ऑस्ट्रेलिया में तीन दिवसीय काथलिक युवा उत्सव ऑस्ट्रेलिया में तीन दिवसीय काथलिक युवा उत्सव 

कलीसिया के पुनःनिर्माण हेतु ऑस्ट्रेलिया के युवाओं का आह्वान

"आत्मा जो कहता है उसे सुनें" यह 8-10 दिसम्बर तक ऑस्ट्रलिया में काथलिक युवा उत्सव 2019 की विषयवस्तु है। उत्सव का आयोजन ऑस्ट्रेलियाई काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के युवा विभाग ने की है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

ऑस्ट्रेलिया, मंगलवार, 10 दिसम्बर 2019 (रेई)˸ ऑस्ट्रेलिया में तीन दिवसीय काथलिक युवा उत्सव का उद्घाटन रविवार को पर्थ में हुआ जिसमें युवाओं को चुनौती दी गयी कि वे पवित्र आत्मा को सुनें तथा बाहर निकल कर ईश्वर की कलीसिया का पुनःनिर्माण करें।  

यह एक राष्ट्रीय कलीसियाई आयोजन है जिसका उद्देश्य युवाओं को अवसर देना ताकि वे येसु के साथ अपना संबंध गहरा कर सकें, आज की दुनिया में उनके शिष्य बनने के लिए सशक्त हो सकें एवं ऑस्ट्रेलिया की कलीसिया में जान डाल सकें।

पर्थ के सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र में आयोजित उत्सव में भाग लेने हेतु देशभर के करीब 5500 युवा जमा हुए हैं जिसमें संगीत कार्यक्रम के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं ने वक्तव्य पेश किया एवं प्रार्थनाएँ की गयीं।

कलीसिया का पुनःनिर्माण

पर्थ के महाधर्माध्यक्ष तिमोथी कोस्तेल्लोए ने युवा तीर्थयात्रियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "ईश्वर सच्चे हैं। ख्रीस्त जीवित हैं। कलीसिया जिसके आप अंग हैं आपकी मदद करना और आपको सुनना चाहती है। आपको सिखलाना और आपसे सीखना चाहती है। आपको चुनौती देना एवं चुनौती दिया जाना चाहती है।" उन्होंने युवाओं को, संत फ्राँसिस असीसी को ईश्वर के आदेश की याद दिलाते हुए कहा, "जाओ और कलीसिया का पुनःनिर्माण करो, जो ध्वस्त हो रही है।"

महाधर्माध्यक्ष ने युवाओं को चुनौती दी कि वे अपने आराम का त्याग करें, बाहर निकलें एवं कलीसिया का निर्माण करने में मदद दें। उसे नवीन बनाने एवं गिरने से बचाने के लिए सहयोग दें।

संध्या को युवाओं ने ईश प्रेम धर्मबहनों की मिशनरी धर्मबहन तेरेस मिल्स और जुडी बोवे से विश्वास संबंधी अंतर्दृष्टि प्राप्त की, जिन्होंने हाल ही में टेलीविजन शो, "द अमेजिंग रेस" के कार्यक्रम में भाग लिया था।  

सिस्टर जुडी ने बतलाया कि जब उन्हें प्रदर्शन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया तब कहा गया था कि यह ईश्वर प्रदत्त है एवं उन्हें पवित्र आत्मा को सुनना चाहिए। इसके द्वारा उन्हें अपने साथी प्रतियोगियों, संचालक दल और दर्शकों को अपनी बुलाहट एवं ईश्वर लोगों के जीवन में किस तरह कार्य करते हैं उसपर बोलने का अवसर मिला।

उन्होंने कहा, "यदि आप महसूस करते है कि आप पवित्र आत्मा को सुन रहे हैं तब आप किसी काम को भी अधिक साहस पूर्वक कर सकते हैं और यह अच्छी तरह सम्पन्न होगा।"

ईश्वर का "वर्तमान" बनना

वाटिकन में ऑस्ट्रेलिया के युवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सेवास्तियन दुहाव और होली रोबेर्ट ने अपने साथियों को बतलाया कि युवाओं को संत पापा फ्राँसिस की चुनौतियों को "बदलाव के नायक" एवं "ईश्वर के वर्तमान" के रूप में लेना चाहिए।

उत्सव का पहला दिन प्रार्थना एवं चिंतन करते हुए समाप्त हुआ।

पहला दिन
दूसरा दिन

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10 December 2019, 16:34