फिलीपींस में ज्वालामुखी फिलीपींस में ज्वालामुखी 

फिलीपींस की कलीसिया द्वारा ज्वालामुखी पीड़ितों की मदद की अपील

फिलीपींस की राजधानी मनिला के निकट सबसे सक्रिय ज्वालामुखी ताल रविवार से ही धुआं और राख उगल रहा है। सरकार ने करीब आधा मिलियन लोगों को आदेश दिया है कि वे ज्वालामुखी क्षेत्र के 14 किलोमीटर के दायरे को खाली कर दें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

फिलीपींस, बृहस्पतिवार, 16 जनवरी 20 (रेई)˸ फिलीपींस की काथलिक कलीसिया अपने सह-नागरिकों से मिलकर ताल ज्वालामुखी से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने में सहयोग दे रहे हैं। फिलीपींस के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने इस कठिन परिस्थिति में विश्वासियों से उदारता एवं एकात्मता का आह्वान किया है। 

विशेष मिस्सा संग्रह

काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष दावाओ के महाधर्माध्यक्ष रोमुला वाल्लेस ने कहा कि मिस्सा के दौरान विशेष दान संग्रह किया जाएगा और उससे स्थानीय कलीसियाओं में पीड़ित लोगों की मदद की जाएगी। दूसरी तरह की एकात्मता होगी चिकित्सा सुविधा प्रदान करना एवं विस्थापन शिविरों में रहने वाले लोगों की मदद करना।  

बटांगास में करीब 35000 लोग अपना घर छोड़कर, शहर के 27 केंद्रों में रह रहे हैं। उन केंद्रों में लोगों की संख्या बढ़ने की पूरी संभवना है चूँकि 14 किलोमीटर का खतरा क्षेत्र खाली किया जाना जारी है।

लिपा के महाधर्माध्यक्ष गिलबर्ट गरचेरा जिनके कार्य क्षेत्र में, ज्वालामुखी प्रभावित क्षेत्र आता है उन्होंने बुधवार को कलीसिया की ओर से राहत सेवा दे रहे स्वयं सेवकों के साथ ख्रीस्तयाग अर्पित किया। उन्होंने प्रवचन में कहा, "विश्वास अपने भाई-बहनों की सेवा है। हम विश्वास को ग्रहण करते एवं दूसरों को बांटते हैं।" उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे इसे विश्वास का अवसर बनायें। बटांगास के सभी विस्थापन केंद्रों में शनिवार को ख्रीस्तयाग अर्पित किया जाएगा।

फेक न्यूज और धोखाधड़ी

महाधर्माध्यक्ष गरचेरा ने खेद प्रकट किया कि कुछ लोगों के द्वारा फेक न्यूज फैलाया जा रहा है जो स्थिति की गलत जानकारी देता और लोगों में भ्रम पैदा करता है। धर्माध्यक्ष जोश कोविन बागाफोरो ने लोगों को धोखाधड़ी से बचने की भी चेतावनी दी है जिसमें धर्माध्यक्षों के नाम पर ज्वालामुखी पीड़ितों के लिए अनुदान राशि वसूली जाती है।  

बच्चे

सेव द चिलड्रेन (बच्चों की रक्षा) ने अनुमान किया कि करीब 21000 बच्चे खतरे के क्षेत्रों से हैं जिन्हें घर छोड़ना पड़ा है। संगठन ने डरे हुए और भ्रमित बच्चों के लिए गहरी चिंता व्यक्त की है, जिन्हें अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है, वे स्कूल से अनुपस्थित हैं तथा तंग और असमान निकासी केंद्रों में भूख और बीमारी का सामना कर रहे हैं।

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16 January 2020, 16:37