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धार्मिक स्वतंत्रता दिवस पर धर्माध्यक्षों की अपील

महाधर्माध्यक्ष मुर्री ने मौलिक सिद्धांत पर ध्यान आकृष्ट किया है। स्वतंत्रता की संस्कृति का अर्थ है हर धर्म के लोग स्वतंत्र रूप से आस्था को जी सकें एवं बिना डर समाज के जीवन में सहभागी हो सकें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

अमरीका, बृहस्पतिवार, 16 जनवरी 20 (रेई)˸ "धार्मिक स्वतंत्रता की संस्कृति स्थापित करना, एक निरंतर एवं सतत प्रतिबद्धता है।" यह बात यंगसटाऊन के धर्माध्यक्ष एवं अमरीका के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के अध्यक्ष, धर्माध्यक्ष जॉर्ज मुरी येसु समाजी ने कही। उनकी यह टिप्पणी अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बाराक ओबामा द्वारा 16 जनवरी 2016 को स्थापित धार्मिक स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आयी।     

उन्होंने लिखा, "धार्मिक स्वतंत्रता की संस्कृति में दूसरों की गरिमा का सम्मान करना शामिल है और सभी लोग इस संस्कृति में कामयाब हो सकते हैं।" "यद्यपि धर्म के मुक्त अभ्यास को लंबे समय से देश के कानूनों द्वारा अनुमोदित किया गया है, धार्मिक अल्पसंख्यकों ने अक्सर अपने विश्वास को स्वतंत्र रूप से जीने में आक्रमण का अनुभव किया है। यहाँ तक कि आज भी कई यहूदी, ख्रीस्तीय समुदाय और अन्य धर्म के लोग कई तरह से अपने धार्मिक आजादी में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।"

यही कारण है कि महाधर्माध्यक्ष मुर्री ने मौलिक सिद्धांत पर ध्यान आकृष्ट किया है। स्वतंत्रता की संस्कृति का अर्थ है हर धर्म के लोग स्वतंत्र रूप से आस्था को जी सकें एवं बिना डर समाज के जीवन में सहभागी हो सकें।  

अंततः अमरीका के धर्माध्यक्षों की आशा है कि अमेरीका में काथलिक सभी की भलाई के लिए इस विरासत का निर्माण करने का फैसला कर सकेंगे।

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16 January 2020, 16:48