मोसुल के एक गिरजाघर के प्राँगण में क्रिसमस की पूर्वसन्ध्या एकत्र ख्रीस्तानुयायी मोसुल के एक गिरजाघर के प्राँगण में क्रिसमस की पूर्वसन्ध्या एकत्र ख्रीस्तानुयायी  

अस्थायित्व के बावजूद ईराक में ख्रीस्तीय विश्वास मज़बूत

ईराक का मोसुल शहर कथित आईएसआईएस आतंकवादियों के विनाशकारी हमलों के उपरान्त पुनर्निर्माण की कोशिश में लगा है, किन्तु मोसुल के काथलिक महाधर्माध्यक्ष का कहना है कि अस्थायित्व के बावजूद मोसुल में ख्रीस्तीयों का विश्वास पहले से कहीं अधिक मज़बूत है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर- वाटिकन सिटी

मोसुल, शुक्रवार, 3 जनवरी 2020 (रेई,वाटिकन रेडियो): ईराक का मोसुल शहर कथित आईएसआईएस आतंकवादियों के विनाशकारी हमलों के उपरान्त पुनर्निर्माण की कोशिश में लगा है, किन्तु मोसुल के काथलिक महाधर्माध्यक्ष का कहना है कि अस्थायित्व के बावजूद मोसुल में ख्रीस्तीयों का विश्वास पहले से कहीं अधिक मज़बूत है।   

जून 2014 से 2017 तक मोसुल शहर कथित इस्लामिक स्टेट आईएसएस आतंकवादी गुट का दुर्ग रहा था। इस आतंकवादी दल ने प्राचीन शहर मोसुल को खण्डहर बना कर छोड़ दिया है तथा यहाँ के अधिकांश नागरिक अन्यत्र पलायन करने के लिये मजबूर हुए हैं। 2017 के बाद बहुत कम नागरिक ही अपने घरों को वापस लौटे हैं।

विनाश के बाद पुनर्निर्माण    

वाटिकन न्यूज़ से बातचीत में मोसुल में खलदेई काथलिकों के महाधर्माध्यक्ष नजीब मिखाएल मूसा ने कहा कि आईएसआईएस द्वारा किये विनाश के बाद शहर में पुनर्निर्माण के प्रयास कहीं द्रुत तो कहीं अति धीमी गति से चल रहा है।

उन्होंने बताया कि मोसुल तिगरिस नदी द्वारा विभाजित है। स्थानीय रूप से ज्ञात लेफ्ट बैंक को 20-25% तक नष्ट कर दिया गया था किन्तु कई लोगों ने वहाँ लौट कर शीघ्र पुनर्निर्माण कार्य शुरु कर दिया है। आज यह क्षेत्र एक वास्तविक जीवन यापन का स्थल बन गया है। जबकि, दूसरी ओर शहर के दक्षिणी तट को कथित आईएसआईएस ने 95 प्रतिशत बरबाद कर दिया था। चार मठों सहित 14 गिरजाघर पूर्णतः नष्ट कर दिये गये थे, इसलिये तिगरिस के दक्षिणी भाग में सामान्य जीवन बहुत दूर की बात है।

रिश्ते टूट गये

महाधर्माध्यक्ष मूसा ने कहा कि आईएसआईएस के आतंक ने अन्तर-धार्मिक रिश्तों को भी खण्डित कर दिया है और इसी के चलते अनेकाकनेक ख्रीस्तीय धर्मानुयायी अपने घरों को वापस लौटने से कतरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न मुसलमान दलों के बीच तनावों के चलते अनेक ख्रीस्तीयों ने अपने पड़ोसियों में विश्वास को खो दिया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि ईराक में राजनैतिक  अस्थायित्व के कारण भी लोग अपने घरों को वापस नहीं लौट पा रहे हैं। उन्होंने कहा, "यहाँ कोई न्याय नहीं है, कोई कानून नहीं है, केवल भ्रष्टाचार है।"

विश्वास मज़बूत  

महाधर्माध्यक्ष मूसा ने कहा कि हालांकि कठिनाइयाँ अनेक हैं किन्तु कलीसिया मौन नहीं रह सकती, वह ईऱाक में बचे ख्रीस्तीयों की प्रेरिताई में संलग्न है। उन्होंने कहा, "यदि हमें ख्रीस्तीय चाहिये तो हमें ईराक में ही बने रहना होगा, अपने घरों में रहने के लिये हमें उनकी मदद करनी होगी। उनके लिये आवास एवं रोज़गार के अवसर ढूँढ़ने होंगे।"

महाधर्माध्यक्ष मूसा ने कहा कि मोसुल में और सम्पूर्ण ईराक में पुनर्निर्माण एक लंबी और कठिन प्रक्रिया है "लेकिन आज," उन्होंने कहा, "ईराक में ईसाइयों का विश्वास कल की तुलना में बहुत अधिक मज़बूत है।"

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03 January 2020, 11:54