सिस्टर गिल (दायें) सिस्टर शालिनी (बायें) प्रदर्शनकारी महिला के साथ सिस्टर गिल (दायें) सिस्टर शालिनी (बायें) प्रदर्शनकारी महिला के साथ 

शाहीन बाग की महिला प्रदर्शनकारियों के समर्थन में काथलिक धर्मसंघी

काथलिक पुरोहितों और धर्मबहनों के एक समूह ने राष्ट्रीय राजधानी के शाहीन बाग की महिला प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, बुधवार,5 फरवरी 2020 (मैटर्स इंडिया) : सिस्टर अनास्तासिया गिल के नेतृत्व में दिल्ली के लगभग 25 काथलिक पुरोहितों और धर्मबहनों ने 2 फरवरी को उन महिलाओं के साथ एक दिन बिताया, जो नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध कर रही हैं।

सिस्टर गिल ने 50 से अधिक दिनों से दक्षिणी दिल्ली उपनगर में एकत्र हजारों महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा, "ईसाई समुदाय सीएए को भारत के संविधान की भावना के खिलाफ मानता है और कानून के रूप में इसे अस्वीकार करता है।"

सिस्टर गिल, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा, "इस महान राष्ट्र के नागरिक, ईसाई विरोध प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुट हैं क्योंकि वे हमारे राष्ट्र पिता महात्मा गांधीजी और बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा पोषित भारत के विचार का बचाव कर रहे हैं।"

प्रदर्शनकारियों के साथ काथलिक धर्मसंघियों ने “महात्मा गांधी जी का पसंदीदा भजन,"एबाइड विद मी"  और लोकप्रिय भजन “हम होंगे कामयाब"  नागरिक अधिकारों के आंदोलनों का गान गाया।

संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन अधिनियम के पारित होने के बाद महिलाओं ने अनायास और शांतिपूर्वक 15 दिसंबर से शाहीन बाग में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। महिलाओं ने जामिया इस्लामिया के छात्रों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता के साथ अपना विरोध तेज कर दिया।

सिस्टर गिल ने बाद में मैटर्स इंडिया को बताया कि शाहीन बाग का विरोध प्रदर्शन भारत भर के लोगों का व्यापक, सहज और गहन जनसमर्थन का एक उल्लेखनीय प्रतीक बन गया है। इस ने देश भर से उन सैकड़ों हजारों दर्शकों को आकर्षित किया है जो अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए आते हैं।

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05 February 2020, 15:57