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कार्डिनल ग्रेसियस द्वारा सभी की एकजुटता व सम्मान का आह्वान

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीआइ) के अध्यक्ष कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस ने देश के एक नए नागरिकता कानून पर चिंता व्यक्त की, जो लोगों को विभाजित कर रहा है। उन्होंने देश में एकजुटता और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देने का आह्वान किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 11 जनवरी 2020 (वाटिकन न्यूज) : भारत की काथलिक कलीसिया एक नए नागरिकता कानून के बाद सामाजिक तनाव और विरोध के बीच एकजुटता और धर्मनिरपेक्षता के प्रचार के लिए आहवान कर रही है।

नया कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के कुछ अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए अनुमति देता है जो 2015 से पहले भारत में बस गए थे, लेकिन उन मुसलमानों को छोड़कर जो भारत की आबादी का लगभग 14% हिस्सा बनाते हैं।

मुसलमानों के प्रति भेदभावपूर्ण और संविधान के धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ 11 दिसंबर को अपनाये गये कानून के बाद से आलोचकों द्वारा देश भर में विरोध प्रदर्शनों में 20 से अधिक लोग मारे गए हैं।

सभी के लिए एकजुटता और सम्मान

"नागरिकता संशोधन कानून सभी नागरिकों के लिए बहुत चिंता का कारण है और इस बात का खतरा है कि धर्म को लेकर हमारे लोगों का भी विभाजन हो सकता है, जो देश के लिए बहुत हानिकारक है, भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीआइ) के अध्यक्ष," कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस ने बुधवार को कहा।

कार्डिनल ग्रेसियस, जो बॉम्बे महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष हैं, ने ये बात, भारत के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीसीबीआइ) के एक नए सचिवालय भवन का उद्घाटन के अवसर पर कही। सीसीबीआइ देश के काथलिक लैटिन-संस्कार धर्माध्यक्षों को एक साथ लाता है। ।

उनकी टिप्पणी गंभीर घटनाओं के मद्देनजर आई है, जिसमें दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) पर हमला, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से संलग्न अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा किया गया था।

उन्होंने कहा, "हमारे देश में सभी के लिए एकजुटता और सम्मान को बढ़ावा देना सभी की जिम्मेदारी है।"

कार्डिनल ने 27 दिसंबर को एक बयान में जो कहा था उसे दोहराया। उन्होंने कहा, "नागरिकता संशोधन कानून के बारे में चल रहे विवाद और विरोध प्रदर्शन," "सभी नागरिकों के लिए बहुत चिंता का कारण है और देश को नुकसान पहुंचा सकता है।”

कार्डिनल ग्रेसियस ने कानून का विरोध करने वालों के साथ सरकारी बातचीत कर "न्याय, एकता और निष्पक्षता" के साथ आगे बढ़ने का रास्ता खोजने का सुझाव दिया और उन्होंने कहा कि देश और लोगों की भलाई के लिए यदि आवश्यक हो तो पीछे हटने या परिवर्तन लाने में कोई बुराई नहीं थी।

सीसीबीआइ  सचिवालय

बैनाउलिम में शांति सदन (हाउस ऑफ़ पीस) नामक नए सीसीबीआई सचिवालय विस्तार का उद्घाटन 12 धर्माध्यक्षों, अनेक पुरोहितों, धर्महनों और लोक धर्मियों की उपस्थिति में कार्डिनल ग्रेसियस द्वारा किया गया था।

सीसीबीआइ के अध्यक्ष, गोवा के महाधर्माध्यक्ष फिलिप नेरी फेर्राव ने पट्टिका का अनावरण किया और भवन को आशीष दिया। तीन मंजिला इमारत में 25 कमरे, एक प्रार्थनालय, और सभा कक्ष और खाने का कमरा है।

सीसीबीआइ, जिसका मुख्यालय बैंगलोर, कर्नाटक राज्य में है, भारत के विभिन्न हिस्सों में पाँच सचिवालय केंद्र हैं। सीसीबीआइ उप महासचिव और चार अन्य आयोग सचिव बैंगलोर में रहकर काम करते हैं।

भारत का काथलिक कलीसिया 3 धर्म विधि संस्कार - लैटिन, सिरो-मालाबार और सिरो-मलंकरा से बना है

भारत में 132 धर्मप्रांत और से 192 धर्माध्यक्ष है। सीसीबीआइ एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा धर्मध्यक्षीय सम्मेलन है।

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11 January 2020, 14:38