियस

कार्डिनल ने धर्माध्यक्षों को सम्बोधित एक पत्र में कहा है कि हमें विश्वासियों को संक्रमित होने से बचाने की जिम्मेदारी है क्योंकि यह उनके लिए घातक सिद्ध हो सकती है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

भारत, मंगलवार, 9 जून 2020 (वीएन)- "मैं अपने सभी धर्माध्यक्ष भाइयों से अपील करता हूँ कि विभिन्न दलों के दबाव के बावजूद जब तक संतोषजनक नवाचार लागू नहीं हो जाता गिरजाघरों में ख्रीस्तायाग अर्पित करने की जल्दी न करें।" यह बात मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष एवं भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस ने लॉकडाउन के बाद गिरजाघर खोलने की अनुमति मिलने के उपरांत 7 जून को कही।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को दिशा-निर्देश जारी कर संक्रमित ज़ोन को छोड़कर बाक़ी जगहों के होटल, शॉपिंग मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थलों को सोमवार 8 जून से खोलने की अनुमति दे दी है।

कार्डिनल ने धर्माध्यक्षों को सम्बोधित एक पत्र में कहा है कि हमें विश्वासियों को संक्रमित होने से बचाने की जिम्मेदारी है क्योंकि यह उनके लिए घातक सिद्ध हो सकती है।       

भारत में अब तक 2 लाख 67 हज़ार 249 लोगों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है जिनमें से 1 लाख 29 हज़ार 917 फ़िलहाल सक्रिय मामले हैं। जबकि एक लाख 29 हज़ार 214 लोग इलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। मरने वालों की संख्या 7, 478 है। सबसे अधिक संक्रमित राज्य हैं महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान, किन्तु विगत कुछ दिनों से ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है क्योंकि प्रवासी मजदूर प्रभावित इलाकों से अपने घर वापस लौट रहे हैं। सिर्फ 5 दिनों के अंदर करीब 50,000 लोग संक्रमित हुए हैं।

कार्डिनल ग्रेसियस ने 7 जून को धर्माध्यक्षों से कहा, "विश्वासियों को प्रेरितिक देखभाल प्राप्त करने का अधिकार है... हमारी जिम्मेदारी है कि उन्हें संक्रमित होने के खतरे से बचाया जाए जो उनके लिए घातक हो सकता है।

कार्डिनल ने कहा कि भारत के कई राज्यों ने लॉकडाउन को बढ़ा दिया है और उन राज्यों में हमारे गिरजाघरों को नहीं खोला गया है। मैं अपने धर्माध्यक्ष भाइयों से अनुरोध करता हूँ कि विभिन्न दलों के दबाव के बावजूद वे गिरजाघरों में ख्रीस्तीयाग अर्पित करने की हड़बड़ी न करें जब तक कि उन स्थलों में संतोषजनक नवाचार लागू न हो। 

सरकार के दिशानिर्देश में धार्मिक स्थलों में देवी-देवता को अर्पित प्रसाद को बांटने से मना किया गया है जिसके कारण परमप्रसाद के वितरण में भी संदेह है जिसको भारत में एक प्रसाद के रूप में देखा जाता है। 

कार्डिनल ने कहा कि चूँकि परमप्रसाद बांटने के संबंध में संदेह है अतः उसे मिस्सा के अंत में गिरजाघर से अलग कमरे में बांटा जाए। जिसे विश्वासियों के हाथ में सामाजिक दूरी के नियम का पालन करते हुए किया जाए।

यदि कोई पुरोहित अनचाहे किसी विश्वासी का हाथ गलती से छू दे, तो उसे तत्काल रूककर अपने हाथों को सेनेटाईज करना चाहिए उसके बाद ही वह दूसरों को परमप्रसाद बांट सकता है। 

केरल के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल अलेनचेरी ने सार्वजनिक रूप से ख्रीस्तयाग अर्पित करने के संबंध में धर्माध्यक्षों से अपील की है कि वे सामाजिक दूरी रखें और सरकार के दिशानिर्देश का सख्ती से पालन करें। 

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में महाधर्मप्रांत के गिरजाघरों को 9 जून को खोला गया। महाधर्माध्यक्ष लेओ कोर्नेलियो ने उका न्यूज को बतलाया कि उन्होंने पुरोहितों एवं विश्वासियों को सरकार के निर्देश का कड़ाई से पालन करने का प्रोत्साहन दिया है ताकि कलीसिया संक्रमण का स्थान न बने।

सभी राज्यों की एक समान स्थिति नहीं है। गुजरात जो एक सबसे अधिक संक्रमित राज्यों में से एक है वहाँ के जूनागढ़ पल्ली के पल्ली पुरोहित फादर विनोद कान्त ने उकान्यूज से कहा, "मैं गिरजाघर को लोगों के लिए तब तक नहीं खोलूँगा जब तक कि स्थिति सामान्य न हो जाए। यदि परमप्रसाद बांटने में संदेह है तो बेहतर है कि ऑनलाईन मिस्सा ही जारी रखा जाए।" उन्होंने बतलाया कि वे अपने विश्वासियों का नाम बेंच में रखकर उनके लिए प्रार्थना करते हैं।

झारखंड में अभी भी धार्मिक स्थल नहीं खुलेंगे क्योंकि राज्य सरकार ने 30 जून तक किसी भी धार्मिक स्थल को खोलने की अनुमति नहीं दी है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

09 June 2020, 17:03