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वर्ष 2019 में विश्व में, 29 मिशनरी हुए मौत के शिकार

फीदेस एजेंसी ने अपनी वार्षिक सूची में 2019 के उन सभी मिशनरियों का नाम सूचिबद्ध की है जो कलीसिया के कार्यों में संलग्न या अपने विश्वास के कारण एक हिंसक तरीके से मारे गए।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 30 दिसम्बर 2019 (रेई, फीदेस) : अक्टूबर 2019 के असाधारण मिशनरी महीने के मद्देनजर, काथलिक समुदायों द्वारा स्थानीय कलीसिया के विश्वास के कई गवाहों के आंकड़ों को फिर से परिभाषित करने का एक अवसर था। फीदेस एजेंसी ने विभिन्न संदर्भों और स्थितियों में सुसमाचार प्रचार के लिए, इस वर्ष के दौरान मारे गए मिशनरियों से संबंधित जानकारी एकत्र करने की अपनी सेवा जारी रखा है। सभी बपतिस्मा प्राप्त विश्वासी के लिए "मिशनरी" शब्द का उपयोग किया गया है, हम जानते हैं कि "प्राप्त बपतिस्मा के आधार पर, कलीसिया का प्रत्येक सदस्य प्रभु एक मिशनरी शिष्य बन जाता है।

फीदेस द्वारा एकत्र आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 के दौरान दुनिया में 29 मिशनरियों को मार दिया गया, 18 पुरोहित, 1 स्थायी उप-याजक, 2 धर्मसंघी, 2 धर्म बहनें और 6 लोकधर्मी थे। लगातार आठ वर्षों के बाद जिसमें अमेरिका में मारे गए मिशनरियों की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई थी, 2018 के बाद से अफ्रीका इस दुखद रैंकिंग में सबसे ऊपर है।

 2019 में अफ्रीका में, कुल 15 मारे गये, जिसमें 12 पुरोहित, 1 धर्मसंघी, 1 धर्मबहन, 1 लोकधर्मी महिला थी।

अमेरिका में कुल 12 लोग मारे गये जिनमें  6 पुरोहित, 1 स्थायी उप-याजक, 1 धर्मसंघी, 4 लोकधर्मी थे।

एशिया में,  फिलीपीन की 1 लोकधर्मी महिला को मार दिया गया।

यूरोप में, 1 धर्मबहन को मार डाला गया था।  

फीदेस ने यह भी रेखांकित किया कि एक प्रकार से "हिंसा का वैश्वीकरण" हुआ है, जबकि अतीत में मारे गए मिशनरी ज्यादातर एक राष्ट्र में या एक भौगोलिक क्षेत्र में केंद्रित होते थे।  2019 में घटना अधिक सामान्यीकृत और व्यापक दिखाई देती है। अफ्रीका के 10 देश, अमेरिका के 8 देश, एशिया का 1 और यूरोप का 1 देश मिशनरियों के खून से सना हुआ है।

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30 December 2019, 16:01