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अमरीका में काथलिक कलीसिया का निर्माण आप्रवासियों द्वारा

कलीसिया के परमाध्यक्ष के साथ अपनी पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात, "आद लीमिना" के लिये अमरीका से रोम पधारे काथलिक धर्माध्यक्षों ने 7 नवम्बर को सन्त पापा फ्राँसिस से मुलाकात की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

अमरीका, बृहस्पतिवार, 7 नवम्बर 2019 (रेई)˸ अमरीका के धर्माध्यक्ष अडगर द कुन्हा ने वाटिकन न्यूज को बतलाया कि अमरीकी कलीसिया आप्रवासियों द्वारा बनी है और वे उनके अधिकारों के लिए हमेशा संघर्ष करेंगे।

उन्होंने कहा, "अमरीकी की कलीसिया हमेशा से आप्रवासियों की कलीसिया रही है।"

वाटिकन न्यूज को दिये एक साक्षात्कार में धर्माध्यक्ष एडगर द कुन्हा ने बतलाया कि उनके साथ 17 अन्य धर्माध्यक्षों ने संत पापा फ्राँसिस से मुलाकात की।

धर्माध्यक्ष एडगर अमरीकी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के आप्रवासियों, शरणार्थियों और यात्रियों की प्रेरितिक देखभाल विभाग के सदस्य हैं।

लहर पर निर्मित लहर

अमरीका में कलीसिया का निर्माण आप्रवासियों के द्वारा हुई है। इसमें से कई यूरोपीय देशों से आये हैं और अपने साथ अपने काथलिक विश्वास को भी लाये हैं।

उन्होंने बतलाया कि 1850 में काथलिकों की कुल संख्या 5 प्रतिशत थी जो आप्रवासियों के कारण 1906 में बढ़कर 17 प्रतिशत हो गयी। "हाल में आप्रवासी लातीनी अमरीका, अफ्रीका और एशिया से आये हैं।" इस समय अमरीका के 48 प्रतिशत काथलिक लातीनी हैं। कलीसिया स्वीकार करती है कि आप्रवासियों के बिना कलीसिया का अस्तित्व नहीं होता।

कलीसिया द्वारा आप्रवासियों के अधिकारों की मांग

अमरीका में आप्रवासियों एवं काथलिक कलीसिया के बीच एक प्रकार का सहजीवी संबंध है जहाँ प्रत्येक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की मदद करता है। आप्रवासियों को अपने अधिकारों की मांग, परिवारों की रक्षा और परिवारों को एकजुट करने के लिए कलीसिया की मदद की आवश्यकता है जो विस्थापन के कारण कई बार विभाजित और टूटे हुए होते हैं। उन्हें कलीसिया की आवश्यकता अपने अधिकारों एवं प्रतिष्ठा को समझने के लिए भी है। कई बार केवल कलीसिया इन मुद्दों पर बात करती है।

समुदाय के हिस्से

धर्माध्यक्ष ने कहा कि अमरीका के आप्रवासियों को कारिंदों के समान नहीं होना चाहिए जो किराया पर जगह लिया हो। उन्हें समुदाय के हिस्से के रूप में स्वागत किया जाना तथा हर पल्ली द्वारा अपने नये सदस्य के रूप में, पल्ली जीवन को सबल करने और जीवन देने वाले के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए।

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07 November 2019, 17:32