संत मदर तेरेसा की कब्र संत मदर तेरेसा की कब्र 

संत मदर तेरेसा का 109वां जन्म दिवस

संत मदर तेरेसा का जन्म दिन विश्वभर के मिशनरीस ऑफ चैरिटी धर्मबहनों के लिए एक बड़ा पर्व है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

कोलकाता, मंगलवार, 27 अगस्त 2019 (मैटर्स इंडिया)˸ मिशनरीस ऑफ चैरिटी की धर्मबहनों ने अपने धर्मसमाज की संस्थापिका संत मदर तेरेसा का जन्म दिवस उनकी संत घोषणा के तीन साल बाद भी मनाया, जो एक काथलिक परम्परा को तोड़ना है।

कोलकाता के महाधर्माध्यक्ष थॉमस डीसूजा ने 26 अगस्त को, संत मदर तेरेसा के 109 वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में धर्मसमाज के मूल मठ में ख्रीस्तयाग अर्पित किया।  

ख्रीस्तयाग के तुरन्त बाद करीब 300 धर्मबहनों एवं नवशिष्याओं ने मदर तेरेसा की कब्र पर जन्म दिवस की शुभकामनाओं का गीत गया।

जब संत मदर तेरेसा जीवित थीं तब उनका जन्म दिवस एक बड़े पर्व के रूप में मनाया जाता था और उनके निधन (1997) एवं संत घोषणा (2016) के बाद भी धर्मबहनें इसे मना रही हैं।

काथलिक परम्परा के अनुसार केवल किसी संत के पर्व दिवस को ही मनाया जाता है जो उनका मृत्यु दिवस होता है न कि जन्म दिवस। ऐसा माना जाता है कि मृत्यु का दिन उस संत के लिए स्वर्ग में प्रवेश करने का दिन होता है।   

एक वरिष्ठ धर्मबहन ने ऊका समाचार से कहा कि धर्मबहनें मदर तेरेसा का जन्म दिवस अब भी मनाती हैं क्योंकि उन्हें जन्म दिवस मनाने से किसी ने नहीं रोका और वे ऐसा करने में किसी तरह की बुराई भी नहीं पाती हैं।

उन्होंने कहा, "जन्म दिवस के बिना पर्व दिवस (मरण दिवस) नहीं हो सकता। उन्होंने बतलाया कि मदर तेरेसा के पर्व को मनाने की तैयारी हेतु 27 अगस्त से वे नौरोजी प्रार्थना करेंगी। मदर तेरेसा का पर्व 5 सितम्बर को मनाया जाता है।

विश्व के 136 देशों के 700 घरों में भी संत मदर तेरेसा के जन्म दिवस को समारोह के साथ मनाया जाता है।

मिशनरीस ऑफ चैरिटी की मदर जेनेरल सिस्टर मेरी प्रेमा ने कहा कि उन्होंने सबसे गरीब लोगों की सेवा उसी तरह किया, जिस तरह उनकी माता ने गरीबों की सेवा करने एवं उन्हें येसु के पास लाने के लिए उन्हें सिखाया था।

मदर तेरेसा 19 साल की थीं जब वे एक लोरेटो धर्मबहन के रूप में 1929 में भारत आयीं थीं। उन्होंने 1948 में लोरेटो धर्मसमाज को छोड़ दिया ताकि शहर के झुगी- झोपड़ी में गरीबों की सेवा कर सके। मिशनरीस ऑफ चैरिटी धर्मसमाज की स्थापना उन्होंने सन् 1950 में किया और वर्तमान में धर्मबहनों की संख्या 4,500 है।  

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27 August 2019, 16:48