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नई दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने हेतु प्रदर्शन नई दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने हेतु प्रदर्शन  

भारतीय धर्माध्यक्ष ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर दुख को साझा किया

उत्तर प्रदेश में एक 23 वर्षीय महिला पर हमला किया गया, जो अपने जीवन के लिए लड़ रही है। भारत में हर 15 मिनट में एक महिला के साथ बलात्कार होता है। महाधर्माध्यक्ष जेराल्ड जॉन मतियास के अनुसार, "परिवार में महिलाओं के लिए सम्मान सीखा जाता है" हर जगह भारतीय कलीसिया महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रही है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, शनिवार 07 दिसम्बर 2019 (एशिया न्यूज) : भारतीय कलीसिया "महिलाओं के खिलाफ सभी हिंसाओं के लिए दुःख और शर्म महसूस करती है," लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के महाधर्माध्यक्ष जेराल्ड जॉन मतियास ने एशिया न्यूज से बात करते हुए कहा।

भारत में हाल ही में हुई घटनाओं में से एक, जिसमें एक 23 वर्षीय महिला जीवन और मौत के बीच है, "मानव गरिमा के लिए एक गंभीर अपराध है"। महिलाओं के लिए, यह सुरक्षा के मामले में एक "गंभीर समस्या है।

महाधर्माध्यक्ष जॉन ने कहा, "महिलाओं के लिए सम्मान परिवार में सीखा जाता है। महिलाएं हमें जीवन देती हैं। एक बच्चे को जन्म देने के लिए एक माँ अपने जीवन का बलिदान कर सकती है। मुझे इसके लिए आभार की गहरी अनुभूति होती है और मैं हर दिन माँ मरियम से प्रार्थना करता हूँ।”

5 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश में एक युवती अपने बलात्कारी के खिलाफ गवाही देने के लिए उन्नाव जा रही थी, लेकिन बलात्कारी और तीन अन्य लोगों ने उस पर हमला कर दिया, उसे पेट्रोल डालकर आग लगा दी। उन चारों को कुछ घंटे बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

धर्माध्यक्ष ने कहा कि 6 दिसम्बर को रात "मिस्सा के बाद, संत जोसेफ महागिरजाघर के बाहरी सीढ़ियों पर मशाल की रोशनी में जुलूस का आयोजन किया जाएगा। हम पीड़िता के लिए प्रार्थना करने और हमारी एकजुटता दिखाने के लिए इकट्ठा होंगे।”

23 वर्षीय महिला वर्तमान में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 90 प्रतिशत से अधिक जल चुकी है। उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों के लिए, बहुत कम संभावना है कि वह बच पाएगी। एक हफ्ते पहले, हैदराबाद में इसी तरह के एक मामले में, 27 वर्षीय एक पशु चिकित्सक के साथ बलात्कार किया गया था और जला हुआ पाया गया था।

 लगभग डेढ़ साल पहले, “रॉयटर्स फाउंडेशन ने भारत को महिलाओं के लिए सबसे खराब देश के रूप में स्थान दिया। सरकार ने इससे इनकार करने की कोशिश की, लेकिन ताजा उन्नाव की घटना इसका सबूत है।”

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसाओं की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। जो लोग इसके विरोध में आवाज उठाते हैं उन्हें भी भय का सामना करना पड़ता है। उनके परिवार और संबंधियों को भी खतरा बना रहता है।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा "भारतीय कलीसिया महिलाओं के प्रति अवमानना की मानसिकता के खिलाफ काम कर रही है। यह हर जगह महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना चाहती है। हम अपने धर्मप्रांत में भी करते हैं। हम उन्हें उनकी गरिमा और अधिकारों के बारे में जागरूक करते हैं। हम नहीं चाहते कि व्यापक समाज या स्कूलों में भी उनके साथ भेदभाव हो। हम उन्हें पुरुषों के समान अवसर देते हैं। हम देश में एक छोटे से अल्पसंख्यक हैं, लेकिन मेरा मानना है कि हम जो करते हैं वह महत्वपूर्ण है। ”

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07 December 2019, 15:10