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त्रिपुरा, छात्र की मृत्यु, पुरोहित व हॉस्टेल प्रबंधक हिरासत में

काथलिक पुरोहित फादर लान्सी डीसूजा और बुलचांग हलाम को एक छात्र की मौत के आरोप में न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, बृहस्पतिवार, 24 अक्टूबर 2019 (रेई)˸ काथलिक पुरोहित फादर लान्सी डीसूजा और बुलचांग हलाम को एक छात्र की मौत के आरोप में न्यायिक हिरासत में रखा गया है।      

उत्तर पूर्वी भारत के होली क्रॉस धर्मसमाज के सहायक प्रोविंशल फादर रोय पौल द्वारा 21 अक्टूबर को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि फादर लान्सी डीसूजा और बुलचांग हलाम को 30 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में रखा जाएगा।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्हें 15 अक्टूबर को उस समय गिरफ्तार किया गया, जब नावीं कक्षा में पढ़ने वाले हप्पी देबबर्मा नामक लड़के की माँ ने अपने बेटे की मृत्यु का आरोप फादर लान्सी डीसूजा और बुलचांग हलाम पर लगाया।

होली क्रॉस धर्मसमाज के फादर डीसूजा त्रिपुरा के कुमारघाट स्थित संत पौल पल्ली के पल्ली पुरोहित हैं और हलाम संत पौल छात्रवास के हॉस्टेल प्रबंधक हैं।

फादर पौल का दावा है कि ये दोनों निर्दोष हैं। वे पुलिस की कारर्वाई को उत्तरपूर्वी भारत की कलीसिया को निशाना बनाने के कदम के रूप में देखते हैं। फादर पौल का मानना है कि ताजा घटनाक्रम "सभी वर्गों के लोगों, विशेष रूप से त्रिपुरा राज्य में कमजोर वर्गों के विकास के लिए कलीसिया द्वारा प्रदान की जा रही शैक्षिक और सामाजिक-आर्थिक सेवाओं को बाधित करने का एक प्रयास हो सकता है।"

फादर ने छात्र के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए, "एक होनहार छात्र का चला जाना कहा है।" उन्होंने कहा, "हम शोकित परिवार के साथ पूरी तरह एक हैं और उनका दुःख बांटते हैं। हम हप्पी देब्बार्मा की आत्मा की अनन्त शांति के लिए प्रार्थन करते हैं।" 

हालांकि, सहायक प्रोविंशल का कहना है कि वे तथ्यों की विकृति और झूठे उद्देश्यों के अघोषित घटनाक्रम से दुःखी हैं।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि घटना की शुरूआत लड़के की मृत्यु एवं उसके बाद पुलिस की कार्रवाई द्वारा हुई है। कहा गया है कि लड़के का स्वास्थ्य कमजोर था और उसकी मृत्यु 6 अक्टूबर को हुई, जब वह पूजा छुट्टी में घर पर था।

फादर पौल ने कहा, "देबबर्मा स्वभाव से बीमार था, बहुधा बीमार हुआ करता था और कभी-कभी पैरों में सूजन आ जाती थी।"

लड़का 27 सितम्बर को, अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद, छुट्टी में अपनी माँ के साथ घर चला गया था। घर जाने से पहले उसने हॉस्टेल इंचार्ज फादर डीसूजा से मुलाकात की थी। उस समय कोई शिकायत या किसी प्रकार की प्रतिकूल बात नहीं थी, फिर भी, किसी के द्वारा पता चला कि स्थानीय अस्पताल में चिकित्सा के बाद 4 अक्टूबर को देबबर्मा को अगरतला के अस्पताल में भर्ती किया गया था।  

शैक्षिक सचिव फादर जोय पौल ने उसी दिन अगरतला अस्पताल का दौरा किया तथा डॉक्टर ने बतलाया कि वे जाँच कर रहे हैं और चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यह एनीमिया का मामला हो सकता है।

देबबर्मा ने जाहिरा तौर पर अपनी माँ को बतलाया था कि हॉस्टेल प्रबंधक हलाम ने उन्हें 25 सितम्बर को पीटा था। 5 अक्टूबर को फादर डीसूजा ने आरोप की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की और हलाम को कारण बताओ नोटिस जारी किया।

अगली शाम, देबबर्मा के एक रिश्तेदार ने हॉस्टल को यह सूचित करने के लिए फोन किया कि लड़का मर गया।

7 अक्टूबर को होली क्रोस फादर रोबर्ट मथियस और त्रिपुरा के काथलिक विश्वासियों के चार सदस्यों ने प्रार्थना और संवेदना प्रकट करने के लिए अस्पताल में परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। होली क्रॉस के पुरोहितों ने देबबर्मा के गाँव का भी दौरा किया एवं परिवार के सदस्यों को सांत्वना दी।  

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि "हमें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि देबबर्मा की माँ ने एक एफ आई आर दर्ज की है कि वार्डन बुलचांग हलाम और प्रधानाध्यापक उसके बेटे की मौत के कारण हैं।"

9 अक्टूबर को, होली क्रॉस एजुकेशनल फाउंडेशन के अध्यक्ष ने कुमारघाट के प्रधानाध्यापक फादर सहया लुर्दू राज को लड़के की मौत पर लम्बे पूछताछ बाद मुक्त कर दिया। अध्यक्ष ने तब फातिमा सिस्टर अमली ग्रेसी को स्कूल प्रभारी नियुक्त किया।

पुलिस अधिकारियों ने 10 और 11 अक्टूबर को स्कूल का दौरा किया और फादर डिसूजा और उपस्थित अन्य पुरोहितों के साथ बात की। उन्होंने सीसीटीवी की हार्ड डिस्क को जब्त कर लिया जो स्कूल परिसर में लगाया जा रहा था।

12 अक्टूबर को फादर लान्सी डीसूजा पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार मेडिकल जाँच के लिए गये। दूसरे दिन पुलिस उनसे मिलने केंद्र पहुँची। फादर लान्सी डीसूजा को घर पर न पाकर उन्होंने मेहमान आये फादर जोय पौल और फादर अलफ्रेड डीसूजा को पुलिस स्टेशन बुलाया, जहाँ उन्होंने उन्हें 14 अक्टूबर तक रोके रखा।

इसके बाद दोनों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में ले जाया गया, जहां पुलिस ने उन्हें फादर लिन्सी डीसूजा की अनुपस्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने दोनों पुरोहितों पर सीसीटीवी से छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया। उसके बाद अदालत ने उन्हें तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। खबर सुनकर, फादर लिन्सी डीसूजा ने 15 अक्टूबर को केंद्र में लौटने के लिए अपने मेडिकल चेकअप में कटौती की। उन्हें पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में आने के लिए कहा गया, जहां उनपर हत्या का आरोप लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया।

एक अदालत ने उन्हें दो दिनों के न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उसी दिन, हलाम को भी गिरफ्तार कर लिया गया और उसे दो दिन के न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

17 अक्टूबर को फादर जोय पौल और फादर अलफ्रेड डीसूजा को जमानत मिली।

इस बीच पूजा की छुट्टियों के बाद 21 अक्टूबर को जब स्कूल खुला तो शोक सभा का आयोजित किया गया। 24 अक्टूबर को सिस्टर ग्रेसी ने मैटर्स इंडिया को बतलाया कि "बच्चे देबबर्मा की तस्वीर देखकर भयभीत थे।" उन्होंने यह भी बतलाया कि स्कूल अब सामान्य चल रहा है।

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24 October 2019, 17:18