हिरोशिमा के धर्माध्यक्ष ने शांति की अपील की
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
हिरोशिमा, बृहस्पतिवार, 8 अगस्त 19 (वीएन)˸ जापान की कलीसिया ने हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बमबारी की 74वीं वर्षगाँठ को प्रार्थना के साथ मनाया तथा भविष्य में शांति एवं परमाणु निरस्त्रीकरण की अपील की।
हिरोशिमा के धर्माध्यक्ष अलेक्सिस मितसूरू शिराहामा ने एशियान्यूज से कहा, "मैं अपने धर्मप्रांत के विश्वासियों के साथ, उन सभी लोगों के प्रति कृतज्ञ हूँ जिन्होंने 6 और 9 अगस्त को हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बमबारी की 74वीं वर्षगाँठ पर विश्व में शांति के लिए प्रार्थना और कार्य किया है।"
उन्होंने कहा, "जापान की कलीसिया, जब वार्षिक "शांति के लिए 10 दिवसों" को 6 से 15 अगस्त तक त्रासदी और इसके शिकार लोगों की यादगारी में मना रही है, मैं महसूस करता हूँ कि यादों को ताजा करने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जब हम शांति एवं परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए एक साथ प्रार्थना और कार्य कर सकते हैं।"
अमरीका द्वारा हिरोशिमा में गिराये गये परमाणु बम में करीब 140,000 लोग मौत के शिकार हो गये थे। तीन दिन बाद नागासाकी में दूसरा बम गिराया गया था जिसमें 70,000 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा था और जापान के समर्पण के साथ द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया था।
हिरोशिमा की यादगारी
मंगलवार को महापौर काजुमी मातसुई ने अपने शांति भाषण में, विश्व में आत्म-केंद्रित राजनीति पर चिंता जतायी तथा नेताओं से अपील की कि वे परमाणु हथियार रहित विश्व की स्थापना के लिए कार्य करें।
करीब 50,000 लोगों एवं 90 देशों के प्रतिनिधियों के सामने हिरोशिमा के महापौर ने युवा पीढ़ी से अपील की कि परमाणु हशियारों का प्रयोग कभी नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने युद्ध को इतिहास की घटना के रूप में याद करते हुए, विश्व के नेताओं से आग्रह किया कि वे परमाणु बम गिराये गये शहरों का दौरा करें और वहाँ जो हुआ है उससे सीख लें।
कोरियाई प्रायद्वीप
हिरोशिमा परमाणु बमबारी के वर्षगांठ समारोह के कुछ घंटो पहले ही, उत्तर कोरिया द्वारा हथियारों के प्रदर्शन के चौथे दौर में संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च किया गया।
एशिया न्यूज को दिये एक वक्तव्य में धर्माध्यक्ष शिराहामा ने कोरियाई प्रायद्वीप की समस्या पर प्रकाश डाला और उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच परमाणु हथियार निरस्त्रीकरण पर हुए समझौते को इसी साल अमल किये जाने की उम्मीद जतायी।
उन्होंने ईश्वर पर भरोसा रखते हुए कहा, "मैं सभी लोगों के साथ ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ और हर दिन उन्हें चढ़ाता हूँ कि सब कुछ ईश्वर के द्वारा हो।"
जापान में संत पापा की यात्रा का प्रस्ताव
संत पापा फ्राँसिस ने जनवरी में कहा था कि वे नवम्बर में जापान की यात्रा करेंगे, हालांकि इस यात्रा के लिए कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है। 1981 में संत पापा जॉन पौल द्वितीय की प्रेरितिक यात्रा के 39 सालों के बाद, जापान की यात्रा हेतु संत पापा फ्राँसिस पहले संत पापा होंगे।
जापान की काथलिक कलीसिया द्वारा "शांति के लिए 10 दिन", 25 फरवरी 1981 को संत पापा जॉन पौल द्वितीय की अपील पर काथलिक धर्माध्यक्षों के सम्मेलन का प्रत्युत्त था। प्रस्तावित यात्रा के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी में पोप फ्रांसिस से इसी तरह की अपील की उम्मीद है।
"शांति के लिए 10 दिन"
इस साल "शांति के लिए दस दिन" के संदेश में जापान के काथलिक धर्माध्यक्षों ने जुलाई माह में एक संदेश प्रकाशित किया था जिसमें शांति की अपील की गयी थी और कहा गया था कि यह लोगों के समग्र विकास से ही सम्भव हो सकता है।
धर्माध्यक्षों ने प्रार्थना में पोप फ्रांसिस के साथ एकजुट होने का वादा किया है ताकि वे परमाणु हथियारों के उन्मूलन की मांग करते हुए सभी के अभिन्न विकास में गहराई से शामिल होकर, शांति का निर्माण करने में सक्षम हो पायेंगे।
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