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दक्षिण सूडान के नेता "रोम घोषणा" दक्षिण सूडान के नेता "रोम घोषणा" 

देश में शांति हेतु संत पापा प्रेरणाश्रोत, दक्षिण सूडान के नेता

दक्षिण सूडानी पार्टियों के बीच शांति के लिए संयुक्त घोषणा का श्रेय संत पापा फ्राँसिस के अथक प्रयास और प्रार्थना को जाता है। रोम में यहां संत इजीदियो समुदाय द्वारा समझौते की मध्यस्थता की गई थी।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

रोम, बुधवार,15 जनवरी 2020 (वाटिकन सिटी) : दक्षिण सूडान सरकार के प्रतिनिधियों और देश के विपक्षी आंदोलनों के प्रतिनिधियों द्वारा सोमवार को हस्ताक्षरित "रोम घोषणा" शांति और स्थिरता के लिए राष्ट्रों की अशांत यात्रा में आशा का एक ठोस और रचनात्मक संकेत है।

घोषणा में, पार्टियों ने 15 जनवरी को उस दिन के रूप में निर्धारित किया है जिसमें एक नया युद्धविराम प्रभावी होना है। उनका कहना है कि वे संत पापा फ्राँसिस, कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष ”और अन्य कलीसियाओं नेताओं द्वारा शांति, सामंजस्य और बंधुत्व के लिए अथक "आध्यात्मिक और नैतिक अपील" से वे दिल की गहराई से प्रेरित हुए हैं।  

संत पापा फ्राँसिस

संत पापा फ्राँसिस दुनिया के सबसे नए राष्ट्र में शांति के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं, यहां तक कि बीते वर्ष अप्रैल महीने में वटिकन में युद्धरत नेताओं की व्यक्तिगत रूप से मेजबानी की।

समझौते पर हस्ताक्षर के तुरंत बाद वाटिकन रेडियो से बात करते हुए, सरकारी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख, बरनाबा मारियल बेंजामिन ने कहा कि जब समझौते पर चर्चा की जा रही थी तो वे कमरे में संत पापा की उपस्थिति को महसूस कर रहे थे, क्योंकि इस निर्णय तक पहुँचना का श्रेय संत पापा को जाता है।

उनहोंने कहा, " आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। यहां, हम दक्षिण सूडान के लोगों के लिए प्यार के प्रति उनकी विनम्रता और शांति लाने और इस युद्ध को समाप्त करने हेतु संत पापा के अपील और अथक प्रयास का जवाब दे रहे हैं। जैसा कि आप दोनों पक्षों से सुन सकते हैं कि हम उस अपील का जवाब दे रहे हैं, उस प्रेम को और उस विनम्रता को जिसने वास्तव में हमें शर्मिंदा किया है: अगर शांति हमें प्रेरित करता है तो हम शांति कैसे नहीं ला सकते? और यही हमारी शांति है। आपस में लड़ने वाले हम सभी दक्षिण सूडानी हैं। मेरा मानना है कि वे कमरे में हमारे साथ मौजूद थे और हमें प्रेरित कर रहे थे।

संघर्ष के मूल कारणों से निपटना

बेंजामिन ने बताया कि सूडान में नागरिक संघर्ष के मूल कारणों को पहली बार संबोधित किया गया है। संत इजीदियो समुदाय द्वारा पेश किए गए सकारात्मक और मुक्त वातावरण ने उन लोगों को दबाव या पक्षपात के बिना मूलभूत मुद्दों की एक श्रृंखला से निपटने का अवसर दिया।

  “संत इजीदियो ने हमें बहुत अच्छे वातावरण की पेशकश की। बिना किसी पूर्वाग्रह के पार्टियों ने वास्तविक मुद्दों पर चर्चा की… हमने इस ‘रोम घोषणा पत्र’ पर हस्ताक्षर किए क्योंकि दक्षिण सूडान सरकार ने समस्या के मूल कारणों पर चर्चा करना स्वीकार किया। किसी भी समस्या के मूल कारणों पर चर्चा किए बिना आप समस्याओं को हल नहीं कर सकते। "

उन्होंने स्पस्ट किया कि अब उनका उद्देश्य चुनाव, सीमा निर्धारण, सुशासन, अपराधों के लिए जवाबदेही, देश में संसाधनों के प्रबंधन में पारदर्शिता, भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण सवालों का समाधान खोजना है ... उन्होंने कहा कि 2018 समझौते में सभी मुद्दों पर पर्याप्त रूप से उल्लेख नहीं किया गया था।

एक सवाल के जवाब में कि उनके प्रतिनिधिमंडल ने खार्तूम में 2018 समझौते पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किए, बेंजामिन ने कहा कि उन मुद्दों का उल्लेख किया गया था लेकिन प्रभावी ढंग से निपटा नहीं गया था।

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें लगा कि सूडान सरकार पार्टियों पर अपना एजेंडा लागू कर रही है ताकि जुबा के तेल संसाधनों के बारे में जल्दबाज़ी में समझौता किया जा सके।

आने वाले महीनों में वार्ताकारों द्वारा स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए संत इजीदियों समुदाय के कार्यक्रम का कार्यान्वयन किया जाएगा।

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15 January 2020, 17:17