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अजन्में जीवन हेतु प्रार्थना

आयलैण्ड धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के धर्माध्यक्षों ने अपने वसंत सामान्य संगोष्टी में जीवन हेतु प्रार्थना का आहृवान किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

आयरलैंड, शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2019(रेई)  आरयलैंड धर्माध्यक्षीय सम्मेलन में धर्माध्यक्षों मेनोथ के संत पैट्रिक महाविद्लायल में चल रही अपनी संगोष्टी में जीवन हेतु प्रार्थना करने का आहृवान किया जो धर्मप्रान्तों के विभिन्न पल्लियों में 06 अक्टूबर को किया जायेगा।

मानव कानून यह निर्धारित नहीं करते कि क्या अच्छा है और क्या सच्चा। आयरलैंड गणराज्य में गर्भपात के लिए वैधीकरण के पहले क्या सच था, वह प्रस्तावित दोष आज भी सच है। प्रत्येक मानव जीवन एक उपहार और आशीर्वाद है और इसे नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। उत्तर और दक्षिण आयरलैंड में, प्रत्येक मानव जीवन का सम्मान और प्रतिष्ठा एक विशिष्ट खतरे का अनुभव करती है।

ईश्वर के वचन की प्रासंगिकता खत्म नहीं होती है चाहे हमारे समाज में कोई भी बदलाव क्यों न आये। हमें जीवन के सुसमाचार को घोषित करने की जरुरत है। ईश्वर जीवन के स्रोत हैं इसके बार में स्त्रोत 139 कहता है, “तुम्हारे जन्म से पहले मैं तुम्हें जानता हूँ।” संत पापा बेनेडिक्ट 16वें ने कहा है कि, "हम में से हर कोई ईश्वीरय योजना का अंग हैं।”

धर्माध्यक्षों ने उत्तरी आयरलैंड में कलीसियाई अगुवों और लोकधर्मियों का आह्वान किया कि वे आने वाले दिनों में व्यक्तिगत और सार्वजनिक रुप से जवीन की सुरक्षा हेतु प्रार्थना करें। धर्माध्यक्षों ने कहा कि अक्टूबर का महीना पवित्र माला के लिए समर्पित है अतः हम माता "मरियम" की माध्यस्था द्वारा जीवन की सुरक्षा हेतु प्रार्थना करें।

उत्तरी आयरलैंड में गर्भपात कानून के कारण अजन्म बच्चों का जीवन खतरे की स्थिति में आ गया है क्योंकि गर्भधारण के 28 सप्ताह तक के अजन्मे बच्चों का गर्भपात करने की स्वीकृति को मंजूरी दी गई है। प्रार्थना के अलावे  हर ख्रीस्तीय को इस बात से अवगत होना चाहिए कि देश की स्थिति क्या है, कैसे उन्हें गर्भाधान से लेकर प्राकृतिक मृत्यु तक जीवन की संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद करने की जरुरत है।

संत पापा फ्रांसिस ने उत्तरी आयरलैंड के राजनेताओं से आह्वान किया है कि वे इस कानून को लागू होने से रोकने की पूरी कोशिश करें, ताकि हर मानव जीवन के मूल्य की रक्षा हो सके।

प्रत्येक मतदाता और प्रत्येक राजनीतिक प्रतिनिधि को यह स्पष्ट होना चाहिए कि गर्भपात जीवन के बहुमूल्य उपहार का क्रूर उल्लंघन है। यह मानव अधिकार के रूप में वर्णित करना भाषा को तोड़ना और उन शब्दों के सही अर्थ को गलत बताना है। एक अजन्मा बच्चा एक बढ़ता हुए बच्चा, एक किशोरी या एक दादा-दादी हर रूप में मानव के असल रूप हैं।

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04 October 2019, 17:39