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24 मई : चीन की कलीसिया के लिए प्रार्थना दिवस

संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें ने 2007 में चीनी काथलिकों को प्रेषित एक पत्र में चीन के लिए प्रार्थना दिवस की घोषणा की थी जिसको हर साल 24 मई को मनाया जाता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

चीन, शनिवार, 23 मई 2020 (रेई)- संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें ने 2007 में चीनी काथलिकों को प्रेषित एक पत्र में चीन के लिए प्रार्थना दिवस की घोषणा की थी जिसको हर साल 24 मई को मनाया जाता है।

24 मई को "धन्य कुँवारी मरियम ख्रीस्तियों की सहायिका" का पर्व मनाया जाता है जिसको शंघाई के निकट शेशान की माता मरियम तीर्थस्थल पर विशेष रूप से मनाया जाता है।  

13 साल पहले संत पापा बेनेडिक्ट 16वें ने माता मरियम के लिए एक प्रार्थना लिखी थी जिसमें उन्होंने माता मरियम से सच्चाई और प्रेम के रास्ते पर ईश प्रजा का मार्गदर्शन करने की याचना की थी ताकि हर परिस्थिति में सभी लोगों के बीच सौहार्दपूर्ण सहअस्तित्व की भावना बनी रहे, चीन के लोगों के समर्पण व उनके प्रतिदिन के प्रयास को बल मिले। वे आशा और प्रेम पर विश्वास करते हुए येसु के बारे दुनिया को बतलाना कभी न छोड़ें। अंत में उन्होंने ईश्वर की माता मरियम से प्रार्थना की थी कि काथलिक विश्वासी हमेशा प्रेम के दृढ़ साक्षी बने रहें, संत पेत्रुस की चट्टान पर एकजुट रहें जिसपर कलीसिया स्थापित है।

शेशान की माता मरियम
शेशान की माता मरियम

संत पापा फ्राँसिस ने अपने परमाध्यक्षीय काल के शुरू से ही चीन पर ध्यान दिया है तथा हर साल प्रार्थना के अवसर पर संदेश भेजकर काथलिक कलीसिया के प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य एवं स्नेह प्रकट किया है जो अपने दैनिक परेशानियों एवं चुनौतियों के बावजूद विश्वास करती एवं आशा और प्रेम में सुदृढ़ है। संत पापा ने अपने संदेशों में उन्हें माता मरियम के संरक्षण में सौंप दिया है ताकि वे विश्वव्यापी कलीसिया के साथ संयुक्त रह सकें।   

22 सितंबर 2018 को परमधर्मपीठ और चीन के बीच अनंतिम समझौता एक ऐतिहासिक घटना है जो एक यात्रा की शुरूआत है किन्तु उससे भी बढ़कर, चीन के काथलिक समुदाय एवं पूरे समाज के बीच सौहार्दपूर्ण सहयोग के नये चरण की शुरूआत बिन्दु भी है।

वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन ने एक साक्षात्कार में कहा था, हमें एक साथ चलना है क्योंकि सिर्फ इसी के द्वारा हम घावों को चंगा कर सकते हैं अतीत की गलतफहमियों को मिटा सकते हैं। दुनिया को यह दिखा सकते हैं कि दूर से शुरू करने के बावजूद फलप्रद समझदारी प्राप्त की जा सकती है।

शेशान की माता मरियम से प्रार्थना करते विश्वासी
शेशान की माता मरियम से प्रार्थना करते विश्वासी

अनंतिम समझौता परमधर्मपीठ एवं चीन के अधिकारियों द्वारा लम्बी एवं जटिल संस्थागत संवाद का परिणाम है जिसकी शुरूआत संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने की थी एवं जिसको संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें ने आगे बढ़ाया। यह धार्मिक मामलों के संचालन के लिए न केवल अधिकारियों की नियुक्ति है बल्कि सच्चे चरवाहे प्राप्त करना है जो येसु के हृदय के अनुकूल, ईश प्रजा की सेवा में उदारता पूर्वक सेवा करने के लिए समर्पित हो।  

जब से कोरोना वायरस महामारी आयी है परमधर्मपीठ एवं चीन ने, वायरस से लड़ने हेतु स्वास्थ्य सुरक्षा एवं हेल्थ उपकरणों का अनुदान कर, एक-दूसरे के प्रति एकात्मकता की भावना प्रकट की है। चीन के कई विश्वासियों ने वाटिकन के संत मर्था में संत पापा फ्राँसिस के दैनिक मिस्सा में लाईव प्रसारण में भाग लिया है।

परमधर्मपीठ का मानना है कि संवाद, ज्ञान और एक साथ यात्रा करने के द्वारा भविष्य में अधिक सौहार्द पूर्ण संबंध स्थापित किये जा सकते हैं जिसको संस्कृति एवं सुन्दरता के बीच आगे बढ़ना है, सौंदर्य हमें एकजुट करता है वाटिकन संग्रहालय से चीनी कला प्रदर्शित की गई थी जिसका एक उच्च प्रतीकात्मक मूल्य है इसका आयोजन 28 मई से 14 जुलाई 2019 को परित्यक्त शहर के संग्राहालय में किया गया था।  

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23 May 2020, 15:24