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हिंसक विरोध प्रदर्शन हिंसक विरोध प्रदर्शन  

चिली के धर्माध्यक्षों द्वारा गिरजाघरों की लूट और हिंसा की निंदा

चिली के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने एक बयान जारी की, जिसमें जारी हिंसा को समाप्त करने और शहरों के उन विश्वासियों के साथ एकजुटता व्यक्त की गई है जिनके गिरजाघरों को लूटा और अपवित्र कर दिया गया है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

संतयागो, बुधवार 13 नवम्बर 2019 (वाटिकन न्यूज) : चिली के काथलिक धर्माध्यक्षों ने संतयागो महाधर्मप्रांत के ख्रीस्तियों के साथ एकजुटता व्यक्त की, जहां एक पल्ली को लूटा गया और उसे अपवित्र कर दिया गया। वे अन्य शहरों के "समुदायों और पुरोहितों के साथ भी निकटता व्यक्त करते हैं जहाँ हिंसक विरोध प्रदर्शन में पूजा स्थलों को लक्षित किया गया था।

लूटपाट

संतयागों में शुक्रवार को हुड के प्रदर्शनकारियों ने एक काथलिक गिरजाघर को लूट लिया। राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिएनेरा की सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ विरोध करने के लिए लगभग 75,000 लोग पास के एक चौक में एकत्र हुए थे।

भीड़ ने ला असुनसियन गिरजाघर में तबाही मचाई, फिर मूर्तियों और अन्य धार्मिक वस्तुओं को हटाकर उन्हें आग लगा दी।

अपने बयान में धर्माध्यक्षों ने लिखा कि "गिरजाघरों और प्रार्थना के स्थानों पर हमला करना, ईश्वर का अपमान करना और ख्रीस्तियों को दुख पहुँचाना है। मंदिर और पूजा के अन्य स्थान पवित्र हैं ।

घूमने-फिरने से लेकर आगजनी तक

चिली ने राष्ट्रपति पिनेरा द्वारा मेट्रो टिकटों की कीमत बढ़ाने के बाद 24 दिनों से हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी है। विरोध प्रदर्शन टर्नस्टाइल कूदने वाले छात्रों के साथ शुरू हुआ और झड़प, लूटपाट और आगजनी में बदल गया। इसमें 20 से अधिक लोग मारे गए हैं और चिली रेड क्रॉस का अनुमान है कि 2,500 अन्य घायल हो गए हैं।

बयान में कहा गया कि कुछ लोगों की हिंसक कार्रवाई "चिली के अधिकांश लोगों के सही मांगों पर ध्यान देने से रोकती है, जो वास्तविक और शांतिपूर्ण समाधान के लिए तरस रहे हैं।"

प्रदर्शनकारी स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा प्रणाली, और पेंशन में सुधार के मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति पिएनेरा के इस्तीफे की मांग रहे हैं। चिली को लैटिन अमेरिका के सबसे अमीर लेकिन सामाजिक रूप से सबसे असमान देशों में से एक माना जाता है।

अन्याय और हिंसा का विरोध करना

धर्माध्यक्षों का कहना हैं कि चिली वासियों के साथ, वे भी मौलिक रूप से अन्याय और हिंसा का विरोध करते हैं और सभी रूपों में इसकी निंदा करते हैं।

वे अधिकारियों से "कानून लागू करने और एक लोकतांत्रिक राज्य के सभी संसाधनों का उचित तरीके से लागू करने" की अपील करते हैं ताकि आदेश और "नागरिक सह-अस्तित्व को फिर से स्थापित किया जा सके।"

लोग न केवल अन्याय से थक गए हैं, वे भी हिंसा से थक गए हैं। अंत में, धर्माध्यक्ष कहते हैं कि कई चिली वासियों के साथ, वे भी आवश्यक सामाजिक नींव के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए आवश्यक बातचीत की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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13 November 2019, 15:57