खोज

लेबनान में प्रदर्शनकारी लेबनान में प्रदर्शनकारी 

मेरोनाईट कार्डिनल द्वारा राजनीतिक नेताओं से अपील

लेबनान में अक्टूबर माह से ही देशभर में धरना एवं कई बार हिंसक प्रदर्शन जारी है। देश की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गयी है। सरकार बिजली, पेयजल आदि जैसे बुनियादी सुविधाओं के लिए भी भुगतान करने में असमर्थ है। उक्त सेवाओं के भुगतान के लिए पूंजी जुटाने के उद्देश्य से कर वृद्धि से भी लोग परेशान हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

लेबनान, मंगलवार, 17 दिसम्बर 2019 (रेई)˸ लेबनान के मेरोनाईट प्राधिधर्माध्यक्ष ने देश के राजनीतिक नेताओं से अपील की है कि वे अपने लोगों के हित के लिए अपने उत्तरदायित्वों को पूरा करें।

मेरोनाईट प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल बेकारा बोत्रोस राई ने 15 दिसम्बर को ख्रीस्तयाग के दौरान कहा कि यदि देश के राजनीतिक नेता ईश्वर की इच्छा पर चले होते तो लेबनान इस समय संकट में नहीं पड़ता।  

वाटिकन के फिदेस न्यूज की रिपोर्ट अनुसार मेरोनाईट कलीसिया के धर्मगुरू ने उपदेश में राजनीतिक नेताओं को सम्बोधित कर कहा, "यदि राजनीतिक नेता ईश्वर की इच्छा से सचमुच प्रेरित हुए होते और प्रार्थना किये होते, तब लेबनान आज लकवाग्रस्त संस्थान के साथ एक निराशाजनक आर्थिक एवं वित्तीय स्थिति में नहीं पड़ता। लोगों को भूख, अपमान और सबसे बढ़कर गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीना नहीं पड़ता, जहाँ लेबनान की आधी आबादी बेरोजगार है।"

ज्ञात हो कि अक्टूबर माह से ही देशभर में धरना एवं कई बार हिंसक प्रदर्शन जारी है। देश की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गयी है। सरकार बिजली, पेयजल आदि जैसे बुनियादी सुविधाओं के लिए भी भुगतान करने में असमर्थ है। उक्त सेवाओं के भुगतान के लिए पूंजी जुटाने के उद्देश्य से कर वृद्धि से भी लोग परेशान हैं।

कार्डिनल राई ने कहा है कि राजनीतिक नेता जनता के लिए अपने कार्यों एवं उन्हें सौंपे गये संसाधनों की जिम्मेदारी लें।

उन्होंने कहा, "यदि नेता ईश्वर की आवाज सुनते तो वे जनता की राशि का अपव्यय नहीं करते, मंत्री आपस में विभाजित नहीं होते एवं लोगों की मांग को अनदेखा नहीं करते, जब वे प्रदर्शन करते एवं धरना देते हैं।" उन्होंने गौर किया कि इन प्रदर्शनों ने लोगों को एकजुट किया है जो अक्सर धर्म एवं क्षेत्र के आधार पर विभाजित रहते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जिसको राजनीतिक नेता अनदेखा नहीं कर सकते और न ही कम कर आंक सकते हैं।  

प्रदर्शनकारियों ने लेबनान के बड़े शहरों में रैलियोँ का आयोजन किया जिसमें कभी-कभी सुरक्षा बलों पर आतिशबाजी और बोतलें फेंकी जाती हैं।

मेरोनाईट कलीसिया, पूर्वी रीति की एक काथलिक कलीसिया है जिसकी उत्पति 5वीं शताब्दी पुरानी है। इस कलीसिया के अधिक सदस्य मध्यपूर्व में पाये जाते हैं यद्यपि हाल के दशकों में वे पूरे विश्व में फैल चुके हैं।

कार्डिनल राई 2011 से ही मेरोनाईट कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष हैं। संत पापा बेनेडिक्ट 16वें ने 2012 में उन्हें कार्डिनल बनाया था। 2013 में वे प्रथम मेरोनाईट प्राधिधर्माध्यक्ष हुए जिन्होंने संत पापा के चुनाव सभा (कॉनक्लेव) में भाग लिया था। 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

17 December 2019, 16:56