कार्डिनल माइकल चरनी कार्डिनल माइकल चरनी  

कार्डिनल चरनी : आइडीपीएस को पहचान और समर्थन देना होगा

एक प्रेस सम्मेलन में नये "आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए प्रेरितिक दिशा-निर्देश" को पेश करते हुए, कार्डिनल माइकल चरनी ने कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए प्रेरितिक दिशा-निर्देश (आइडीपीएस) की आवश्यकता दुनिया में कोविद -19 के समाप्त होने के बाद होगी।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 6 मई 2020 (वाटिकन न्यूज) : समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के शरणार्थी एवं आप्रवासी विभाग के उप सचिव कार्डिनल माइकल चरनी एस.जे. के अनुसार, "अपने परमाध्यक्षीय काल की शुरुआत से, संत पापा फ्राँसिस कलीसिया को उन लोगों की ओर ध्यान देने और साथ देने हेतु प्रोत्साहित कर रहे हैं जो किसी भी कारणों से अपनी जगह और अपने देश छोड़ कर दूसरे जगहों में जाने के लिए मजबूर हैं।

मंगलवार को एक प्रेस सम्मेलन में उन्होंने नई पुस्तिका "आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों पर प्रेरितिक दिशा-निर्देश" को प्रस्तुत किया। इसे मंगलवार को M & R website पर प्रकाशित किया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में परमधर्मपीठीय परिषद के शरणार्थी एवं आप्रवासी विभाग के उप सचिव फादर फैबियो बग्गियो, सी एस और रोम में जेसुइट शरणार्थी सेवा (जेआरएस) के लिए अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता के समन्वयक अमाया वाल्कारसेल भी मौजूद थे।

संत पापा फ्राँसिस की "विस्थापित और कमजोर व्यक्तियों" की सेवा करने की प्रतिबद्धता के कारण प्रवासी और शरणार्थी विभाग की स्थापना हुई और 2017 में विभाग ने अपनी गतिविधि शुरू कर दी।

प्रवासियों और शरणार्थियों के अनुभाग का काम

 कार्डिनल चरनी ने कहा कि शुरु से ही प्रवासियों और शरणार्थियों के अनुभाग  ने उन पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की मदद करने के उद्देश्य से कई संसाधनों का उत्पादन किया है जो अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हैं। इन संसाधनों में 2017 में प्रवासियों और शरणार्थियों की देखभाल करने वाले संगठनों द्वारा उपयोग के लिए प्रेरितिक कार्य बिन्दुओं की एक सूची शामिल है और एक साल बाद, मानव तस्करी पर प्रेरितिक नीति निर्धारित किया गया।

2019 में, प्रवासियों और शरणार्थियों के अनुभाग ने आंतरिक विस्थापन के क्षेत्र में काम करने वालों, विद्वानों,  साझेदार संगठनों और कलीसिया के नेताओं ने साथ मिलकर परामर्श किया। कार्डिनल चरणी ने जोर देकर कहा कि आईडीपीएस पर दस्तावेज़ प्रवासियों और शरणार्थियों के अनुभाग द्वारा दिए गए "प्रतिक्रियाओं की एक श्रृंखला" का हिस्सा है। अनुभाग "कमजोर लोगों की स्थिति और उनकी जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करता है कि कलीसिया वास्तव में कैसे प्रतिक्रिया दे रही है और हम बेहतर तरीके से कैसे उन लोगों की मदद कर सकते हैं।"

कलीसिया के शिक्षण और कार्रवाई द्वारा पोषित

प्रवासियों और शरणार्थियों के अनुभाग के उप सचिव फादर फैबियो बग्गियो, सी.एस ने कहा कि नए दिशा-निर्देशों की जड़ें शिक्षण कार्यालय और कलीसिया के प्रेरितिक कार्रवाई में पाई जा सकती हैं। आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों पर प्रेरितिक दिशा-निर्देश सार्वभौमिक और स्थानीय दस्तावेज की समृद्धि से पोषित होते हैं जिसे कलीसिया, दुनिया के विभिन्न हिस्सों में विस्थापितों के लाभ के लिए उपयोग में लाती है।

महामारी के दौरान आईडीपीएस सहायक

कार्डिनल चरनी ने कहा कि नए दिशा-निर्देश, पिछले प्रस्तुतियों की तरह, "संत पापा द्वारा अनुमोदित" हैं। उन्होंने कहा कि आईडीपीएस योजना और व्यावहारिकता में कलीसिया के मंत्रालय का मार्गदर्शन करने के लिए हैं।

कार्डिनल ने कोरोना वायरस आपातकाल के दौरान प्रेरितिक अभिविन्यास के विशेष महत्व पर भी ध्यान दिया: "महामारी के इस समय में, वायरस उन लोगों के बीच अंतर नहीं करता है जो सम्मानित हैं और जो नगन्य हैं, जो बस गये हैं और जो विस्थापित हैं: हर कोई असुरक्षित है और संक्रमण हर किसी के लिए एक खतरा है।”

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06 May 2020, 16:32